प्रीति की शादी 1 सप्ताह पहले ही हुई थी जब तक घर में रिश्तेदार थे तब तक उसे सही से आराम करने को भी नहीं मिलता था आज ही सारे रिश्तेदार अपने-अपने घर को गए थे। आज प्रीति ने सोचा था कि आज सुकून की नींद सोएगी इसलिए उसने सुबह 5:00 बजे का मोबाइल में अलार्म लगा दिया था. लेकिन यह क्या जब नींद खुला तो देखा की सुबह के 8:00 बज गए हैं. प्रीति को अपने आप पर बहुत ही शर्म महसूस हो रही थी, सासु मां क्या कहेंगी 8:00 बजे तक सोती रहती हूँ। अलार्म लगाया था फिर भी पता नहीं चला।
अपने बेडरूम से निकल कर जैसे ही बाहर आई सासु मां ने कहा, बहु जल्दी से फ्रेश होकर नाश्ता कर लो, मैंने नाश्ता बना दिया है। प्रीति के लिए यह तो और शर्म की बात थी उसने अपने सासू मां के पैर छुए और सॉरी बोला। सासु मां ने कहा इसमें सॉरी की क्या बात है अभी ससुराल में जल्दी उठने की आदत नहीं है ना, मायके में देर से सोकर उठती होगी, कोई बात नहीं धीरे-धीरे जब जिम्मेदारियां तुम्हारे सर पर आएगी, अपने आप ही नींद खुल जाएगी।
प्रीति ने अपने पति राहुल के बारे में पूछा कि वह कहां है प्रीति के सासु मां ने कहा राहुल की छुट्टियां आज से समाप्त हो गई थी व ऑफिस निकल गया है 9:00 बजे से ही उसका ऑफिस होता है तो वह घर से 8:00 बजे ही निकल जाता है। तुम्हें जगाने जा रहा था, मैं ने ही बोला कि रहने दो कई दिनों से बहुत थकी होगी सोने दो उसे अभी।
अगले दिन से प्रीति ने मन में ठान लिया था वह सबसे पहले सो कर उठेगी और किसी को भी शिकायत का मौका नहीं देगी, फिर क्या था धीरे धीरे प्रीति ने इस घर के संस्कारी बहू का तमगा ले ही लिया था, सारे रिश्तेदारों और परिचितों में प्रीति का नाम हो गया था सब यही कहते थे कि की बहू हो तो प्रीति जैसा वरना न हो।
घर में सब कुछ तो अच्छा चल रहा था लेकिन प्रीति के जीवन में एक सुनापन आ गया था, शादी के 1 सप्ताह तक जब प्रीति का राहुल से बातचीत नहीं होता था तो वह सोच रही थी कि अभी नए नए हैं घर में भी भीड़ भाड़ है इस वजह से राहुल भी शरमा रहे हैं, लेकिन आज तो 2 महीना बीतने वाला है लेकिन फिर भी राहुल और प्रीति के बीच सिर्फ नाम का ही पति पत्नी का रिश्ता है। दरवाजे के बाहर तो दोनों पति पत्नी है, प्रीति भी एक संस्कारी बहू है लेकिन दरवाजे के अंदर दोनों अनजान की तरह रहते हैं, ऐसा लगता है दोनों एक दूसरे को जानते भी नहीं हो।
राहुल तो प्रीति के साथ बेड पर भी नहीं सोता था वह नीचे चटाई बिछाकर जमीन पर ही सो जाता था और प्रीति से उसने साफ साफ कह दिया था कि देखो प्रीति मैंने तुमसे शादी अपने मां के लिए किया था और तुम भी मुझसे जबरदस्ती गले पड़ने की कोशिश मत करना। मैं जिस लड़की से प्यार करता हूं उसी से शादी करना चाहता था लेकिन मां को वह लड़की पसंद नहीं थी मां को तो तुम्हारी जैसी संस्कारी बहू चाहिए थी।
