“समन्दर की लहरें उफान पर थी”
छोटे छोटे पत्थरो के ऊपर से गुजरते हुए एक बच्चा तेजी लहरों की ओर बढ रहा था “
बेटा, ज्यादा तेज मत भागो “कंक्रीट है चुभ जाऐगी”
पीछ से मां आवाज लगा रही थी!
नो मम्मा “” सूज है न, बच्चा रुककर “पैर ऊपर उठाकर माँ को” दिखाते हुए बोला “
पकड लिया ” मैने रोहन को पकड लिया ” मां उत्साहित होकर बोली “
“रोहन “” नो मम्मा चीटिंग है”
सुहासी ” क्या बात है, कुछ भी हो ” मान गये!
सुहासी “”” आप भी न” विकास “
शर्माते हुए बोली सुहासी “
विकास सकलेचा”सुहासी के पति ” पेशे से डॉक्टर ” आज संडे की छुट्टी मनाने मुम्बई आ गये थे!
दरअसल कुछ हप्तो से रोहन ने समंदर देखने की जिद पकड ली थी!
बडी मुश्किल से एक हप्ते की छुट्टी लेकर ” भोपाल से मुम्बई आये थे!
विकास ” ये लो आपके चिप्स, कितनी दूर जाना पड़ा लेने ” पास बड़ी चट्टान पर बैठते हुए बोले ” विकास “
रोहन “” पापा चलो न लहरों के पास”
विकास ” नही बेटा मै थक गया हूँ ” उसी चट्टान पर टेका लेकर आंखे बंद कर ली”””
पापा रूठते हुए बोला ” रोहन”
विकास ” सुहासी प्लीज ” रोहन को देखकर इशारा किया “
सुहासी “”” चलो बेवी मै चलती हूँ!
रोहन “”” मै तो पापा के साथ ही जाऊंगा “
सुहासी,, रोहन देख रहे हो न बेटा ” चलो मेरे साथ “
रोहन “” पापा प्लीज “
विकास “” अच्छा चलो मै आता हूँ!
रोहन “”” पापा मै वेट कर रहा हूँ!
विकास “” हा” में हाथ हिलाया विकास ने”
अभी वो लहरों के पास पहुंचे भी नही थे की सुहासी ने रोहन के जूते खोलने के लिए डोरी खीची, ही थी! की रोहन मस्ती मे छोटी सी चट्टान के ऊपर चढ गया!
सुहासी “” रोहन ” कितनी शरारत करते हो”
चलो नीचे आओ “
पर रोहन ने सुहासी की बात को अनसुना कर दिया “
वो अपलक ” चट्टान के पिछले हिस्से की ओर देखकर बस घूरे जा रहा था!
रोहन रोहन “
सुहासी रोहन को पकड़ने के लिए ” चट्टान के पिछले भाग की ओर बढ गयी!
अचानक से सुहासी चीखने लगी “
उसकी चीख सुनकर ” विकास उसकी ओर दौडा “
सुहासी के सामने एक लाश चट्टानों में फसी थी!
जिसे ” रोहन बेसुध सा देखे जा रहा था!
सुहासी ने रोहन को खीचकर छाती से भींच लिया!
रोहन ने डर से आंखे बंद कर ली”
अब तक विकास उसके पास पहुंच चुका था “
चीख ” सुनकर आसपास के लोग भी इकट्ठा होने लगे थें!
विकास की नजर ” युवती पर पडी ” उसकी पीठ खुली हुई थी!
विकास चौक उठा “
रूधिरा “”””” पीठ के ऊपरी हिस्से, गर्दन का पिछला भाग,
जहाँ पर रूधिरा लिखा था!
क्या ये सच में रूधिरा है” यदि ये रूधिरा तो वो कौन थी ” जो मुझसे मदद मांगने आयी थी!
