अप्रकाशित
संजना आज शाम को तैयार रहना..डॉ० अभिमन्यु के हॉस्पिटल का उदघाट्न है…नीरज ने आफिस के लिये निकलते हुये बोला…!!!!
संजना शाम को समय से तैयार हो गयी थी…नीरज आया और दोनो निकल गयें…रास्तें में बात करते हुये नीरज ने बताया बहुत बड़े मंत्री आ रहें है उदघाट्न करने के लिये…!!!!
दोनों पहुँच गयें थे…अभिमन्यु देखतें ही आगे आकर उनकों आगे ले गया था …नीरज व वो दोनों बहुत अच्छें दोस्त थें…!!!!
सब आ गयें थे इंतजार था तो मंत्री जी का…जो एक घंटा देरी से आये..रिबन काटा और जानें की जल्दी करने लगे…तभी शोर मच गया कि बाहर जो टेन्ट लगा था उसमें आग लग गयी…अफरातफरी मच गयी…सब कोशिश में लग गयें पर सबसे पहले जो अपनी जान बचाकर वहाँ से भागें…वो थे मंत्री जी…!!!!
फायर ब्रिगेड व सेना भी आ गयी जल्द ही आग पर काबू पा लिया गया…जान-माल का नुकसान भी नही हुआ हमने भी अभिमन्यु को समझाया व सांत्वना दी और घर आ गयें…नीरज बहुत थक गयें थे..संजना ने दो कॉफी बनाई और दोनों लॉबी में बैठ गये…!!!!
संजना बोली…नीरज! मुझे एक बात समझ नहीं आती है या यूँ कहूँ कि एक सच्चाई का आईना है जो मैं सारी दुनिया को बताना चाहती हूँ…!!
क्या हो गया भई आज तो तुम अपना नया व अलग लेकर बहस करने मत बैठ जाना…मैं बहुत थक गया हूँ…!!!!
नहीं आज जो मैं कहना चाहती हूँ वो तो सुनों और मैं जल्दी ही इस पर कुछ लिखूँगी जरूर कि…हमारे देश के सैनिक जो हमारी हर तरह से रक्षा करते हैं…अपना खून बहाकर…अपने परिवार को छोड़कर सीमा पर बैठतें है…कही दंगें हो जायें…बच्चा बोरवेल में गिर जाये…आग लग जायें…किसी भी तरह की एमरजेंसी हो तो सबसे पहले कौन आता है सेना…अपनी जान की परवाह किये बिना वही हैं जो हमेशा सबकी रक्षा करतें है तो…जब कही भी उदघाट्न या समारोह होता है तो मुख्य अतिथि नेता या अभिनेता ही क्यों होतें है…मेरा कहना है कि
अगर रक्षा करने का हक उनका है तो उदघाट्न करने का हक भी उनका ही होना चाहियें…!!!!
नीरज ने भी ताली बजाकर संजना की बात पर सहमती दे दी थी और बोला तुम्हारी सोच को मेरा सलाम…जय हिन्द…!!!!
#रक्षा_
गुरविंदर टुटेजा
उज्जैन (म.प्र.)