ज़िन्दगी अब जिंदगी नहीं रही – शिव कुमारी शुक्ला

 योगेश जी एक मैथ्स अध्यापक थे राजकीय विद्यालय में। अपने आप में मस्त मौला, अपनी ही धुन में रहने वाले। यूं तो उनके पास बी एस सी ,बी एड की डिग्रीयां थीं किन्तु वे रहन सहन, बोलने बात करने से ऐसे लगते जैसे कोई दिमाग से उतरा हुआ हो।लोग पीठ पीछे उन्हें जाहिल,गंवार कहते। कुछ … Read more

खून के आंसू -परमा दत्त झा :  Moral Stories in Hindi

आज ठाकुर गिरधारी जी दुखी थे कारण पत्नी और बच्चे आज अलग थे।आज चाय पीने उठे मगर हाथ से कप गिर गया और वे रोने लगे। आज अकेले थे,आटो चलाकर दिन गुजारते थे।दिनकट जाता था मगर रात का अकेलापन। ठाकुर भूखे पेट बिस्तर पर लेट गये और खो गये अतीत की याद में। आज से … Read more

आँसुओं के पीछे की हँसी – डॉ० मनीषा भारद्वाज :  Moral Stories in Hindi 

बाहर जम कर बारिश हो रही थी और अंदर वर्मा कम्पनी  के कार्यालय में सन्नाटा छाया है। खबर फैली है कि अत्यंत कठोर बॉस, श्री हरिश्चंद्र वर्मा का हृदयाघात से निधन हो गया है। नवीन, एक महत्वाकांक्षी उप-प्रबंधक, अपने कक्ष में खड़ा खिड़की से बाहर झरते मेघों को देख रहा है। उसका चेहरा शोक से … Read more

ओल्ड एज होम -प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

मंगला जी ने अपने घर को क्यों ओल्ड एज होम में बदलने का फैसला ले लिया था। लाखों की प्रापर्टी थी और बच्चों ने जब उसे बेच कर मां का बंटवारा करने का फैसला लिया था कि मां कुछ महीने यहां रहेंगी और कुछ महीने वहां तो ये बात मंगला जी को हजम नहीं हुई … Read more

बिटिया का घर बसने दो – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

स्मृति इंजीनियरिंग करके बहुत अच्छी कंपनी में कार्यरत थी।अच्छे काम के चलते कई बार कंपनी की तरफ से विदेश हो आई थी और दो साल में ही प्रमोशन मिल गया था। घर में रागिनी जी, बिमलेश जी और एक बेटा राकेश और बिटिया स्मृति थे। उम्र बढ़ने लगी तो बिमलेश जी सुयोग्य वर के लिए … Read more

बिटिया का घर बसने दो – लक्ष्मी त्यागी :Moral Stories in Hindi

विपिन ! देख लीजिए ! यह लड़का भी गंजा है, लगभग 33 वर्ष का हो गया है ,केतकी अपने पति से बोली।   अच्छा कमाता है, जब इंसान तरक्की करता है, तो किसी न किसी चीज से तो पीछे रह जाता ही है।कभी रिश्ते पीछे छूट जाते हैं तो कभी रूप -रंग साथ छोड़ देता है।  … Read more

शहर से गांव की ओर – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

सालों बाद जब गांव की तरफ लौटी तो मन बड़ा खिन्न था कि इतने ऐश आराम की जिंदगी के बीच कुछ समझौते के साथ रह पाऊंगी क्या? इसी जद्दोजहद के बीच विचारों ने भी पैर पसार लिए थे। कहते हैं कि सकारात्मक सोचें तो सबकुछ सही नजर आता है लेकिन नाकारात्मक विचार आ रहें हैं … Read more

जाहिल -सीमा सिंघी :  Moral Stories in Hindi

 आज मैं थोड़ी जल्दी उठ गई थी क्योंकि सुबह-सुबह की सैर बड़ी अच्छी होती है इसीलिए मेरे कदम खुद ब खुद सैर के लिए निकल पड़े ! गली के नुक्कड़ पर पहुंचते ही मैंने देखा ! कचरे के ढेर में से एक बच्चा रोटी का एक टुकडा जो कि बाकी  जूठन से पूरी तरह लिपटा … Read more

 बिटिया का घर बसने दो – सीमा सिंघी :  Moral Stories in Hindi

श्यामा  दीदी रोटी बनी की नहीं मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है  और मेरा नाश्ता कहां है मुझे तो डाइनिंग टेबल पर कोई नाश्ता नहीं दिख रहा। अब क्या भूखे पेट जाऊं, लगभग चीखते हुए रवि ने श्यामा से कहा। रवि तुम्हारा लंच बॉक्स तैयार है और नाश्ता भी तैयार है। लो फटाफट … Read more

गलत से सबक, सही से सीख – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

ममता जी अपनी पोती  का बिब ही खोजने के लिए अंदर कमरे में जा रही थीं कि बेटे – बहु की ऊँची चीखती हुई आवाज़ उनके कानों में पड़ी और वो कमरे से बाहर ही ठिठक गईं । उनकी बहू मधुलिका अपने पति आलोक से बोल रही थी…”एकदम # जाहिल गंवार है तुम्हारी मम्मी ! … Read more

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