नही ” ये कोई और रूधिरा होगी “
सायरन से विकास की तंद्रा टूटी ” किसी ने फोन करके पुलिस को बुला लिया था ”
कुछ ही मिनटों में दर्जनों पुलिस पूछताछ में जुट गयी!
इस बॉडी को सबसे पहले किसने देखा “
रोनक “”” मैने
खोया सा रौनक बोला “
पुलिस”” गुड बेटा ” आप मेरे साथ आओ “
भीड से एकतरफ ले जाकर” पुलिस वाला रौनक से जानकारी लेने लगा “
सुहासी “” सर मै” बताती हूँ!
पुलिस “” मैडम जी आप कौन”
सुहासी “”” सुहासी, रौनक की माँ “
पुलिस “” हा तो मैडम जी आपने क्या देखा, सुहासी की ओर मुखातिब होकर पुलिस अधिकारी बोला “
सुहासी ने बिना लाग लपेट के सारी घटना सुना दी “
सर कुछ मिला है!
एक सिपाही ने आवाज दी!
अब तक विकास भी उनके पास पहुंच चुका था!
अधिकारी “”शायद आप इनके पति है”
विकास “”” जी
अधिकारी ” आप कहाँ रहती है!
विकास ” यही मुम्बई में “
सारी जानकारी लेने के बाद “
अधिकारी ” विकास जी आप सम्मानित नागरिक है “पर आप कुछ समय के लिए मुम्बई से बाहर नही जा सकते!
विकास “” जी सर
अधिकारी ” आप अपना पता लिखवा दिजिए “
ताकि कुछ काम पडे तो बुला सके “
बोलता हुआ अधिकारी उसी दिशा में बढ गया ” जहाँ रधिरा की बॉडी स्ट्रेचर पर रख दी गयी थी!
विकास ने अपना पता लिखवा दिया था!
वो मुडा था की उसकी नजर बॉडी के चेहरे पर पडी ” बुरी तरह कुचल दिया गया था!
वो सिहर गया!
सुहासी” सहमी सी थी ” की अब विकास की डांट पडेगी “
न वो जिद करती, न वो लोग यहाँ आते_ न इस झमेले में फसते ,
चलो ” घर चलते हैं ” विकास खोया हुआ सा बोला.
पूरे रास्ते विकास कुछ नहीं बोले ” ताला खोलकर अपने रूम मे चले गये!
सुहासी को विकास की चुप्पी पर आश्चर्य हुआ “
रोहन थक गया था!
सुहासी, “”” बेटा हाथ मुहं धोकर आओ”
रोहन ” मम्मा वो अंटी कौन थी!
सुहासी” पता नही बेटा “
पर कुछ तो था, जो सुहासी को खटक रहा था!
रात काफी हो गयी थी!
विकास की नींद आंखों से कोसो दूर थी” वो सिगरेट पर सिगरेट फूंके जा रहा था!
उसने सुहासी की ओर देखा ” वो रोहन को छाती से चिपकाऐ गहरी निद्रा में सोयी थी!
आज जो हुआ था, विकास ने महसूस किया था!
की सुहासी भी परेशान थी!
अर्जुन को फोन लगता हूँ “
वो बाहर बालकनी में आ गया!
पर इतनी रात, भाभी क्या सोचेगी ” पर जरूरी है!
फोन की रिंग बजती रही पर किसी ने नही उठाया “
विकास वापस पलटा ,
की तभी सैलफोन बज उठा “
हैलो” अर्जुन की आवाज थी
विकास “”” रूधिरा “
अर्जुन ” अब क्या हुआ “
विकास “”रूधिरा का किसी ने””
सन्नाटा छा गया ”
सामने से अर्जुन की सिसकियां सुनायी दी “
यार उसे देखना है मुझे ” मै खुद को माफ नही कर पाऊंगा “
मै,,, बहुत हो चुका, अब मै भी नही जी पाऊंगा “
विकास “” अर्जुन मेरी बात सुन, रूधिरा प्रेगनेंट नही थी!
