जैसी करनी वैसी भरनी – विमला गुगलानी
“ चाहत बहू, मेरा चशमा ठीक करवा ला बेटा, चार दिन से एक शीशे से पढ़ रही हूं, सिर दर्द होने लगता है”। बल्कि एक चशमा और ही बनवा दो, ताकि एक टूटे तो दूसरा काम आ जाए, सविता ने बड़े प्यार से बहू चाहत से कहा। ओह माताजी, आपके काम ही खत्म नहीं होते, … Read more