माँ की साड़ी – नीतिका गुप्ता

मां बेटी का रिश्ता होता ही ऐसा है दोनों आपस में अपना सुख दुख बांट सकती हैं लेकिन क्या बेटी की शादी होने के बाद बेटी का मां पर मां का बेटी पर कोई हक नहीं रह जाता।

 

मेरी शादी होने के बाद मेरी मम्मी  ने मुझे बिल्कुल पराया कर दिया। एक ऐसा ही किस्सा याद आता है जोकि मैं आप लोगों से बांटना चाहती हूं। शायद आपके जीवन में भी कभी ऐसा कुछ हुआ हो जिससे आपको लगा हो कि आपकी मम्मी  ने आप को पराया कर दिया।

 जैसे कि हम सब जानते ही हैं कि अचानक से करोना के कारण कारण सारे देश में लॉकडाउन लग गया और इसी वजह से मैं अपने मायके नहीं जा पाई। बस यही सोच लिया कि कुछ समय बाद जब लॉकडाउन हट जाएगा, सब ठीक हो जाएगा, उसके बाद मैं अपने मायके चली जाऊंगी लेकिन वक्त को कुछ और ही मंजूर था। लॉकडाउन बहुत लंबा चला और मैं नहीं जा पाई । स्कूल वालों ने ऑनलाइन पढ़ाना शुरू कर दिया और फिर मैं अपने बेटे के साथ उसकी क्लासेस समझने में और अब उसको पढ़ाने में व्यस्त हो गयी। उसके बाद फिर लॉकडाउन यूं ही चलता रहा बहुत लंबा चला घर जाने की फुर्सत ही नहीं मिल पाए ।

कोरोना खत्म होने के बाद हम बनारस विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने गए । मम्मी को बनारसी साड़ी बहुत पसंद थी। तो हमने मम्मी  के लिए एक बनारसी साड़ी खरीद लिया। 

  बहुत खुश थी मैं मम्मी को साड़ी  बहुत पसंद आएगा। मैंने मम्मी को बताया नहीं था की साड़ी खरीदी है सोचा 

मम्मी  को सरप्राइज़ दूँगी। गर्मी की छुट्टियों मे जब माएके गए तो ये साड़ी भी ले गए।  लेकिन जब मम्मी  ने अपने हाथों मे साड़ी लिया तो बहुत खुश हुई और बोली  

  “कितने रुपए की आई, नहीं नहीं हम तुमसे साड़ी नहीं ले सकते बहुत महंगी होगी  हम तो तुम्हें पैसे देंगे”।

सच में दोस्तों दिल में कुछ चुभ  गया, क्यों बेटियां शादी के बाद पराई हो जाती है? क्यों वह अपनी मम्मी को अपने पापा को कुछ दे नहीं सकती? क्यों उनको हर चीज के बदले में पैसे दिए जाते हैं? क्यों उनका प्यार उनका दिल नहीं देखा जाता बस अपनी रीति रिवाज देखते हैं ??

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