“हर काम मर्यादा में रहकर ही अच्छा लगता है पत्नी जी” – ज्योति आहूजा

देविका। देविका” पति अमित ने अपनी पत्नी देविका को आवाज देते हुए कहा। “कहां हो ?कब से बुला रहा हूं।

“आई बाबा !क्यों इतना जोर जोर से चिल्ला रहे हो?आ तो रही थी।

सुबह के 10:00 बजने को हैं देविका। तुमने ना मेरा कोई नाश्ता बनाया। ना मेरा ऑफिस के लिए टिफिन तैयार किया। सुबह-सुबह क्या करने में लगी हुई हो?तुम्हारा ध्यान आजकल कहां रहता है?

तब जवाब में देविका ने कहा। “ओहो !अमित तुम तो जब देखो गुस्से में रहते हो। जब देखो जल्दी में रहते हो। मुझे ऑफिस के लिए लेट हो रहा है जल्दी करो। बस एक ही तकिया कलाम है तुम्हारे पास। तुम्हें पता है ना मैंने कल रात को फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल की तस्वीर चेंज की थी। बस उसी के कमेंट पढ़ रही थी। तुम्हें पता है मुझे ढेरों कमेंट आए हैं। लोग मेरी खूबसूरती की तारीफ कर रहे हैं, मेरे ड्रेसिंग सेंस की तारीफ कर रहे हैं। उन्हीं को धन्यवाद कहने में जरा समय लग गया।

देविका की बात सुनकर अमित ने कहा “देविका तुम्हें आजकल हो क्या गया है ?जब देखो यह सोशल मीडिया यह फेसबुक, इंस्टाग्राम। यह व्हाट्सएप। जब देखो इन्हीं में ही लगी रहती हो। ना तुम्हारा अंशु पर ध्यान देने में मन है। वह अब 2 साल का हो रहा है,अब वह चलने लगा है। कल उसका स्विच बोर्ड में हाथ आते आते बच गया। लेकिन तुम अपनी काल्पनिक जिंदगी में जी रही हो।यदि मैं समय पर नहीं पहुंचा होता तो ना जाने अंशु के साथ कल क्या हो जाता। पर तुम्हें इसकी फिक्र थोड़ी ही है।

 

“अरे मैंने एक फेसबुक पर तस्वीर क्या लगा दी और उसके कमेंट पढ़ने में और जवाब देने में जरा सी व्यस्त क्या हो गई तुम्हारा तो पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। एक नाश्ता और टिफिन क्या जरा सा लेट हो गया तुमसे तो बर्दाश्त भी नहीं हुआ। कौन सा मैं यह रोज रोज करती हूं। 10 मिनट दो मैं अभी बना देती हूं। देविका ने कहा।

“रहने दो!यह केवल कल की ही बात थोड़ी थी। हर दस  दिन में  यही हाल रहता है ।खैर।मुझे काफी लेट हो गया है ।अमित ने देविका को थोड़ा गुस्से में कहा।मैं ऑफिस में ही जाकर नाश्ता कर लूंगा और दोपहर का खाना भी मैं बाहर ही खा लूंगा। तुम जरा अंशु पर ध्यान दो। और घर की थोड़ी साफ सफाई  कर लो।




“हां। ठीक है। ठीक है ।कर लूंगी। अब ज्यादा भाषण देना बंद करो।देविका ने अमित से कहा।

“अमित के ऑफिस जाते ही देविका ने थोड़ी देर अंशु को देखा और थोड़े बहुत घर के काम निपटा कर नहा धोकर तैयार हो गई। और उसके बाद फिर लैपटॉप लेकर बैठ गई।

देविका दिल की बहुत अच्छी थी परंतु अभी उसमें थोड़ा बचपना था। या यह कह सकते हैं अपनी मर्जी की मालकिन थी वह।

“सोशल मीडिया में फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल तस्वीर में आए हुए कमेंट को देखकर मन ही मन खुश हो रही देविका ने अपने आप से कहा। “तुम क्या लगती हो देविका? तुम्हें देखकर कोई नहीं कह सकता कि तुम 2 साल के बेटे की मां हो। आखिर मैंने अपने आप को मेंटेन किया हुआ है। अपने ऊपर गर्व से इतराती हुई देविका ने अपने आप से कहा।

 

“रात को जब अमित ऑफिस से घर आया तब भी देविका सोशल मीडिया पर ही लगी हुई थी। जैसे सोशल मीडिया ही उसका घर बन गया हो।

