जाहिल – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
जाहिल हो तुम प्रीति? तुम्हें किसके सामने कैसे पेश आना चाहिए ये कब समझ में आएगा।माना की तुम्हारे मायके का कोई स्टैंडर्ड नहीं था पर शादी के इतने सालों बाद भी कुछ नहीं सीखा तुमने? प्रकाश को बहुत मज़ा आता था प्रीति को जलील करने में और प्रीति भी अब तक आदी हो गई थी … Read more