अर्जुन “” क्या, इस बार अर्जुन चौका “
वो रूधिरा कोई और थी, जो मुझसे मिलने कल रात आयी थी!
मै कल बात करता हूँ!
सामने सुहासी को देखकर, विकास बोला “
और फिर फोन काट दिया!
विकास आप क्या छिपा रहे हो ” मुझे बताओ ” वादा करती हूँ, मै आपकी मदद करूंगी “सुहासी बोली”
विकास कुछ न बोला “
आखिर ये रूधिरा है कौन ” जिसके लिए आप इतनी सिगरेट फूंके जा रहे है, अर्जुन भाई सा का इससे रिश्ता क्या है!
इधर आओ प्यार से, सुहासी का हाथ पकडते हुए ” विकास बोला “
रूधिरा “” अर्जुन का प्यार है”
स्वाती भाभी से तो लव मैरिज की थी न अर्जुन भाई सा ने , सुहासी ने बात काटी “
नही सब बताता हूँ बैठो ” बालकनी मे पडे हुए मुडढे की ओर इशारा किया विकास ने “
सुहासी बैठ गयी!
बात तब की है जब मै और अर्जुन आठ वर्ष के थे” अतीत में खो गया विकास “
अर्जुन “” आज तो उसने मेरी गाड़ी छीन ली है”
विकास,, रो मत कल ” दूसरी ले आऐगे”
अर्जुन “”वो चाचा, पूरा दिन पम्प चलवाऐगा” हाथ गंदे होगे, माँ पिटेगी अलग “
विकास “” चल आंसू पोछ कुछ करते है!
रेलवे कालोनी, की वो गली “
जहाँ हमदोनो ने सायकिल का पहिया चोरी किया “
विकास —अर्जुन पकड़”
अर्जुन—वो देख रही है!
विकास —कौन””
अर्जुन — वो लडकी “
पकड नही तो पकड़े गये तो पिटेगें!
पर अर्जुन उसे देखे जा रहा था “
उस दिन तो हम चोरी नहीं कर पाये, पर अर्जुन का दिल चोरी हो गया!
अब उसका, रूझान उस लडकी की ओर था!
बस उसे एक बार देखना “
धीरे धीरे दोस्ती फिर प्यार, और कुछ सालों बाद इजहर “
वो लडकी थी रूधिरा “”
अर्जुन पर जान छिडकती थी ” वैसे अर्जुन था भी स्मार्ट “
मै ” भोपाल पढने आ गया ” वो राजनीति में कूद गया!
उसकी पहचान बडे लोगों में होने लगी “
हमदोनो अक्सर मिलते रहते,
पर वो रूधिरा के आलावा कोई बात न करता “
एक दिन वो भोपाल आया कुछ परेशान था!
यार रूधिरा के पापा को पता चल गया!
और घर में भी “
रूधिरा मुझसे मिलने यही आ रही है!
क्या बकता है, मै बोला “
यहाँ से सेफ जगह कही नही है!
तेरी कसम आज तक हमने कुछ गलत नही किया करेगें “
मै अर्जुन को चाभी देकर चला गया!
शाम को आया तो अर्जुन उदास था!
क्या हुआ मैने पूछा “
हम दोनों ने अलग होनी की सोची “
इतनी जल्दी हार “” मै चौका “” साले तुझमें कोई कमी है!
नही यार वही समाजिक बंधन ” वो बोल रही थी की भाग चलते हैं, दूर कही”
पर तुझे पता है, मेरा परिवार बडा है, ढूंढ निकलेगें हम दोनों को”
वो तो है ” चल अब उदास मत हो ” उस रात पहली बार हम दोनों ने बियर पी!
फिर विकास बिजनेस में लग गया!
इस बात के दो बरस हो गये!
मेरी शादी हो चुकी थी” तू मायके में थी!
