काला तवा – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     सुनो जी,आज अपने गांव में गाड़िया लुहार आये हैं, उधर से निकलो तो एक तवा उनसे खरीद लाना।    क्यो भागवान, पहले तवे का क्या हुआ,जो नया मंगा रही हो?       असल मे वह छोटा पड़ता है जी।आप चाहते हैं पानी के हाथ की बड़ी करारी रोटी,वही आपका लाडला भी चाहता है।आज आया हुआ है तो कहेगा … Read more

काठ की हांडी बार -बार नहीं चढ़ती – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

 हाय ! उसने एकदम से मुड़कर देखा और वो मुस्कुरा कर आगे बढ़ गयी।   ये आज ही की बात नहीं है ,वो उसी रास्ते पर अक्सर उसे, आते -जाते देखता रहता है। शुरू में तो, उसने नजरअंदाज किया,किन्तु जब उसकी सखियों ने बताया – देख ! वो तुझे देख रहा है,तेरे लिए ही आता है।   … Read more

चाबी – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा : Moral Stories in Hindi

पिंकी और चिंकी दो बहनें थीं और साथ साथ विद्यालय जातीं। पिंकी कक्षा 5 तथा चिंकी कक्षा 4 में थी पिंकी पढ़ने में बहुत होशियार थी वह हमेशा प्रथम श्रेणी या द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण होती जबकि चिंकी बहुत मुश्किल से उत्तीर्ण हो पाती। इसी वजह से पिंकी की तो विद्यालय तथा घर में सभी … Read more

साज़िशें – लक्ष्मी त्यागी :  Moral Stories in Hindi

उमा देवी ने, आज फेसबुक पर देखा ,आज फिर एक लड़की के जीवन की बलि ‘दहेज़ रूपी दानव’ ने ले ली। उन चित्रों को देख, उनकी आँखों में आंसू आ गए। वो सोचने लगीं ,उनके अत्याचारों को वो सहन न कर सकी होगी। शीघ्र ही साहस छोड़ दिया होगा।  कुछ दिन और जी लेती ,महारानी … Read more

साजिश – हेमलता गुप्ता :  Moral Stories in Hindi

राशि ने  शादी के 1 महीने बाद ही जब अपने गर्भवती होने की सूचना परिवार को दी तो परिवार में एक खुशी तो थी पर एक आश्चर्य सा भी था, जहां आजकल की लड़कियां शादी के दो-तीन साल तक बच्चा नहीं चाहती वही राशि  ने तो अगले महीने ही यह समाचार दे दिया! राशि का … Read more

डर से डरना नहीं,लड़ना जरूरी है – कमलेश आहूजा :  Moral Stories in Hindi

आज मीना को ऑफिस से निकलने में देर हो गई।रात के 9 बज रहे थे..बड़ी मुश्किल से घर जाने के लिए कैब मिली।घर से बार बार फोन आ रहे थे इसलिए उसने कैब में बैठते ही पहले फोन किया-“माँ,मैं कैब में बैठ गईं हूँ बस थोड़ी देर में घर पहुंच जाऊँगी।” ड्राइवर ने गाड़ी उसकी … Read more

अर्थी वाली दुल्हन – संजय मृदुल :  Moral Stories in Hindi

माँ! तुम्हीं ने तो कहा था कि लड़की की दो बार बिदाई होती है वो मायके से डोली से उतरती है ससुराल में फ़िर वहाँ से अर्थी में विदा होती है। लो देखो मैं कितनी जल्दी ससुराल से विदा हो रही हूँ। अर्थी अच्छे से सजाई है न इन लोगों ने? पापाजी को कहना देख … Read more

साजिश – के आर अमित : Moral Stories in Hindi

अगली सुबह जब वो उसी जगह गया तो उसका भाई खून से लहूलुहान था, मगर जिंदा था और तड़प रहा था। उसने सोचा कि अगर इसे बचाने की कोशिश करूंगा या हॉस्पिटल लेकर जाऊंगा तो ये बात पुलिस तक पहुँच जाएगी और वो फँस जाएगा। इसलिए उसने उसे उसी हालत में मरता छोड़कर वहाँ से … Read more

अनुत्तरित – उमा महाजन :  Moral Stories in Hindi

      पिछले सप्ताह उनके एक पड़ोसी मित्र का सपरिवार हमारे घर पर आना हुआ । इतवार का दिन था,सो वे लोग आराम से बैठ कर गपशप करने के मूड में  आए थे । मैं स्वयं बिजली विभाग में एस.डी.ओ. के पद पर कार्यरत हूँ और वे नगर के एक प्रतिष्ठित सफल व्यापारी हैं।       अलग-अलग कार्य-क्षेेत्रों से … Read more

मां जैसा ना कोई – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

रात के बारह बज चुके थे,सुषमा की आंखे नींद से भारी हो रही थी, लेकिन वो सो नहीं पा रही थी, उसका बेटा गगन बैंगलौर से फ्लाईट से आ रहा था तो जब तक वो बेटे को देख न ले , उसे नींद आती ही नहीं थी।ये रोज की बात थी, गगन किसी बहुत अच्छी … Read more

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