प्रीति ने समझाने की कोशिश की थी कि राहुल अब यही सत्य है हम दोनों पति पत्नी हैं और इसे तुम्हें भी स्वीकार करना होगा जो हो गया उसे भूल जाओ आखिर कब तक हम ऐसे अनजान की तरह एक कमरे में बंद रहेंगे कभी ना कभी तो सबको पता चल ही जाएगा कि हमारे बीच कोई रिश्ता नहीं है।
प्रीति के बातों का राहुल पर कोई असर नहीं होता था और समय के साथ प्रीति को भी यह एहसास हो गया था, उसका दांपत्य जीवन कभी भी अब सामान्य नहीं हो सकता।
अब धीरे-धीरे प्रीति हमेशा टेंशन में रहने लगी इस टेंशन का आलम यह रहने लगा कि इसका प्रभाव उसके घरेलू कामकाज पर भी पड़ने लगा कई बार तो दूध उबलकर गिरने लगता था और उसका ध्यान ही नहीं जाता था। कभी चाय में चीनी ज्यादा डाल देती थी। तो कभी सब्जी में नमक डालना ही भूल जाती थी।
प्रीति के सास को भी यह एहसास हो गया था प्रीति जरूर कोई ना कोई बात से परेशान है, नहीं तो पहले कितना खुश रहती थी सब से हंस कर बात करती थी, अब किसी से फोन पर भी ज्यादा बात नहीं करती है, मुझसे भी बहुत कम ही बात करती है, दिन भर अपने कमरे में पड़ी रहती है, कोई तो बात जरूर है जो अंदर ही अंदर प्रीति को खाए जा रही है।
प्रीति के सास ने कई बार उससे पूछा की बहू अगर कोई बात है तो मुझे बताओ आखिर तुम इतना तनाव में क्यों रहती हो प्रीति मुस्कुरा कर जवाब दे देती थी नहीं माँ जी कोई बात नहीं है, बस ऐसे ही अगर कोई बात होगी तो आप से नहीं कहूंगी तो किस से कहूंगी।
प्रीति सोचने लगी कि आखिर कब तक ऐसा चलेगा कोई ना कोई फैसला तो लेना पड़ेगा मुझे पता करना पड़ेगा आखिर कौन वह लड़की है जिसके लिए उसके पति राहुल मुझे इग्नोर कर रहे हैं, आखिर राहुल से मेरी शादी हुई है मेरे पति हैं मुझे उस लड़की से बात करनी पड़ेगी मुझे पता करना पड़ेगा कौन है वह लड़की।
अगले दिन राहुल जब अपने ऑफिस चला गया था प्रीति ने अपने सासू मां से पूछा कि मैं एक बात पूछना चाह रही हूं आपसे, सही जवाब दीजिएगा, कुछ भी मत छुपाइएगा। प्रीति के सासु माँ ने कहा बहू बोलो। माँ जी बताइए कि राहुल शादी से पहले किसी लड़की से प्यार करते थे और क्या उससे शादी करना चाहते थे। प्रीति की सास यह बात सुनकर चुप हो गई, उसने सोचा प्रीति को यह बात कैसे पता चल गया, मैंने तो किसी से बताया ही नहीं।
प्रीति ने कहा कि मैंने आपसे पहले ही कहा है जो मैं पूछूंगी उसका सही सही जवाब देना कुछ भी मत छुपाना क्योंकि अब मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकती, अब राहुल से मेरी शादी हुई है मेरे हिस्से का प्यार मुझे चाहिए, मैं अपना प्यार किसी और को नहीं दे सकती। मैं उस लड़की से मिलना चाहती हूं।
सासु माँ ने कहा हाँ प्यार करता था लेकिन वह लड़की मुझे पसंद नहीं थी मैंने उसको खुद एक बार ड्रिंक करते हुए देखा था और ऐसी लड़की को मैं अपने घर की बहू कभी नहीं बना सकती थी । प्रीति ने पूछा उस लड़की का नाम क्या है सासु मां ने कहा शायद रश्मि नाम है उसका।
