अनुभव –    डॉ अंजना गर्ग

‘पापा , पापा दादी की आंख में कुछ पड़ गया है ।उन्हें बहुत दर्द हो रहा है।’ बबलू बड़े चिंतित स्वर में बोल रहा था।

‘ कोई बात नहीं बेटा, पानी के छींटे मारेगी तो निकल जाएगा।’

‘ वह मार चुकी पापा। ‘

‘दादी के पास आई ड्रॉप है। वह डाल लेंगी। उससे बाहर आ जाएगा।’ ‘पापा वह भी डाल चुकी, ठीक नहीं हुआ।’

‘ बेटा बबलू थोड़ी देर चुप रहो। देख रहे हो ना, कि मम्मी पापा दोनों तैयार हो रहे है। हमें जल्दी वहां पहुंचना है। समय हो गया।’ मुकेश ने घड़ी देखते हुए कहा।

‘ पापा वो दादी को ……’

‘हां , हां तुम जरा दादी को देखो। हम आते हैं।’

‘ डार्लिंग, यह लो तुम्हारा आज का भाषण। बस सब जरा अच्छे से,प्यार से और  प्रभावशाली तरीके से बोलना । लोग वाह-वाह कर उठेंगे।’ बबलू के पापा मुकेश को बबलू की मम्मी रीना ने कहा।

‘ तुम तैयार हो न जानू , आओ जरा मां बाबूजी के कमरे में भी होते चले।’ माँ बाबू जी के कमरे की तरफ बढ़ते हुए मुकेश ने कहा।

‘ हां तो मां, क्या हुआ?’

‘ बेटा पता नहीं आंख में क्या पड़ गया। बाहर कपड़े उतारने गई थी। आंख से पानी बह रहा है। लाल हो गई है। दर्द भी बहुत हो रहा है।’

‘ मां तुम भी टिक नहीं सकती।कपड़े उतारने की क्या जरूरत थी। क्या भागे जा रहे थे कही।’

‘ बेटा मुकेश बात कपड़ों की नहीं ।यह तो कहीं भी पड़ सकता है। तुम अपनी मां को डॉक्टर के पास ले जाओ।मेरा अनुभव कहता है कि वह पलक……..’

‘ बाबूजी आप अपने अनुभवों को जरा अपने पास रखो। छोटी सी बात को आप इतना बड़ा बना देते हो। अभी कोई दर्द की दवाई दे दो। मैं जरूरी फंक्शन में जा रहा हूँ।आकर ले जाऊंगा।’यह कहते ही मुकेश कमरे से निकल सीधा जाकर गाड़ी में बैठ गया।

‘ बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है। हमें उनके अनुभवों से लाभ उठाना चाहिए। बड़े बूढ़ों की सेवा करना हमारा कर्तव्य ही नहीं, बुजुर्गों का अधिकार है।’

मुकेश के भाषण के बाद स्टेज पर वृद्धों को जरूरत का सामान और ताकत की दवाइयों के पैकेट दिये गए। एक बुजुर्ग जैसे ही मुकेश से सामान लेते हुए दरी में अटक कर गिरने लगा तो मुकेश की पत्नी ने झट से उसे थाम लिया।एक साथ कई कमरों की लाइटें चमकी।अगले दिन के सभी स्थानीय अखबारों में मुकेश और उसकी पत्नी की फोटो के साथ लिखा था।’ वरिष्ठ नागरिक दिवस’ पर उच्च अधिकारी और उनकी पत्नी द्वारा वरिष्ठ लोगों को सहारा और उनके कल्याण के लिए शहर में कई नई योजनाओं का आगाज।

                डॉ अंजना गर्ग

                 म द वि  रोहतक

 

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