कच्चे धागे जैसी है ये जिंदगी !

राजेश और  मंजू पेशे से डॉक्टर थे, आज उनकी शादी की सालगिरह थी वह अपने बच्चों और बहुओ  के साथ एक रेस्टोरेंट में सालगिरह मनाने के लिए घर से निकले हुए थे राजेश जी पीछे वाले सीट पर अपने पत्नी मंजू के साथ बैठे हुए थे और अपनी पत्नी मंजू का हाथ पकड़े हुए अपने बीते दिनों की यादों में खो गए।

मेडिकल कॉलेज का आज पहला दिन था बॉटनी की क्लास चल रही थी, प्रोफ़ेसर साहब कुछ भी पूछते मंजू फटाफट जवाब दे देती थी।  दूसरे बच्चे जैसे ही सोचते थे कि मैं उस सवाल का जवाब दूँ उससे पहले मंजू उसका सही जवाब दे देती थी और यह रोजाना ऐसे ही होने लगा, उसी क्लास में राजेश भी पढ़ता था। राजेश,  मंजू के पढ़ाई के प्रति इतनी गंभीरता को देखकर मन ही मन पसंद करने लगा था।

1 दिन कॉलेज के गेट पर मंजू और राजेश एक दूसरे से मिल गए राजेश ने मंजू से हाथ मिलाया और उसकी तारीफ की मंजू ने भी राजेश से कहा कि आप भी कोई कम नहीं है मेरे बाद अगर इस क्लास में कोई प्रोफेसर साहब के सवालों का जवाब देता है तो वह आप होते हैं.  आप चाहे तो पहले भी दे सकते हैं मैं आज से आप के पहले जवाब देने का इंतजार करूंगी।

उस दिन जब क्लास खत्म हुआ तो राजेश ने मंजू को कैंटीन में अपने साथ चाय पीने के लिए चलने को कहा,  मंजू राजेश को मना नहीं कर सकी और दोनों कैंटीन में चाय पीने के लिए चल दिए. दोनों एक टेबल पर चाय तो पी रहे थे लेकिन दोनों की नजरें एक दूसरे को देख रही थी जैसे मानो उन  दोनों के मन मे एक तूफान सा आ गया हो दोनों एक दूसरे से कुछ कहना चाह रहे थे लेकिन कह ना सके। तभी मंजू बोली चलो क्लास का टाइम हो गया।

उस दिन के बाद से राजेश  और मंजू दोस्त बन गए थे और क्लास में भी अब साथ ही बैठते थे. साथ रहते रहते दोनों ने यह महसूस किया कि वह एक दूसरे को चाहने लगे हैं और फिर एक दिन राजेश ने मंजु से अपने प्यार का इजहार कर दिया मंजू राजेश को मन ही मन प्यार करती थी इसलिए वह हाँ कर दी। .



उस दिन के बाद से वे दोनों फोन पर भी आधी रात तक बात किया करते थे और उसके बाद व्हाट्सएप पर गुड मॉर्निंग मैसेजेस का दौर शुरू हो गया था.

रोहित और मंजू की पढ़ाई के साथ-साथ एक दूसरी जिंदगी भी जी  रहे थे अब दोनों को एक दूसरे से मिलना, बातें करना बिल्कुल ही अच्छा लगता था, अगर वह किसी दिन क्लास मे किसी वजह से नहीं भी मिल पाते थे,  वह किसी न किसी बहाने से जरूर मिलते थे. धीरे धीरे राजेश और मंजू का प्यार पूरे मेडिकल कॉलेज में चर्चा का विषय बन गया लेकिन इन दोनों लैला मजनू को इन सब बातों से कोई परवाह नहीं था वह तो बस अपने मस्ती मे जिये जा रहे थे।

एक दिन शाम को राजेश जब मंजू को फोन लगा रहा था तो मंजू का फोन स्विच ऑफ आने लगा।  पूरी रात फोन ट्राई किया लेकिन फोन स्विच ऑफ आया राजेश परेशान हो गया था पर चलो कोई बात नहीं कल सुबह क्लास में तो मंजिल मिल ही जाएगी लेकिन उस दिन क्लास में भी मंजू नहीं आई. जिस बिल्कुल ही परेशान हो गया था क्लास में प्रोफेसर साहब के सब्जेक्ट में राजेश को रुचि नहीं हो रही थी.

