एक बार एक मानसी नाम की लड़की होती है वह बहुत चुलबुली और हंसमुख थी उसे सिर्फ दो ही सबसे ज्यादा शौक थे पहला – बहुत ज्यादा हंसने बोलने का और दूसरा – लड़कों के साथ दोस्ती करने का पर उसने लड़कों के साथ तो दोस्ती कभी नहीं की यह सोचकर की कभी उसकी फैमिली में किसी को पसंद ना आए वह बोलने की वजह से तो स्कूल और कॉलेज में भी बहुत फेमस थी
जब उसकी कॉलेज की पढ़ाई पूरी हुई तब उसके माता पिता उसकी शादी करने की सोचने लगे वह मन ही मन में हमेशा यही चाहती थी कि उसे बहुत बोलने वाला लड़का मिले उसने यह बात बाद में अपने घरवालों से भी कही फिर कुछ दिनों के बाद उसकी सगाई एक बिजनेसमैन शौर्य नाम के लड़के से हो गई जिस लड़के से उसकी सगाई होती है वह नेचर का तो बहुत अच्छा होता है पर वह कम बोलना पसंद करता है सगाई वाले दिन वह उसे बहुत सारे गिफ्टस देकर जाता है और अपने बिजनेस के बारे में उससे कुछ बातें करता है पर उससे उसके बारे में कुछ भी बातें नहीं करता वह अपनी लाइफ में सिर्फ अपने बिजनेस को ज्यादा महत्व देता था उस लड़के के घर वाले भी बहुत अच्छे होते हैं
सगाई के बाद शौर्य अपने बिजनेस की वजह से उसे कभी भी फोन नहीं करता फोन ना आने की वजह से वह बहुत उदास रहती है और बहुत रोती भी कई बार तो वह बीमार भी पड़ जाती थी खाना-पीना तक सब छोड़ देती क्योंकि उसके दो ही तो शौक सबसे ज्यादा थे जो अब शौर्य से ही जुड़े थे उसकी लाइफ में आने के बाद
उनकी सगाई कई दिनों तक रहती है जब फोन ना आए हुए कई दिन हो जाते हैं तब तो उसके घर वाले भी उसे उदास देखकर बहुत निराश रहते हैं वह उसे समझाते हैं बेटी तुम ऐसे उदास मत रहो तुम ऐसे बीमार पड़ोगी तो तुम्हारे सास-ससुर और शौर्य को क्या कहेंगे वह समझाते हैं बेटी कई बार ऐसा होता है कुछ लड़कों को कम बोलना पसंद होता है या कई शर्म की वजह से फोन नहीं करते वे कहते हैं बेटा मानसी देखना शादी के बाद जब वह तुमसे बहुत प्यार करने लगेगा तब तुमसे बहुत बोला करेगा कुछ तो बेटी हमारे दामाद ने शुरू से कम बोलना पसंद किया है हमेशा अपने बिजनेस में मन लगाया है
फिर कुछ दिनों के बाद उनकी शादी हो जाती है शादी के बाद शौर्य उससे बहुत प्यार तो करता है परंतु फिर भी वह उसे खुश नहीं रख पाता क्योंकि वह तन का तो थोड़ा बहुत रिश्ता जोड़ पाता है पर मन का ज्यादा अच्छा नहीं जोड़ पाता वह उसके लिए स्पेशल टाइम निकालना तो दूर मिलने वाले टाइम में भी कभी भी उससे बोल नहीं पाता सिर्फ अपने बिजनेस में ही उलझा रहता जो मानसी को बिल्कुल भी पसंद नही आता
शौर्य अपनी समझ से उसकी हर तरह की वैल्यू तो कर रहा होता है वह उसके लिए कभी-कभी ऑफिस से गिफ्टस भेजता रहता और गिफ्टस तो वह जब शहर से बाहर जाता वहां से भी हमेशा भेजता रहता इसके अलावा वह उसकी दुख तकलीफ में, घर की जिम्मेदारियों में भी अच्छा साथ देता
जब मानसी शौर्य के नेचर की वजह से बहुत उदास रहती है तब उसके सास ससुर भी बहुत परेशान होते हैं अपने माता पिता समान सास-ससुर को परेशान देखकर मानसी उन्हें अपना शौक बताती है वे कहते हैं बेटी हमारा बेटा हमारे साथ और अपनी बहनों के साथ भी कम ही बोलता है लेकिन फिर भी हम समझते हैं की यह तुम्हारा शौक भी है और कुछ तुम्हारा उसके साथ रिश्ता भी अलग है जिससे तुम्हारा मन ज्यादा उदास रहता है
फिर शौर्य के ऑफिस से आने के बाद उसके माता-पिता उसे मानसी को अपने साथ बाहर कहीं ले जाने को कहते हैं शौर्य जो अपने माता-पिता की बात कभी नहीं टालता था वह उसे स्पेशल तो कहीं नहीं लेकर जाता पर बिजनेस की वजह से जब भी जाता उसे हमेशा अपने साथ ले जाने लगा
