अपहरण का बदला – रवीन्द्र कान्त त्यागी

रात के दो बज रहे हैं। आंखों में नींद का नामोनिशान नहीं है। मेरी पत्नी अनुष्का अपने तीन साल के वैवाहिक जीवन को ठोकर मार कर चली गई है। बरसों से मेरे हृदय में उसके लिए बसे अगाध प्रेम, समर्पण और विश्वास को एक तीन पंक्ति के कागज के पुर्जे से तार तार करके, मेरी … Read more

क्या आप खुश हैं? – रश्मि प्रकाश

‘‘सुनो जी, जब तुम्हारे रिटायरमेंट का वक्त आएगा ना उसके पहले ही हम अपना घर बनाएँगे और हाँ हम अपना घर अपने हिसाब से बनायेंगे…जिसकी दीवारों पर सजी एक -एक ईंट हमारे प्यार की गवाही दें….हम बच्चों के हिसाब से कुछ भी नहीं करेंगे….जो करेंगे अपने लिए सोच समझकर।”तनु ने पति विवेक से कहा ‘‘ … Read more

लोग क्या कहेंगे… – रश्मि झा मिश्रा

.…सीधे पल्ले की साड़ी पहने… सर पर पल्लू संभालती… जानकी काकी बड़े से शॉपिंग मॉल के दरवाजे पर आकर ठिठक गई… उन्हें कुछ अच्छी साड़ियां लेनी थी… इसलिए टैक्सी वाले ने उन्हें यहीं उतार दिया… अब इतने बड़े मॉल में अकेले घुसते उनके कदम हिचकिचा रहे थे…  वह हिम्मत कर आगे बढ़ी… लोग आ जा … Read more

रिश्तों की रीचार्जिंग – श्वेता अग्रवाल

रिशभ और सिमी की शादी को 10 साल हो चुके थे। दोनों अपने-अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे कि अब वो पुराने दिनों की मस्ती, रोमांस और बातचीत कहीं गायब हो गई थी। रिश्ते बस एक रूटीन बनकर रह गए थे। सुबह ऑफिस की भागदौड़, शाम को थकान और वीकेंड्स पर भी बस थोड़ा … Read more

( ना ) जायज़ रिश्ते – रवीद्र कान्त त्यागी

गुड़गांव की आई.टी. सेक्टर की बड़ी कंपनी में शालीन और शैलजा काम करते थे. दिल्ली और एनसीआर में ही नहीं, सभी बड़े शहरों में और अब तो कस्बों और गांवों में भी अनेक प्रेम कहानियां रोज ही बनती और बिगड़ती रहती हैं. मैट्रो ट्रेन में, कैंटीन में, बस स्टॉप पर और ऑफिस में रोज ऐसी … Read more

रिटारमेंट – परमा दत्त झा

आज बुशरा परेशान थी कारण उसके श्वसुर अमजद खान साहब आज सेवानिवृत्त होने वाले हैं।बुशरा के घर में बस चार जन हैं -वह उसका पति शाकिर और श्वसुर तथा उसकी बेटी अमायरा जो चार पांच साल की होगी। सुनते हो,पापा रिटायर होने वाले हैं -वह अपने पति से बोली। हां भाई, इसमें नयी बात क्या … Read more

उड़ान – बालेश्वर गुप्ता

            देख रज्जो, तू मेरी बहन जैसी है, इसलिये समझा रही हूं,शालू को संभाल, नही तो पछताएगी।     क्यो क्या हुआ,सरोज?मेरी शालू ने ऐसा क्या कर दिया,जो मुझे पछताना पड़ेगा।वो तो यहां अब गांव में कितना रहती है, शाम ढले आती है, दिन भर तो वह शहर में ही रहवै है।       गांव में नही रहती यही तो … Read more

रिटायरमेंट ‘डिप्रेशन’ नहीं है – उमा महाजन

     कल रात देर रात तक अपना आर्टिकल लिखते हुए मिसीज सक्सेना काफी देर से सो पाई थीं। अब उन पर नौकरी के कारण सुबह जल्दी उठने के लिए घड़ी की सुइयों का बंधन तो है नहीं।सो, जैसे ही रोज की तरह घड़ी का अलार्म बजा, उन्होंने हाथ बढ़ाकर अलार्म बंद कर दिया कि थोड़ी देर … Read more

क्या आप खुश हैं? – रश्मि प्रकाश

‘‘सुनो जी, जब तुम्हारे रिटायरमेंट का वक्त आएगा ना उसके पहले ही हम अपना घर बनाएँगे और हाँ हम अपना घर अपने हिसाब से बनायेंगे…जिसकी दीवारों पर सजी एक -एक ईंट हमारे प्यार की गवाही दें….हम बच्चों के हिसाब से कुछ भी नहीं करेंगे….जो करेंगे अपने लिए सोच समझकर।”तनु ने पति विवेक से कहा ‘‘ … Read more

लोग क्या कहेंगे… रश्मि झा मिश्रा

.…सीधे पल्ले की साड़ी पहने… सर पर पल्लू संभालती… जानकी काकी बड़े से शॉपिंग मॉल के दरवाजे पर आकर ठिठक गई… उन्हें कुछ अच्छी साड़ियां लेनी थी… इसलिए टैक्सी वाले ने उन्हें यहीं उतार दिया… अब इतने बड़े मॉल में अकेले घुसते उनके कदम हिचकिचा रहे थे…  वह हिम्मत कर आगे बढ़ी… लोग आ जा … Read more

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