प्रोफ़ेसर साहब ने भी राजेश से पूछा राजेश क्या कोई बात है आज तुम  मेरे किसी भी सवालों का जवाब नहीं दे रहे हो क्या हो गया. साथ ही प्रोफेसर साहब ने कहा तुम्हारे बगल में वह मंजु, बैठती थी वह भी आज नहीं आई है कहां रह गई हो राजेश ने कहा सर मुझे भी पता नहीं है कल से उसका फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है और वह क्लास भी नहीं आ रही है.

क्लास खत्म होते ही सीधे जिस हॉस्टल के कमरे का नंबर मंजू ने राजेश को बताया था राजेश सीधे  गर्ल्स हॉस्टल में चला गया और उस कमरे में गया तो वहां लड़की ने दरवाजा खोला राजेश ने उसके बारे में पूछा उस लड़की ने बताया यहां तो कोई मंजु नाम का लड़की नहीं रहती है।

मेरे रूम में क्या  इस पूरे हॉस्टल में में इस नाम की कोई लड़की नहीं रहती है. राजेश तो बिल्कुल ही परेशान हो गया था उसने प्रिंसिपल से जाकर मंजू का एड्रेस निकलवाया। एड्रेस में दिल्ली का एड्रेस दिया हुआ था वह तुरंत उस एड्रेस पर पहुंच गया वहां बहुत ढूंढने के बाद उसे पता चला कि हां यहां पर मंजू नाम की एक लड़की रहती है.



राजेश ने उस झुग्गी का दरवाजा खटखटाया तो वहां पर अधेड़ उम्र की एक महिला ने दरवाजा खोला।  राजेश ने उस महिला से मंजू के बारे में पूछा उस महिला ने राजेश से उसका परिचय पूछा आप कौन हो  और आप मंजू को कैसे जानते हो।

राजेश ने बताया कि उसके कॉलेज का दोस्त है और वह मंजू कई दिनों से कॉलेज नहीं आ रही थी इस वजह से और उससे मिलने आया है.  महिला ने राजेश को अंदर आने के लिए कहा अंदर आया तो देखा मंजू बेड पर लेटी हुई है. बातों बातों में पता चला कि दो-तीन दिनों से मंजू की तबीयत बहुत ज्यादा ही खराब है.

मंजु  की मां बाहर चली गई राजेश के लिए कोल्ड ड्रिंक लाने के लिए तभी राजेश ने मंजू से पूछा तुम यहां क्यों रहती हो।  इतनी गंदी जगह यहां तो तबीयत खराब होगा ही यह भी कोई रहने की जगह है। मंजू ने कहा क्यों इतने सालों से मैं यहां रह रही हूं तो क्या मैं  रोजाना बीमार रहती हूं और इतने सारे लोग भी तो यही रहते हैं.

राजेश ने कहा तुम सही कह रही हो लेकिन वह उन सब की मजबूरी है यहां रहना।  तुम्हारी क्या मजबूरी है, मंजू ने कहा सही कह रहे हो, राजेश मेरी भी मजबूरी है, मेरे पिता नहीं है और मां बड़े घरों में पोछा बर्तन करके कुछ पैसे कमाती है उसी से मैं पढ़ाई करती हूं और घर का खर्चा चल पाता है हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि हम अच्छी जगह जाकर किराए पर कमरे लेकर  रह सकें।

 राजेश ने बोला चलो यह सब तो ठीक है लेकिन तुमने अपना फोन स्विच ऑफ क्यों कर रखा है मंजु ने कहा, “ऐसे ही कर दिया मैं नहीं चाहती थी  मेरी बीमारी का तुम्हें पता चले और तुम अपनी पढ़ाई मेरे लिए डिस्टर्ब करो। अब तुम जाओ और अपने पढ़ाई में मन लगाओ तुम्हें तो बहुत बड़ा एक डॉक्टर जो बनना है राजेश ने कहा तो क्या तुम्हें डॉक्टर नहीं बनना है।

 मंजू ने कहा हां मुझे डॉक्टर बनना है लेकिन तुम्हें डॉक्टर बनकर तो बड़ा सा हॉस्पिटल खोलना है जहां पर तुम अपने सपनों को पूरा कर सको जहां पर तुम फ्री में कैंसर पीड़ितों का इलाज कर सको और उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है बहुत पढ़ना पड़ता है और आज के बाद यहां मत आना मैं ठीक होते ही कॉलेज आ जाऊंगी।