एक दिन विकास घर आया “
यार मैने भागकर शादी कर ली “
अरे ” कोई ने ऑब्जेक्शन नही उठाया क्या”
“नही उसकी माँ ने गुरूर मे मुझे ताना मारा था!
छोड न, अभी सब ” बस तू आ जाना “
मै शादी में पहुंचा तो दंंग रह गया ” रूधिरा की जगह स्वाति भाभी दुल्हन के भेष में थी!
मौका ” मिलते ही अर्जुन से रूधिरा के बारे में पूछा “
उसकी, शादी हो गयी यार”
कब “” मैंने पूछा “
अर्जुन,, छोड़ न”
फिर अर्जुन अपने जीवन मे व्यस्त हो गया! और मै ,अपने “
फिर एक दिन किसी काम से रेलवे कालोनी गया, तो सोचा आया हूँ तो अर्जुन से मिलकर जाता हूँ!
घर का दरवाजा स्वाती भाभी ने खोला “
स्वाती, अरे आप” आइऐ, भाई साहब “
स्वाती भाभी खशमिजाज मिलनसार लगी ” पर कुछ तो था ” जो मुझे नजर नहीं आया, अर्जुन टूटा सा लगा “
मै” वापस आ गया “
फिर एक दिन अर्जुन का फोन आया! की वो रूधिरा को नहीं भूल पा रहा ” न रूधिरा उसे ”
मैने उसे समझाया, अपनी गृहस्थी देख ” पर वो खामोश हो गया!
और फोन काट दिया ”
कुछ हप्ते गुजरे थे! वो मुझसे मिलने आया ” बहुत खुश था!
जैसे उसे जन्नत मिल गयी!
मैने ” खुशी का राज पूछा “
अर्जुन “” रूधिरा मेरी है” हम एक दूसरे के बन गये हैं!
विकास ” अर्जुन तू पागल है” स्वाती भाभी, और बच्चे का ” सोचा”
अर्जुन “” स्वाती को सब पता है!
मै ” उसको तलाक दे दूंगा “
विकास “” स्वाती भाभी ने तेरे लिए सबको छोडा “
अर्जुन “” नही विकास “” यार धन के लिए, स्वाती जैसी दिखती है ” उसके विपरीत है!
रूधिरा, मेरा प्रेम है” उसके ससुराल वाले उसे प्रताड़ित करते है!
मै ” उसे दु:खी नही दे सकता “
वैसे ” भी स्वाती ने हमदोनो को साथ देख लिया है ” अब छुपाने की जरूरत नही है!
विकास “” देख अर्जुन तुझे अब शायद मै भी नहीं समझा सकता
फिर कुछ दिन तक अर्जुन और मेरी कोई बात न हुई “
दो महीने बाद “
विकास “” फोन पर अर्जुन था’
रूधिरा प्रेग्नेंट है ” तू संभाल लेना ” संभाल लेगा न “
मेरे पास जबाब के लिए कुछ बचा नहीं था!
फिर छै; महीने तक एक बड़ी रकम ” अर्जुन भेजता ” और एक व्यक्ति आकर ले जाता “
बस इतना कुछ ” लम्बी सांस लेते हुए विकास चुप हो गया!
सुहासी “” बात तो गंभीर है!
विकास “” पर जिस रूधिरा के नाम पर ये पैसे आ रहे थे, वो ” ये रूधिरा नहीं है “
रूधिरा सिर्फ अर्जुन से प्रेम कर सकती है ” वो अर्जुन को सपने में भी ब्लैकमेल नही कर सकती!
सुहासी “” जो भी होगा ” देखा जाऐगा ”
चलो अभी सो जाओ”
सुबह आंख खुली तो, , सुहासी ने बताया ” थाने जाना है “
एस पी साहब ने बुलाया है!