शौर्य वहां भी उसके लिए स्पेशल टाइम नहीं निकालता वह सिर्फ पहले की तरह अपने स्टाफ को कहकर गिफ्टस भेजता रहता और बाहर घूमने भी अपनी स्टाफ मेंबर के साथ ही भेज देता शौर्य में बिजनेस की वजह से गुस्सा बहुत था जिसकी वजह से वहां पर उसने मानसी को अपना समझ कर उस पर कई बार किया
फिर घर आने के बाद शौर्य को अचानक से गुस्से की वजह से तनाव रहने लगा जब तनाव बढ़ता गया और उसके शरीर में कई तकलीफ भी रहने लग गई तब डॉक्टरों ने उसे जल्दी ठीक होने के लिए दो-तीन महीने का बेड रेस्ट बता दिया और बिजनेस की वजह से उसके फोन भी बिल्कुल कम कर दिए जो बहुत ज्यादा होते थे
शौर्य अपने शरीर की बहुत केयर करता था इसलिए वह अब घर में ही रहने लगा मानसी शौर्य की बहुत केयर करती थी वह उसे टाइम पर दवाइयां देती और उसकी मनपसंद का ही खाना बनाती थी उसकी केयर करने के साथ-साथ वह घर के सब काम और सास-ससुर की सेवा भी बहुत अच्छे से करती शौर्य जो नेचर से खुद भी बहुत अच्छा था और उसे हमेशा अच्छे नेचर के ही लोग बहुत पसंद आते थे वह मानसी को देखकर बहुत खुश होता
मानसी उसे जल्दी से ठीक करने के लिए उसे हर तरह से खुश रखने की कोशिश करती वह उसके साथ फ्री टाइम में बहुत सी बातें व हंसी-मजाक करती और उसके बिजनेस को भी संभालने लगी शौर्य को धीरे धीरे तनाव कम रहने लगा और उसे मानसी से बहुत ज्यादा प्यार हो गया वह अब मानसी के काम में व्यस्त होने पर भी उससे हंसी-मजाक करता रहता और उससे बातें करने के लिए उसे फ्री टाइम निकालने की कहता रहता शौर्य जब बिल्कुल ठीक हो गया तब वह बिज़नस की वजह से ही नहीं बल्कि मानसी को स्पेशल भी बाहर ले जाने लगा वह अब उसे गिफ्टस ही नहीं देता बल्कि उसकी घूमने फिरने जैसी हर पसंद का भी ध्यान रखता
वहां पर शौर्य अपने बिजनेस में बिल्कुल ध्यान न देकर सिर्फ मानसी हि मानसी करता रहता एक दिन शौर्य मानसी से बातों ही बातों में उसका कोई बहुत बड़ा शौक पूछ बैठा तब मानसी बहुत रोने लगी और उसने अपना शोक बताते हुए अपनी शादी से पहले हुई हालत के बारे में भी बताया
तब शौर्य बहुत जोर जोर से रोने लगा उसने कहा तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया मानसी ने कहा तुमने मुझे ना तो अपने बारे में कुछ बताया और ना ही पूछा तो बताती कैसे शौर्य को यह बात अपनी जिंदगी की बहुत बड़ी गलती लगी उसने कहा-मैंने हमेशा अपना अच्छा नेचर बनाना चाहा परंतु फिर भी पत्नी की वैल्यू का शायद अच्छा मतलब जान नहीं पाया मानसी उसे चुप करवाती रही और कहने लगी यह कोई बहुत बड़ी गलती नहीं है आपने अपनी तरफ से मेरा अच्छा साथ निभाने में और मेरी वैल्यू करने की पूरी तरह कोशिश की है
शौर्य सिर्फ रोता रहा और बोला-नहीं मैंने सिर्फ तुम्हारा अकेले का नहीं बल्कि तुम्हारे घर में भी सबका दिल दुखाया है शौर्य उसी टाइम वहीं से मानसी को उसके मायके लेकर गया और उसके माता-पिता के चरणों में बैठकर बहुत रोने लगा और बोला मैंने आपकी बेटी के शोक को ध्यान में रखकर उसका बहुत दिल दुखाया है यह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती है मुझे माफ कर दीजिए मैंने बहनों के होते हुए भी एक लड़की जो मेरी वाइफ थी उसी को मैं ना टाइम दे सका और न ही चाहा सका इससे और कोई बहुत बड़ा अपराध नहीं है मेरे लिए
फिर वह मानसी के सामने बैठ गया और बोला-
मानसी मैं तुम्हारे प्यार में अब 1 मिनट भी तुमसे दूर नहीं रह सकता बिजनेस से ज्यादा मैं अब तुम्हारी वैल्यू ज्यादा करता हूं
तुम ही खुशी मेरी
तुम ही मेरा प्यार हो
तुम्ही मेरी चाहत तो
तुम ही मेरी तड़प हो
तुम ही तुम सब कुछ
सिर्फ तुम ही तुम हो
निशू गर्ग