राजेश के पिता बहुत बड़े बिजनेसमैन थे पैसों की उसे कोई कमी नहीं थी अगले दिन ही पड़ोस के ही एरिया में एक फ्लैट किराए पर ले लिया और उसकी चाभी मंजू को देने के लिए आ गया।  मंजू इस बात के लिए मना कर रही थी कि हमारी औकात नहीं है फ्लैट में रहने कि तुम जाओ मना कर दो लेकिन राजेश नहीं माना अपने प्यार की कसम. दे दी। फ्लैट में मंजू और मंजू के मां को फ़्लैट में जाकर रहना ही पड़ा।

इधर राजेश के पापा को राजेश के दोस्तों द्वारा यह बात पता चल गई है कि राजेश आपने पढ़ाई से ज्यादा वक्त अपनी प्रेमिका मंजू को दे रहा है और उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है यहां तक कि उसने अपने पैसे से मंजू के लिए फ्लैट भी किराया पर ले कर दे रखा है.

राजेश के पापा को जब यह बात पता चला तो उन्होंने अपने लड़के को बहुत डांटा तुम वहां पर पढ़ाई करने गए हो या जनकल्याण का काम करने अगर यही काम करना है तो पढ़ाई लिखाई छोड़ कर यही सब करो.  अब तुम्हें यहां रहना ही नहीं है अब मैं तुम्हारा एडमिशन विदेश में करवा दूँगा क्योंकि मैं देख रहा हूं कि तुम्हारा मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है तुम भटक रहे हो।

तुम अपने सपनों से भटक रहे हो मेडिकल की पढ़ाई इसलिए कर रहे हो की तुम अपनी मां का सपना पूरा कर सको तुम्हारी मां कैंसर  की बीमारी की वजह से मर गई थी. इसीलिए तुम्हें वो डॉक्टर बनाना चाहती थी और उसने बोला था जब मेरा बेटा डॉक्टर बन जाएगा तो आप एक बड़ा सा हॉस्पिटल बनवाना जहां पर गरीब लोगों का मुफ्त में कैंसर का इलाज हो सके. लेकिन जो तुम्हारा रवैया है उससे मुझे नहीं लग रहा है कहीं तुम डॉक्टर की पढ़ाई पूरी कर पाओगे।  इसीलिए तुम्हें अब यह देश छोड़ना ही होगा। तुम्हें अमेरिका जाना होगा।

राजेश ने साफ मना कर दिया था अमेरिका जाने से राजेश के पापा को यह बात समझ आ गई थी।  राजेश नहीं जाना चाहता है इसलिए उन्होंने मंजू के ऐड्रेस पता कर उसके घर पर पहुंचे।  घर पहुंचकर राजेश के पापा ने मंजू और उसके मां को पहले बहुत ही बेइज़्ज्त किया और कहां कि तुम लोग कैसी औरत हो जो एक नाबालिक उम्र के लड़के को बेवकूफ बनाकर उसके पैसे पर रह रहे हो तुम्हें  इतना ही शौक है फ्लैट में रहने का तो अपने पैसे से रहो किसी और के पैसे पर क्यों रह रहे हो तुम्हारे जैसे लड़कियों का यही काम ही है अमीर घर के लड़के को फंसा लो. और फिर उसके पैसे से ऐश करो।  



यह बात सुनकर   मंजू की मां बहुत रोने लगी  क्योंकि वह लोग खुशी-खुशी यहां रहने नहीं आए थे वह तो राजेश की जिद की वजह से यहां रह रहे थे।  राजेश के पापा ने मंजू और मंजू की मां से कहा तुम लोग अगर राजेश की भलाई चाहते हो और सच में तुम राजेश से प्यार करती हो तो राजेश की जिंदगी से चली जाओ तभी राजेश बड़ा डॉक्टर बन पाएगा।

अगले दिन ही मंजू और उसकी मां फ्लैट छोड़ कर चले गए राजेश ने बहुत पता करने की कोशिश की ये लोग कहाँ चले गए लेकिन मंजू और मंजू की मां का पता नहीं चला। अंत मे राजेश  अपने पिता की बात मान ली और अमेरिका चला गया पढाई करने।

मंजू ने राजेश को हर जगह से ब्लॉक कर दिया था जितने भी उसके सोशल मीडिया कनेक्शन थे  फेसबुक, इंस्टाग्राम टि्वटर, सब जगह से राजेश को मंजू ने ब्लॉक कर रखा था राजेश कितना  कोशिश किया मंजू से बात करने की लेकिन मंजू से उसकी बात नहीं हो पाई.