रात को राहुल जब सो गया प्रीति ने उसके फोन से रश्मि का नंबर निकाल लिया था और अगले दिन सुबह उसने रश्मि को फोन किया और बोली रश्मि मैं तुमसे मिलना चाहती हूं, रश्मि ने पूछा आप कौन हो? प्रीति ने कहा मिलने के बाद पता चल जाएगा, शाम को तुम मुझे बंगाली मार्केट के कॉफी हाउस में मिलो।
शाम होते ही प्रीति कॉफी हाउस में रश्मि का इंतजार कर रही थी, कुछ देर के बाद रश्मि वहां पहुंचकर प्रीति को फोन किया आप कहां हो मैं कॉफी हाउस में आ गई हूं, प्रीति ने बोला सामने देखो, बैठी हुई हूँ ।
रश्मि ने प्रीति से हाथ मिलाया और बैठ गई रश्मि ने सबसे पहले पूछा आप कौन हैं ? और आप मुझसे क्यों मिलना चाहती थीं ? प्रीति ने बोला मैं राहुल की पत्नी हूं और तुमसे मिलने का मेरा वजह यह है तुम्हारी वजह से राहुल मुझे शादी के 6 महीने बाद भी अपना नहीं सका है, वह अभी भी तुमसे ही प्यार करता है।
रश्मि ने कहा मुझे तो पता ही नहीं था कि तुम दोनों के बीच कुछ भी ठीक नहीं है जब भी मैं राहुल से पूछती हूं वह तो कहता है कि हमारा रिश्ता बिल्कुल नॉर्मल है।
प्रीति तुम चिंता मत करो अगले सप्ताह ही मेरी सगाई है मैंने राहुल को तो नहीं बताया है लेकिन उस दिन के बाद से उसका यह भ्रम भी टूट जाएगा कि उसकी मेरे से कभी शादी भी हो सकती है। फिर उस दिन के बाद से राहुल हमेशा के लिए तुम्हारा हो जाएगा। प्रीति ने कहा जब तुम्हारी शादी तय हो गई है तो तुमने राहुल को बताया क्यों नहीं रश्मि ने कहा कि मैंने किसी को नहीं बताया है कि मेरी शादी तय हो गई है मैं यह सरप्राइज़ रखना चाहती एक दिन पहले ही सब को फोन करके बताऊंगी।
रश्मि ने प्रीति को सॉरी कहा, सॉरी प्रीति मुझे नहीं पता था कि मेरी वजह से तुम्हारी और राहुल की जिंदगी उलझ गई है, मुझे पता होता तो मैं कब का राहुल को मना कर देती कि वह मुझे भूल जाए क्योंकि शादी विवाह ईश्वर की मर्जी से होती है।
हां यह सही बात है हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और शादी भी करना चाहते थे लेकिन मैं कभी भी अपने घर वाले या राहुल के घर वाले के विरुद्ध जाकर शादी करने के लिए तैयार नहीं थी मैंने सोचा जब भी शादी होगी अपने घर वालों और राहुल के घर वाले की मर्जी से ही होगी। जब राहुल की मम्मी को मैं नहीं पसंद हो तो कोई बात नहीं मेरा अपना जीवन जीने का स्टाइल है और मैं अपना जीवन किसी के लिए नहीं बदल सकती।
उस दिन के बाद प्रीति जब घर लौटी तो उसके मन में थोड़ा सा सुकून था उसे लग रहा था सिर्फ 1 सप्ताह की बात है फिर उसके बाद राहुल उसका हो जाएगा। क्योंकि रश्मि तो किसी और से शादी करने वाली है, अब राहुल जाएगा तो कहां जाएगा मैं राहुल को अब कहीं किसी के बाहों में नहीं जाने दूंगी, राहुल मेरा है सिर्फ मेरा।
एक सप्ताह बाद राहुल तैयार होकर जा रहा था प्रीति ने पूछा राहुल कहीं पार्टी है क्या ?कहां जा रहे हो? राहुल ने बोला मेरे दोस्त की पार्टी है उसने बुलाया है। किस चीज की पार्टी है यह तो मुझे भी नहीं पता बस उसने बुलाया है। प्रीति को तो यह बात पता था की रश्मि की आज सगाई है और इसी के लिए वह अपने सारे दोस्तों को बुलाई होगी और यह बात सबसे छुपाई थी कि उसकी आज सगाई है।