“पति को ऑफिस से घर आकर कमरे में दाखिल होते देख देविका तुरंत उठी और उसने पति अमित को कहा। “अरे आ गए! मुझे पता ही नहीं चला।

“हां!तुम्हें कहां पता लगेगा। तुम तो अपनी काल्पनिक जिंदगी में जो जी रही हो।  अमित ने देविका से कहा।

 

क्या कर रही थी अभी। पक्का फेसबुक, इंस्टाग्राम पर लगी हुई होगी। और पोज बना बना कर तस्वीरें खींचकर फेसबुक पर तस्वीरों का तांता ही लगा दिया होगा। तुम्हें इन सब प्लेटफॉर्म्स पर तस्वीरों को लगाने का क्या भूत सवार हो गया है? देविका मुझे बताओ।




“देविका मैं यह नहीं कहता कि यह सब चीजें तुम मत करो। इतना अवश्य कहूंगा कि यह चीजें लिमिट में रहे तो सही रहता है। हर चीज एक लिमिट में रहकर करो तो कोई आपत्ति नहीं होती। हर बात की एक मर्यादा होती है  जिसके दायरे के भीतर रहकर कोई भी करना कभी हानि नहीं देता। 

और यह तुमने फेसबुक पर किन-किन लोगों को अपना फ्रेंड बना रखा है। जरा बताओगी तुम मुझे?इनमें से बहुत लोग तो ऐसे हैं जिन्हें मैं भी नहीं जानता। कौन है यह लोग? क्या तुम्हारे कॉलेज के सहपाठी है?अमित देविका को पूछता है।

हां ।इनमें से कुछ मेरे कॉलेज के सहपाठी है। और काफी लोगों  को मैं नहीं जानती।लेकिन इन लोगो ने मुझे रिक्वेस्ट भेजी और मैंने एक्सेप्ट कर ली। देविका ने कहा।

लेकिन क्यों देविका? तुम्हें ऐसी क्या जरूरत है अनजान लोगों को अपना फेसबुक फ्रेंड बनाने की।हम इन्हें जानते नहीं! पहचानते नहीं! हमें बिल्कुल नहीं पता कि यह किस तरह के लोग हैं। किस मकसद से वे तुम्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहे हैं। यह मैं सिर्फ तुम्हारे लिए नहीं कह रहा हूं ।यहमैं अपने लिए भी ऐसा ही सोचता हूं। हां !जिनसे हम मिल चुके हैं। अच्छी तरह से उन्हें  हम जानते हैं कि वे हमारे लिए बिल्कुल सही है। उनसे इन तरह के प्लेटफार्म पर कांटेक्ट में रहना कोई गलत नहीं। अच्छा भी है! इस बहाने पुराने यार दोस्त जो हमारे साथ स्कूल कॉलेज में पढ़ते थे। जिनके साथ हमने अपनी जिंदगी का अच्छा वक्त बिताया है। आज भी हमारे साथ जुड़े हुए हैं। तो यह सोशल मीडिया हमें एक माध्यम देता है कि हम उनसे जुड़ सकें। और तो और देश में क्या चल रहा है ,सोशल मीडिया के माध्यम से हम जानकारी प्राप्त करते रहते हैं जो कि एक अच्छी चीज है। परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने बारे में जानकारी दी जाए।खामखा ये तुम्हारी तस्वीरों का गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

 

यह तुम समझती क्यों नहीं हो?अमित ने देविका से कहा।

 

तभी देविका ने तुरंत कहा। “ऐसा कुछ नहीं होगा। तुम खामखा चिंता कर रहे हो।

 

इस पर अमित कहता है। चलो मान लिया ऐसा कुछ नहीं होगा। और कम से कम अपने आप को हम सुरक्षित तो रख सकते हैं ना। इसमें कोई हानि नहीं है।

“अमित ने फिर कहा।कल ही जो तुमने रात को फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल तस्वीर लगाई है। मैंने भी उसके कमेंट पढ़ें। उसमें कुछ आदमियों के ऐसे अवांछित ( unwanted) कॉमेंट पढ़ कर मुझे कितना बुरा लगा! तुम्हें पता भी है।  क्या जरूरत होती है ऐसे लोगों को अपना फेसबुक दोस्त बनाने की।  ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

