मत सता गरीब को – गीता वाधवानी

कुछ दिन पहले बाजार जाते समय पीछे वाली गली में रहने वाली एक पड़ोसन के घर काम करने वाली बाई रास्ते में मिल गई। जब मेरा बेटा छोटा था तब से उस से जान पहचान हुई थी हालांकि वह हमारे घर काम नहीं करती थी फिर भी मेरे बेटे से प्यार से बात करती थी और कभी कभी समय मिलने पर मुझसे भी बात कर लेती थी। मैं अक्सर अपने बेटे को गोद में लेकर ब्लॉक के पार्क में जाया करती थी। बस इसीलिए कभी-कभी उससे मुलाकात हो जाती थी। 

कल जब वह मिली, तब मैंने ऐसे ही हाल-चाल पूछेगा। मैंने उससे कहा-“घर पर सब ठीक-ठाक।” 

उसने कहा-“हां जी, बेटी की शादी कर दी थोड़े दिन पहले।” 

मैंने पूछा-“बेटी सुख से तो है।” 

उसने कहा-“हां, बहुत बढ़िया है।” 

मैंने कहा-“जहां आप काम करती हो, उनके घर में पेंट का काम चल रहा था। अब तो बहुत दिन हो गए पूरा हो गया होगा।” 

उसने कहा-“हां, मेरा पति ही तो उनके घर पेंट का काम कर रहा था।” 

मैंने कहा-“अच्छा, मुझे यह पता नहीं था।” 

उसने कहा-“क्या बताऊं भाभी जी, आपकी इस पड़ोसन में तो हमारे साथ बहुत धोखा किया।” 

मैंने पूछा-“क्यों क्या हुआ?” 

उसने बताया-“मेरे पति ने घर में पेंट करने का 15 दिन का ठेका लिया था और उसने सारा काम 12 दिन में पूरा कर दिया। तब वह आंटी मेरे पति से बोली कि तूने 15 दिन का काम, 12 दिन में कैसे खत्म कर लिया। तुझे पहले से ही पता था कि काम 12 दिन में खत्म हो जाएगा। तूने मुझे बेवकूफ बनाकर 15 दिन बोला और ₹15000 तय किए। अब तूने काम 12 दिन में खत्म कर दिया है इसीलिए मैं तुझे सिर्फ रू10000 दूंगी और उसने मेरे पति को सिर्फ 10000 दिए। मेरे पति ने ज्यादा सहायक लगाकर जल्दी काम खत्म कर दिया था। लेकिन उसने हमारे मेहनत के रुपए5000 नहीं दिए।” 




मैंने कहा-“आप लोग उसे अच्छे से बैठकर बात करके समझाते और उसे बताते की हमें हेल्पर को भी पैसे देने पड़ते हैं।” 

उसने कहा-“हां, मेरे पति ने समझाया था और यह भी बोला था कि मेहनत मैंने पूरी की है तो मैं कम पैसे क्यों लूं?”काम जल्दी खत्म हो गया तो अच्छा ही है ना। लेकिन वह किसी भी तरह से नहीं मानी। कोई बात नहीं, भगवान सब देख रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि भगवान हम गरीबों के साथ अन्याय करेगा और कभी भी गरीब को सताना नहीं चाहिए। उसने हमारे साथ ₹5000 का धोखा किया।” 

पूरी बात बता कर वह चली गई और फिर यह पता चला कि उस आंटी का स्कूल जाते समय सुबह सुबह एक्सीडेंट हो गया। वह किसी रिक्शा में बैठकर स्कूल के लिए निकली थी, उसके आगे आगे एक कार जा रही थी। कार वाले ने अचानक ब्रेक लगाई और नीचे तेजी से आता हुआ रिक्शा कार से टकराया। उसमें बैठी हुई आंटी जी मुंह के बल रिक्शा चालक की सीट की तरफ जोर से गिरी और उसका पूरा जबड़ा अंदर से टूट गया। डॉक्टर के पास जाने पर डॉक्टर ने उसन कहा कि जबड़ा ठीक हो जाएगा लेकिन पूरे 1 महीने तक तुम्हें तरल पदार्थों पर रहना होगा और उसे बात करना भी मना था क्योंकि बात करने में जबड़े पर जोर पड़ता है। यह बात उस आंटी की बेटी ने मुझे बताई। 

तब मैं मन ही मन सोच रही थी कि गरीब

पेंटर के ₹5000 मार कर क्या मिला? शायद उसने तुम्हें बद्दुआ दी हो और तुम्हारे रुपए5000 की जगह पर पंद्रह -बीस हजार रुपए खर्च हो गए और तकलीफ सहनी पड़ी सो अलग। 

इसीलिए कहते हैं कि मत सता गरीब को और भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती। 

#धोखा

गीता वाधवानी दिल्ली

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