विकास थाने पहुंचा तो चौंक गया “
विकास ” अरे पीटर तू “
एस पी साहब ” आप इसे जानते हैं “
विकास “” जी सर, ये मेरे दोस्त अर्जुन का, पी ऐ है”
एस पी साहब “”अच्छा ” तो ये भी जान लो, ये रूधिरा का प्रेमी है!
विकास “” नहीं सर रूधिरा ऐसी नहीं है!
एस पी साहब ” रूधिरा, उसका सही नाम नहीं है ” वो बिचारी तो कबसे मर गयी!
विकास चौंक गया “”
एसपी साहब ” चौकिऐ मत, गुनाहगार भी पहुंचने वाले है!
अब इन्ही महाशय के मुहं से सुन लो”
बोल बे” झन्नाटेदार एक थप्पड़ गाल पर पडा “
फिर तो पीटर तोते जैसा बकने लगा “
उस दिन, तापसी से मिलकर मै घर आया तो” स्वाती दीदी गुस्से मे थी ” मुझे देखते ही मेरे पास आ गयी!
दर असल स्वाती दीदी ने अपने घरवालो के खिलाफ जाकर ” अर्जुन भैया से शादी की थी!
तो वो मुझे अपना भाई मानती थी!
मै ” भी उन्हें अपना मानता था!
स्वाती “” पीटर भैया ” ये रूधिरा है, इसे मेरी जिंदगी से निकाल दो ” नही तो मेरी जिंदगी खराब हो जायेगी,
स्वाती दीदी गिड़गिड़ा रही थी, बच्चों की जिंदगी की दुहाई दे रही थी!
मै उस समय नशे में था ” मुझे कुछ समझ न आया “
मुझे पता था, अर्जुन भैया ने ” रूधिरा को कहाँ रखा ” था “
मै रात में ही रूधिरा के पास पहुंचा “
मुझे देखते ही, रूधिरा खिल उठी “
रूधिरा “” अरे पीटर ” इतनी रात को ” ये भी आये है” क्या “
नही रधिरा जी हमी आये है!
रूधिरा ” शायद भांप गयी थी ” वो दरवाजे की ओर भागी “
मैने पीछे से उसे पकड़ लिया ”
और उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा “
उसे ” देखकर मेरी नियत बदल गयी थी!
रूधिरा ” छोड दे मुझे ” उसने मेरे चेहरे को नाखून से नोच लिया ” मेरे चेहरे पर खून टपकने लगा!
खून देखते ही, पता नही कैसे मै हैवान बन गया!
पीटर”” साली “” मै उसे गंदी गंदी गाली देने लगा” और उसे उठाकर पटक दिया ” मै उसके साथ वो सब कर गया जो शर्मनाक था! जब होश में आया ”
तो अहसास हुआ ” रूधिरा मर चुकी है!
मै डर गया ” और उसे वही बाहर गेट के बगल खोदे गये गड्ढे में गाड दिया!
फिर मै घर चला आया!
मै ” बहुत डर गया था ” तापसी ने मुझसे डरने का कारण पूछा तो मैने सारी बात बता दी “
फिर अगले दिन ” स्वाती दीदी ने हम दोनों की मुम्बई जाने की टिकट थमा दी “
और फिर, ” मैने और तापसी ने, अर्जुन भैया से रूधिरा नाम से पैसे हडपने का प्लान बनाया!
एक दिन “”
पीटर तू कहां है” अर्जुन भैया का फोन था!
पीटर ” भैया में मुम्बई “
अर्जुन “” रूधिरा बिना बताये जाने कहाँ चली गयी!
पीटर “” वो यही मुम्बई में है”
उसका पीछा करते हुए मै ” मुम्बई आया हूँ!
वो क्लब में डांस करती है, भैया “
अर्जुन,, पीटर ऐसा नहीं हो सकता ” रूधिरा ऐसी नहीं है!