राहुल जब रश्मि के घर गया तो उसे वहां पता चला कि रश्मि की आज सगाई होने वाली है राहुल पूरी तरह से टूट चुका था वह पार्टी से बाहर आ गया था उसे अब भी यकीन था कि रश्मि उससे शादी कर लेगी इस भ्रम में जी रहा था वह भ्रम अब टूट चुका था।
राहुल 1 घंटे में ही वापस आ गया था घर आते ही राहुल ने प्रीति से कहा, “खाना लगा दो भूख लगा है” प्रीति ने कहा आपका तो खाना मैंने बनाया ही नहीं, आप तो पार्टी में गए थे तो मुझे लगा खाकर ही आओगे और फिर क्या हो गया इतनी जल्दी पार्टी से वापस कैसे आ गए।
प्रीति मन ही मन खुश हो रही थी उसे समझ आ गया था कि राहुल को यह बात पता चल गया है आज रश्मि की सगाई है और वह उल्टे पांव घर आ गया है। प्रीति अंदर से खुश हो रही थी अब अब राहुल को किसी भी हाल में पा लेगी।
राहुल बोला भाई कुछ खाने को हो तो दे दो नहीं खाने का है तो यह भी बोल दो मैं जा रहा हूं सोने। आज खुशी के मारे प्रीति को भूख कहां लग रही थी उसने अपना हिस्सा राहुल को खाने के लिए दे दिया।
घर का काम निपटाने के बाद प्रीति जब अपने कमरे में गई तो राहुल बिल्कुल उदास कुर्सी पर बैठा हुआ था। प्रीति ने राहुल से पूछा क्या हो गया राहुल तुम उदास क्यों बैठे हो और पार्टी से तुम इतनी जल्दी कैसे आ गए। राहुल ने कहा बस ऐसे ही मन नहीं किया पार्टी में जाने का आधे रास्ते से ही वापस आ गया।
प्रीति ने कहा आधे रास्ते से वापस आ गए या रश्मि की सगाई का तुम्हें पता चला तो वहां से सीधे घर आ गए। राहुल आश्चर्यचकित हो गया, यह बात प्रीति को कैसे पता, आज रश्मि की सगाई होने वाली थी। यह बात तो मुझे भी नहीं पता था मैं जब वहां गया तब पता चला।
राहुल ने पूछा तुम रश्मि को कैसे जानती हो और तुम्हें कैसे पता आज उसकी सगाई होने वाली थी। प्रीति ज्यादा पहेली ना बुझाते हुए साफ-साफ सब कुछ राहुल से बता दिया था वह रश्मि से मिली थी।
कुछ देर के बाद राहुल ने चटाई बिछाया और जमीन पर सोने लगा, प्रीति ने कहा अब आज के बाद से तुम चटाई पर नहीं सोवोगे बल्कि बेड पर सोवोगे।
जिस लड़की के इंतजार में तुम चटाई पर सो रहे थे तुम्हें लगता था कि रश्मि से तुम्हारी शादी हो जाएगी लेकिन वह तो किसी और की हो गई। यह भी एक सत्य है कि मैं तुम्हारी पत्नी हूँ इसको जितना जल्दी समझ लो उसमें जल्दी हम दोनों के जीवन खुशियों से भर जाएगा और रश्मि को भी अपने जीवन में खुश रहने दो, मैं तो कहती हूं आज के बाद तुम उसे कभी बात ही न करो क्योंकि कोई भी लड़का यह नहीं चाहेगा कि उसकी पत्नी का उसके पूर्व प्रेमी से बातचीत हो।
राहुल यह बात समझ गया था और उस दिन के बाद से धीरे-धीरे राहुल और प्रीति में दोस्ती हो गई और यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई उन दोनों को भी पता नहीं चला।