छैनू भैया की करवाचौथ  – अनुज सारस्वत

“कल करवाचौथ है,सामान लाना है मार्केट से आप उठिये ,वैसे भी सामान ज्यादा है हमारी पहली करवाचौथ जो है”

मिसेज छैनू ने छैनू भैया के कान में अलार्म बजाते हुए बोला ,छैनू भैया स्विस लोक में विचरण करते हुए स्वप्न देख रहे थे कि अचानक दिये गये झटके से पृथ्वी लोक में एशिया महाद्वीप के भारत देश के एक छोटे से कस्बे में स्थित मोहल्ला हैरान गली की कुटिया नं 102 के पलंग पर बापिस आ लिये

छैनू भैया झल्ला के उठे और बोले 

“क्या यार कितना गदर सपना देख रहे थे स्विट्जरलैंड वाला और उठा दिये”

इससे आगे कुछ बोल पाते कि चंचल नैनो वाली चंचलाक्षी देवी मिसेज छैनू ने प्यार की चाशनी में डुबोकर अपने करों से छैनू भैया के कपोलों को लेकर अपने मृगनयनी से नयन छैनू भैया की दलदली स्वप्न विभूरा आँखो की गहराई में डुबकी लगाकर कहा 

“पहले ये बताओ जो सपना देख रहे थे स्विट्जरलैंड वाला उसमें किस लड़की के साथ घूम रहे थे”

छैनू भैया इस परमाणु गुगली वार के लिये कतई तैयार नही थे लेकिन फील्डिंग जमाते हुए बोले 

“हे परम सुंदरी तुम और कौन मेरे हर सपने का तुमने ही तो कांट्रैक्ट साइन किया है।

“चलो झूठे बातों ना बनाओ ,जल्दी उठो तैयारी करनी है,देखो मैं कल का प्लान पहले ही बता दे रही हूँ ,जो खिलाना है आज खिला देना मुझे सुबह सुबह नही खाया जाता और आपके लिये सुबह ही सारा खाना पीना बना दूंगी ताकी अच्छे से सज सकूं पहला करवा चौथ है फिर सबको वीडियोकॉल करेंगे।”




“अरे तो क्या कुछ भी नही खाओगी इतना जरूरी है क्या रखना ?देखो विदेशों में तो ना रखती कोई औरत “

छैनू भैया चुटकी लेते हुए बोले तभी तपाक से धर्म पत्नी जी ने गांडीव पर प्रक्षेपास्त्र चढ़ाकर छोड़ते हुए कहा 

“हां तभी उनके हर साल पति बदलते और सुनो बहस नही हमारी संस्कृति हमारी विरासत है ,उन लोगों के और भी तो अनेक चोचले होते लेकिन हम भारतीयों को तो बस अपनी झंड करानी हर चीज में उनसे तुलना करके,रूको अभी मम्मी जी को फोन लगा रही”

अब तो छैनू भैया का कलेजा पेंडुलम बन गया और बोले 

“हीहीही अरे हे चंडी अब हम मजाक भी ना करे का”

इतना कहते ही पंद्रह मिनट में छैनू भैया उठकर नहा धोकर बुलेट ट्रेन की गति से तैयार होकर बोले 

“चलो मोहतरमा हम रेडी “

पत्नी-“दस मिनट रूको जब तक आप नाश्ता करो “

छैनू भैया डायनिंग पर बैठकर मोबाइल चलाते हुए गूगल पर 

“करवाचौथ क्यों मनाते हैं ?सर्च करने लगे फिर उनको मालूम पढ़ा कि एक बार देव और दानव युद्ध के दौरान देवता जब हारने लगे तो ब्रह्मदेव ने देवताओं की पत्नियों को यह व्रत करने को कहा जिसके फलस्वरूप देवता जीत गये थे,दूसरी कहानी महाभारत किल की थी कि द्रौपदी ने युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण के कहे अ व्रत किया फिर और पढ़ा कि उत्तर पश्चिम भारत की महिलाएं इसलिए भी करती हैं कि सबसे ज्यादा भारतीय सैनिक इसी क्षेत्र से जाते है तो उनकी उम्र की सलामती के लिए यह व्रत रखा जाता बाकी सावित्री वाली कहानी तो पता ही थी




“चलो जी तैयार हो गयी मैं “

धर्मपत्नी ने मोबाइल ध्यानेशवर महाराज को हिला कर बोला 

फिर दोनों ने जाकर करूये, पूजन सामग्री थाली,मिठाई आदि खरीदे ,सरगी के लिये धर्म पत्नी के पसंद का केसर कलाकंद और कचौड़ी खरीदी गयी रायता मारके 

शाम तक दोनों वापस आ गये थे ,तभी एक फोन आया छैनू भैया के पास और छैनू भैया ओके ओके बोले 

फोन रखकर धर्म पत्नी को बोला

“हे प्रानप्रिय कल अपुन की पार्टी है आफिस में तो खाना नही बनाना यो यो खाना सिंह “

“जी ठीक है “धर्म पत्नी ने कहा करवाचौथ का दिन आ गया था छैनू भैया आफिस चले गये थे शाम को वापिस आये अब चाँद ना निकले बादल आ गये थे  दस चक्कर छैनू भैया काट चुके थे छत केअब छैनू भैया से रहा ना गया

और बोले 

“अरे ओ चंदा मामा निकल आ रे भैया काहे परीक्षा ले रहे”

धर्म पत्नी का माथा ठनका और पूछा 

“आपकी तो आज पार्टी थी ना खाओ सर की कसम अब तो छैनू भैया फंस गये “

“अरे नही कोई पार्टी नही थी वो क्या है ना हम तुम्हे  सरप्राइज देना चाहते थे हम भी ब्रत रखे हैं कल सारी कहाँनिया पढ़ी तो यही निष्कर्ष निकाला कि सब युद्ध के दौरान कई घटनायें थी पति दूर थे अब तो पति और पत्नी पास हैं जो कि युद्ध से भी खतरनाक स्थिति है इसीलिये तुम ही क्यों तप करो हम भी बराबर साथ देंगे तुम्हारा”

ऐसी हंसी ठिठोली में छैनू भैया कह गये धर्म पत्नी की आँखे नम हो गयी और बोली “आप भी ना बस”

और कुछ बोलती इतने में चंदा देव प्रकट हो गये तुरंत दोनों ने पूजा की और करूये से एक दूसरे को पानी पिलाया।करवाचौथ का गिफ्ट दिया धर्मपत्नी को।

छैनू भैया का पेट चिड़ियाघर बन चुका था खाने पर ऐसे टूटे कि कई जन्मों के बाद मिला।

इधर मिसेज छैनू मंद मंद मुस्काती रही और खाते हुए छैनू भैया को गले लगा लिया।

-अनुज सारस्वत की कलम से 

(स्वरचित एवं मौलिक)

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