राजेश को राजेश के पापा ने झूठी खबर दिया की की मंजू की तो अब शादी हो चुकी है।  ताकि वह मंजू को भूल सके और वह सारा ध्यान पढ़ाई पर लगा सके। राजेश को जब यह बात पता चला कि मंजु ने  उसे धोखा देकर शादी कर लिया तो राजेश बहुत नाराज हुआ और उसने अपना सारा ध्यान पढ़ाई पर लगाया और उसने कसम खाया कि वह अब किसी भी लड़की से प्यार नहीं करेगा।

पढ़ाई पूरी करके वह वापस इंडिया आ गया था दो-तीन सालों तो किसी प्राइवेट हॉस्टल में प्रैक्टिस किया उसके बाद उसके पिता ने अपने पैतृक शहर बनारस में कैंसर का हॉस्पिटल बनाना शुरू किया वहां पर डॉक्टरों की वैकेंसी निकली। .

इधर मंजू भी डॉक्टर बन गई थी और वह भी बनारस के पास के गांव की रहने वाली थी जब उसे पता चला कि बनारस में एक हॉस्पिटल में डॉक्टरों की वैकेंसी निकली है तो उसने  भी इंटरव्यू के लिए अप्लाई कर दिया था लेकिन यह पता नहीं था या हॉस्पिटल राजेश का है.



इंटरव्यू में जब मंजू पहुंची तो सामने राजेश को बैठी देख उसके होश उद गए  राजेश ने भी मंजू को पहचान लिया था लेकिन इंटरव्यू पैनल में और भी दो-तीन डॉक्टर थे जहां पर राजेश और मंजू ने बिल्कुल भी जाहिर नहीं करने दिया वे एक दूसरे को जानते हैं.

इंटरव्यू खत्म होते ही मंजू जब वहां से जाने लगी तो राजेश दौड़ते मंजू के आगे आ गया और राजेश ने पूछा  कैसी हो तुम और तुम्हारी लाइफ कैसी चल रही है तुम्हारे पतिदेव का क्या हाल-चाल है. मंजू यह सवाल सुनकर दंग रह गई और पूछी पतिदेव ? मैंने तो किसी से शादी नहीं की.

  फिर यह क्या है राजेश ने अपने फोन से मंजू और एक लड़के की शादी के फोटो दिखा दिया। मंजू फोटो देखकर हैरान थी यह फोटो तुम्हें किसने भेजा है राजेश ने बताया उसके पापा ने भेजा है कि तुमने शादी कर ली है।  मंजु समझ गई कि उसके पापा नहीं चाहते थे कि राजेश और मंजू कभी मिले।

मंजू ने सारा किस्सा राजेश को बता दिया कि तुम्हारे पापा दिल्ली में मेरे फ्लैट पर आए थे जो तुमने हमें किराए पर ले कर दिया था उन्होंने हमें बहुत बेइज्जत किया और कहा की   तुम हमारे बेटे से दूर हो जाओ अगर तुम सच्चा प्यार करती हो तो। हमने भी सोचा कि मेरी वजह से तुम्हारा जीवन क्यों खराब हो। इसलिए मैं तुम्हारी जिंदगी से दूर चली गई.

राजेश ने कहा जब किस्मत मे एक दूसरे से मिलने लिखा हो  तो यह इंसान हमें अलग कैसे कर सकते हैं और मैं तुझे एक पल के लिए भी दूर नहीं जाने दूंगा।

राजेश ने अपने घर में जाकर मंजू से शादी करने के लिए  कही। अब मंजू भी डॉक्टर बन चुकी थी तो राजेश के पिताजी को भी ज्यादा एतराज नहीं था बस यह था कि वह उनके बराबरी की नहीं थी।  लेकिन राजेश ने कहा इससे कुछ नहीं होता है पिताजी हम दोनो डॉक्टर है यह क्या कम है.

कुछ दिनों के बाद ही मंजु  और राजेश की शादी हो गई उसके बाद उन्होने  मेहनत कर हॉस्पिटल को बहुत ऊंचाई तक ले गए.

तभी टैक्सी ड्राइवर ने ब्रेक लगाया।  राजेश ने कहा क्या हो गया ड्राइवर, अचानक से क्यों ब्रेक लगा दिया।  ड्राइवर ने कहा साहब रेस्टोरेंट आ गया है. सभी लोग गाड़ी से निकले और रेस्टोरेंट्स में जाकर सालगिरह को सेलिब्रेट किया।

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