भैया वो प्रेगनेंट है” मैने उसे समझाया, तो वो बोली ”
की, अर्जुन से पैसे लेकर आ, नही तो उसका घर बर्बाद कर दूंगी ,
अर्जुन ” क्या बकता है”
फोन काटकर अर्जुन ने सिर पकड़ लिया “
रूधिरा ये क्या किया तुमने ” हार गया मै”
फिर अगले दिन ” तापसी पागल हो गयी!
तापसी “” ये पीटर, देख न मै रूधिरा जैसी लग रही हूँ “
पीटर, पागल हो गयी क्या “
तापसी “देख अपनी गर्दन पर नाम गुदवाया उसका ” देख न”
पीटर ” पागल ये क्या किया तूने “
तापसी “” साले मुझसे होशियारी करता है ” उसकी लाश को भी नही बख्शा हैवान “
तडाक एक जोरदार चांटा “
तापसी लडखडाई और टेबल से टकराकर सीधे आंगन में जा गिरी “
मै नीचे आया तबतक उसके प्राण पखेरू उड चुके थे!
मै ” डर गया!
और वही पडे पत्थर से उसका चेहरा कुचल दिया ” पर मुझे याद न रहा की सबूत तो उसके साथ ही है ” रूधिरा नाम गर्दन पर”
मैने तापसी को समुद्र में फेंक दिया ” और सीधे विकास भैया से पैसे लेने क्लिनिक चला गया ” मेरा प्लान नेपाल भाग जाने का था!
आज निकलने वाला था
, पर विकास भैया फैमिली के साथ पिकनिक मनाने आये थे!
जिसकी जानकारी मुझे मिली तो मै समंदर पर पहुँच गया!
तभी एक पुलिस वाले की नजर मुझपर पडी “
उसने मुझे दबोच लिया “
फिर पूछताछ के लिए यहाँ लेकर आ गये!
पीटर चुप हो चुका था!
विकास को पीटर से घृणा हो रही थी “
विकास ने जब रूधिरा को देखा था ” महज वो सात वर्ष के आसपास की बच्ची थी!
अर्जुन बस उसकी बातें करता था! पर कभी मिलाया नही “
न विकास ने कभी मिलने की कोशिश की “
पीटर को साथ ” लेकर पुलिस भोपाल पहुंची ” रेलवे काॅलोनी
से करीब पांच किलोमीटर दूर सूनसूना गेस्टहाउस में , चप्पा चप्पा छान मारा ” पर रूधिरा की बॉडी न मिली “
पुलिस सख्ती से पूछताछ करने लगी, पर कही कोई जबाब नही ,
सब हैरान आखिर रूधिरा गयी कहां” न किसी पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली”
हार कर पुलिस ” रुधिरा के घर पहुंची, “
दरवाजा एक प्रोढ औरत ने खोला ”
पुलिस को देखते ही, वो रोने लगी “
साहब मुझे पता था ” मुझे इंसाफ मिलेगा ” मेरी रूधिरा का हत्यारा जरूर मिलेगा “
इस्पेक्टर”” जी माता जी ” आपके पास रूधिरा की कोई तस्वीर हो तो दिजिए ” उसकी बॉडी नही मिल रही!
आपके साथ पूरा इंसाफ होगा “
पर साहब हमको बॉडी तो सौप दी गयी थी! हमने दाहसंस्कार भी किया था ” अब तक मोहल्ले वाले इकट्ठा हो चुके थे!
सरला जी सही कह रही है साहब” एक पडोसन बोली “
इस्पेक्टर चौक गये ”
आपकी बेटी के साथ क्या हुआ था!
सरला “” एक्सीडेंट “
सिर घूम गया इस्पेक्टर त्यागी का ” अब ममला पेचिदा हो गया था!
इस्पेक्टर ” रूधिरा की कोई तस्वीर होगी “
सरला “” जी साहब”
वो रही हमारी रूधिरा ” सामने दीवार पर एक सात साल की बच्ची की तस्वीर थी!
जिसपर, जाने कितने समय से सूख चुकी माला पडी थी!
