आज छोटू की पोस्टिंग भी अमेरिका हो गई । डाक्टर बन गया थी आगे के लिये विदेश पसंद था मेरे बच्चों को।
हम पति पत्नी बहुत खुश थे बच्चों का केरिमर बन गया।
बडी सी हवेली नुमा घर था बडे सरकारी पद पर रहे थे पेसे की कमी नहीं थी।समय निकलता रहा अपनीं रफ्तार से और बच्चों नें वहीं अपनें पसंद की शादी करली मेरी पत्नी बीमार रहती है इसलिये हम नहीं गये।फिक्र क्या फोटो तो देखली।अब ये सब अखर रहा था अकेलापन और बच्चों को देखनें का मन होनें लगा पर उनको आनें का समय ही नहीं था।
मां की मृत्यु पर सब आये और मीटिंग होनें लगी घर बेचनें की कौन संभालेगा पापा आप एक कमरे का घर ले लो या ओल्डमैंन होम बहुत अच्छे रहेंगे आपका मन भी लगेगा।
सोचा कितनी फिक्र है इन्है?पैसा चाहिए घर बिकेगा चले जायेंगे मन उखड गया बच्चों से और हां करदी।
एक 30 साल का लडका घर की तलाश में था उसकी जोब यहां लगी थी उसनें घर खरीदा लोन लेकर ।बच्चे चले गये बोले चलो पापा आपको छोड दूं जिसनें घर लिया था बोला आप लोग जाओ मैं अंकल को देख लूंगा।
दूसरे दिन मैंने कहा मै जा रहा वो रो पडा आप अपनां घर छोडकर नहीं जायेंगे मेरे साथ रहेंगे।
मुझे एक छांव की तलाश थी आज मिल गई में आपकी छांव में रहूंगा और गले लग गया जब तक मैंनें हां नहीं की छोडा नहीं।
मेरा ये बेटा मेरी खूब सेवा करता है जबकि मेरे पास उसे देनें को कुछ नहीं।
निस्वार्थ सेवा काम के लिये नौकर लगा दिया ओफिस से आकर पैर दबाता है।मैंनें कहा शादी करलो बोला मेरे मां पिता कोई नहीं रहे बस आपकी छांव में रहूंगा शादी नहीं करनीं।मैंनें जिद करके शादी करवाई सब बहुत सुखी हैं एक आदर्श परिवार की तरह।
#पराए_रिश्तें_अपना_सा_लगे
चंद्रकांता वर्मा
लखनऊ