पति को दफ्तर और बच्चों को स्कूल भेज कर मीता दोपहर के खाने की तैयारी में जुटी थी। हर रोज बच्चों की कोई न कोई फरमाइश होती तो वो बाकी काम मेड से करवाती लेकिन खाना पति और बच्चों की पसंद का खुद ही बनाती।
इतने में फोन की घण्टी बजी देखा तो राजीव का फोन था।
“हेल्लो मीता कैसी हो? चलो आज कहीं बाहर मिलते हैं। अकेले में।
बहुत सी बातें करनी हैं तुमसे”
“नही राजीव मैं आज नही मिल सकती।आज मुझे बहुत काम है।और अकेले तो बिल्कुल भी नही”
“राजीव बोला,”क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा नही।या तुम्हे मुझ से डर लग रहा है”
“नही वो बात नही…मैं तुमसे बाद में बात करती हूं”ये बोलकर मीता ने फोन काट दिया।और फिर से काम मे लग गयी।
लेकिन आज जब राजीव ने अकेले मिलने की बात की तो उसको बड़ा अजीब सा लग रहा था।और ऐसे लग रहा था जैसे उसके दिमाग पर कई क्विंटल बोझा रख दिया गया हो।
अभी कुछ ही दिन पहले की बात थी जब उसको fb पे फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी तो उसने फोटो से राजीव को झट से पहचान लिया।
और उसकी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया। फिर पहले मैसेज हुए और फिर धीरे धीरे बातें होने लगी। दोनो बचपन के दोस्त थे और एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ते थे। लेकिन उसके बाद फिर दोनो के रास्ते अलग अलग हो गए
मीता को राजीव शुरू से ही अच्छा लगता था। तो उसके मन मे उसकी वो ही छवि बसी थी। उसको लगा कि उसका बचपन का दोस्त उसको वापिस मिल गया।
एक दो दिन से वो यही सोच रही थी कि राजीव के बारे में अपने पति सुनील को बता दे और फिर दोनो के परिवार भी मिल लेंगे।
लेकिन आज राजीव ने जब उसको अकेले मिलने के लिए बोला तो वो बहुत ज्यादा सोच में पड़ गयी कि इसके बारे में पतिदेव को बताए या नही। पता नही इस दोस्ती का अंजाम क्या होगा।
सुबह उठ कर बच्चों को स्कूल और पतिदेव को आफिस भेज कर जब उसने फोन उठाया तो देखा राजीव के बहुत सारे मैसेज थे
जब उसने चेक किया तो उसके पैरों के नीचे से जमीन निकल गयी जब उसने देखा कि राजीव ने बहुत सी दूसरी औरतों के अश्लील फोटो और वीडियो भेजे हुए थे।
थोड़ी देर के लिए तो वो जड़ ही हो गयी देखकर…
इतना कपट..इतना धोखा भरा था उसके मन में…
उसने राजीव के बारे में क्या सोचा और वो क्या निकला
उसने तो उसे एक सच्चा दोस्त मान कर दोस्ती के इस रिश्ते को आगे बढ़ाने का सोचा था लेकिन……
यही सब सोचते हुए उसने मन ही मन एक फैसला लिया।उसने उसी समय राजीव का नम्बर और फेस बुक सब जगह से उसको ब्लॉक कर दिया।
और अब उसको लग रहा था कि उसके दिमाग से एक बहुत बड़ा बोझ उतर गया था
#धोखा
स्वलिखित और मौलिक
रीटा मक्कड़