इस्पेक्टर त्यागी “” शिट्
चलो यहाँ से “
थाने पहुंचकर , इस्पेक्टर त्यागी ने अर्जुन को बुलवाया “
साथ ही स्वाती को भी “
स्वाती के पैर डर से कांप रहे थे!
स्वाती, सर मै डर गयी थी! मेरे बच्चे छोटे है!
त्यागी ” पहले शांत हो जाईए ” और बैठ जाईए “
स्वाती बैठ गयी ” दूसरी चेयर पर अर्जुन बैठ गया!
आप दोनों को डरने की जरूरत नही ” पहली बात तो””
कुछ देर चुप हो गये इस्पेक्टर त्यागी “
स्वाती मैडम आप अपने पति का इलाज करवाइऐ”
वो मानसिक रोगी है!
स्वाती “” क्या “
सर मै अंदर आ सकता हूँ “
आईऐ डॉक्टर “
मिस्टर अर्जुन आप मेरे साथ आईऐ!
थाने के पीछे बने अंधेरे कमरे में अर्जुन को एक कुर्सी पर बैठा दिया गया!
मिस्टर अर्जुन बिल्कुल शांत मुद्रा में बैठ जाईए “डाक्टर बोला”
अर्जुन चुपचाप बैठ गया!
कुछ साल पीछे जाईए “
विकास यार रूधिरा मेरा प्यार है, अर्जुन बोला “
अर्जुन सर और पीछे “”
अर्जुन “””वो देख रही है” वो लडकी “
डाक्टर ” अब रूक जाओ”
अर्जुन कुछ देर बाद ” रूधिरा भागो ” बस आ रही है, नही
नही रूधिरा मै किससे बातें करूँगा ” अर्जुन जोर जोर से रोने लगा “
डाक्टर ” अर्जुन सर वापस आओ “””
कुछ देर बाद अर्जुन ने आंखे खोली “
वो समान्य था!
इस्पेक्टर “” स्वाती मैडम अब आप समझी “
स्वाती आश्चर्य से ” अर्जुन को देखे जा रही थी!
इस्पेक्टर ” आपके पति को इलाज की जरूरत है “
जिसके साथ वो पल पल जी रहा है, वो है ही नहीं “
रूधिरा एक बच्ची है, जो अट्ठारह साल पहले एक्सीडेंट में मर चुकी है!
डाक्टर ” स्वाती मैडम ” दरअसल मिस्टर अर्जुन दोहरी, जिंदगी जी रहे है! अब आपको अपने घर के बजाय पति को बचाना है!
स्वाती “” हे भगवान “” अब मै क्या करुं”
डाक्टर,”””” ज्यादा कुछ नहीं ” बस धैर्य और खुशी देकर “
थोडे इलाज के साथ ”
ऐसे पैशेंट खुद कल्पना में जीने लग जाते हैं ”
अर्जुन सर अट्ठारह साल से रूधिरा के साथ जी रहे हैं ” जो की सात साल की उम्र में एक्सीडेंट में मर चुकी है”
उससे उन्हें बाहर निकालना होगा ” रूधिरा एक छलावा है!
बस और कुछ नहीं “
स्वाती ने अर्जुन की ओर देखा, वो ” खिड़की के बाहर किसी को बाय बोल रहा था ” स्वाती की आंखों में आंसू तैर गये!
अर्जुन मुझे माफ कर देना ” तुम बीमार थे और मैने तुम्हे गलत समझ लिया “
स्वाती ने अपनी गीली आंखों को पोछा ”
सामने विकास खडा था!
भाभी चलो घर, हम सब आपके साथ है!
स्वाती ” धन्यवाद त्यागी सर ” और डॉक्टर “
आज आपने मेरा जीवन बचा लिया “
अर्जुन ” स्वाती घर चले “
स्वाती “” हाँ जी “
समाप्त
रीमा महेंद्र ठाकुर