पति अमित की इतनी सब बातें सुनने के बाद थोड़ा गुस्से में आई देविका ने कहा ।”तुम्हारी बातों से तो ऐसा लगने लगा है कि तुम मुझसे जलते हो। तुम्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा कि लोग मुझे इतना पसंद करते हैं ।मेरी खूबसूरती की तारीफ करते हैं। तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि तुम्हें ऐसी बीवी मिली है।

पत्नी की ऐसी खरी-खोटी बात सुनने के बाद अमित ने देविका से कहा। “मैं तुमसे क्यों जलूंगा भला? मैं तुमसे प्यार करता हूं ।तुम्हारे लिए सोचता हूं मैं। कोई भी पति यह नहीं चाहेगा कि उसकी पत्नी की तस्वीर गलत हाथों में पड़े। उसका गलत तरीके से इस्तेमाल हो । तुम थोड़ा संभल जाओ।




इतना समझाने के बावजूद भी देविका पर अमित की बातों का कुछ ज्यादा असर नहीं हुआ।

उसे तो जैसे सोशल मीडिया का भूत सवार हो गया था। लेकिन वह कहते हैं ना एक ना एक दिन ऐसा आता है। अति हर चीज की बुरी होती है। जो अमित ने सोचा था कुछ वैसा ही घटित हो गया।

 

देविका की प्रोफाइल तस्वीर किसी अनजान शख्स ने वहां से उठाकर उसका गलत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। देविका की प्रोफाइल फोटो लेकर अलग नाम से आईडी बना कर गलत इस्तेमाल करना कोई सही बात नहीं थी।यह बात जब देविका और अमित को पता चली तब देविका बहुत घबरा गई थी ।

उसने रोते-रोते अमित को कहा “अमित यह सब क्या हो रहा है? मुझे बहुत डर लग रहा है।

तब अमित ने देविका को पहले तो डांटते हुए कहा “देखा मैं कहता था ना! यह सोशल मीडिया ;फेसबुक , इंस्टाग्राम यह सब प्लेटफार्म यदि कुछ मामलों में अच्छे हैं तो कई मामलों में बुरे भी साबित हो सकते हैं। यदि इनका सही तरीके से  मर्यादा पूर्वक इस्तेमाल नहीं किया जाए।

तब यह सब बातें सुनकर देविका अमित से माफी मांगती है और कहती है ।”अमित इस बार मुझे माफ कर दो और आगे से मैं इन चीजों की आदत काफी हद तक कम कर दूंगी और पूरा ध्यान अपने घर के कामों और अंशु की परवरिश में लगाऊंगी! मैं बहक गई थी अमित। मुझे दिल से माफ कर दो।

पत्नी की रोनी सूरत देखकर अमित से रहा नहीं गया। उसने कहा।” ठीक है !तुम चिंता मत करो !मैं कुछ करता हूं। 

पहले अपनी प्रोफाइल को लॉक करो या अपना अकाउंट कुछ दिनों के लिए बंद कर दो।और हम  हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क भी करेंगे और फेक आईडी के बारे में जानकारी देंगे  और मैं इसके तहत रिपोर्ट का एक फॉर्म भरता हूं। मुझे उम्मीद है कि हमारी पूरी सहायता की जाएगी।लेकिन तुम मुझसे वादा करो कि आज के बाद ऐसी कोई हरकत नहीं करोगी जिससे कि तुम्हारा नुकसान हो। क्योंकि मैं तुम्हारी बहुत फिक्र करता हूं ।मैं तुमसे प्यार करता हूं और जो प्यार करते हैं वह ही अपनों की  फिक्र करते हैं।

 

यदि बार बार ऐसी गलती करोगी तो मैं भी कब तक साथ दे पाऊंगा। एक बार समझाने पर दो बार समझाने पर भी यदि भविष्य में तुम नहीं मानोगी तो मुसीबत में पड़ जाओगी ।इसलिए मुझसे पक्का वादा करो तुम यह सब नहीं करोगी।

 

नहीं नहीं अमित।” मैं वादा करती हूं कि मैं ऐसी गलती नहीं करूंगी। देविका ने कहा।

 

चलो देखते हैं इसमें ही तुम्हारी भलाई है। ऐसा कहकर

 

अमित देविका को गले लगा लेता है।

दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी। पढ़कर बताइएगा जरूर।

#मर्यादा 

आपकी सखी

 

ज्योति आहूजा।

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!