ग्रहण – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“रानो,रानो बहू कहाँ हो? सुनो तो जरा |” विमलादेवी सत्संग से आकर अपनी बहू रानो को खोज रही थी | “यहीं हूँ,माँजी” चाय लेकर आते हुए रानो ने कहा | दोनों चाय पीने लगी | चाय पीते-पीते विमलादेवी ने कहा “रानो परसों सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक सूर्य-ग्रहण है | इस बीच … Read more

साज़िश – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

वाहहह प्रियंका तुमने तो बहुत बढ़िया साज़िश रच दी ……अपने पियक्कड़ भाई के साथ मानवी की शादी करा दी ……. तुम्हें पता था ना कि तुम्हारा भाई कैसा है ………फिर भी मेरी फूल सी बच्ची मानवी के लिए ………उसका रिश्ता लेकर आ गई ……..रमणी प्रियंका को ताना मार रही थी क्योंकि ……..कुछ देर पहले ही … Read more

बेटियां पराई होकर भी अपनी होती है – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

रमा देवी और कैलाश जी दोपहर बाद घर के सामने बने पार्क में टहलने निकले तभी रमादेवी लड़खड़ाती गिरने ही वाली थी अगर कैलाश जी ने आगे बढ़कर उनको तुरंत थामा न होता। रमा जी बोली इतनी फिसलन है की आज आप ने थामा न होता तो हाथ या पैर में से कुछ टूट ही … Read more

साज़िश – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi 

 रवि और किशन दोनों ही देसाई जी बेटे थे ! मगर दोनों के स्वभाव एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत  ! जहां रवि हर छोटी-छोटी बात पर घर हो या बाहर सब पर क्रोध किया करता था और तो और किसी को नीचा दिखाने के लिए वह बुरी  से बुरी साज़िश करने से भी नहीं चूकता … Read more

काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती – सीमा सिंघी  :  Moral Stories in Hindi

 इतने ऑर्डर आए हुए हैं, मगर यह जूली भी न जाने कहां जाकर बैठ गई है। मशीन पर बैठेगी,तभी तो कपड़े सिलाई होंगे। यूं अपने आप तो नहीं तैयार हो जाएंगे ना,मगर मेरी बात सुने तब तो,इसी तरह बडबडाते हुए जूली की ताई जी शीला जी जूली को ढूंढते हुए उसके कमरे तक पहुंच गई।  … Read more

आग(स्वतंत्र) – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

बाबूजी आप देखकर नहीं चल सकते क्या?-बहू घर में आते ही चिल्लाते हुए बोली। क्यों क्या हुआ?-वे सहज भाव से पूछे। अभी पोंछा लगाया था,अभी सारा काम फिर से करना होगा। -अच्छा,वे बात को विराम देते हुए बोले। अचानक हुए हमले से वे चौंक गये ।अब मैं परिचय दे दूं। श्वसुर हैं डाक्टर योगेश जो … Read more

उल्टा दांव – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज संजना सिर पटक रही थी कारण श्वसुर जी को उसने छोड़ दिया था परिणाम आज पूरे एक करोड़ रूपए की पुरस्कार राशि से हाथ धोना पड़ा। अरे कुछ करो,सारे पैसे वह डाइन मधु डकार लेगी।-संजना अपने पति राकेश को चिल्लाते बोली। मैं क्या करूं,तुमने झगड़ा किया, तुम अलग हुई ,जब दीदी के पति मरे … Read more

औलाद का दर्द

“यह क्या बात हुई भैया, आपने पहले कहा था कि आप 15 तारीख को आकर मम्मी और पापा को अपने साथ ले जाएंगे। अब आप दो दिन पहले कह रहे हैं कि आप नहीं आएंगे।” “अरे, मैंने क्या ज़िंदगी भर का इनका ठेका लेकर रखा है? इनकी वजह से हम कहीं घूमने भी नहीं जा … Read more

साजिश – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

  रश्मि की हालत नाजुक थी। बुखार से शरीर तप रहा था और सिर दर्द से फटा जा रहा था। वह घर के एक कोने में बैठी एक टक घड़ी की ओर निहार रही थी।  रात के नौ बज चुके थे। पर रमेश अभी  भी घर न आया था।                  रश्मि की बेचैनी बढ़ती ही … Read more

काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती – खुशी : Moral Stories in Hindi

रमा ब्याह कर एक भरे पूरे घर में आई जहां सास ससुर, ताऊ और ताई सास गायत्री देवी ननद देवर सब मिले। ताई को बहुत घमंड था कि उनके परिवार में सिर्फ लड़के है।उनके 3 लड़के और सासूजी के 2 पर सासू मां को एक बेटी गीता होने पर ताने सुनाती तूने खानदान की परंपरा … Read more

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