जीवन साथी की तलाश – अमिता कुचया :  Moral Stories in Hindi

आज घर में चहल पहल थी कि चलो सीमा का रिश्ता तय हो रहा है। वह सांवली रंगत की थी।उसकी फोटो को फिल्टर से सुंदर बना कर भेजा गया था। आज पांचवी बार लड़के वाले देखने आ रहे हैं ,दोपहर खाने की तैयारी के साथ सीमा को मेकअप करके तैयार किया गया।ताकि सीमा का रंग … Read more

सांझा चूल्हा – गीतू महाजन :  Moral Stories in Hindi

दीवार के उस तरफ से आते हुए शोर से परमिंदर कौर को अंदाज़ा हो गया था कि उसके देवर चरण सिंह की बेटी नवजोत कौर के रिश्ते के लिए लोग इकट्ठे हुए होंगे।आस पड़ोस की औरतों से उसे कुछ बातें तो पता चल ही गई थी।रात को जब परमिंदर के पति सुजीत सिंह और उसका … Read more

कुछ बेटे भी पराये होते है – संगीता अग्रवाल :  Moral Stories in Hindi

” माँ मुझे भी अपना कमरा चाहिए जैसे भैया का बनवा रहे हो मेरा भी एक बनवा दो ना!” पंद्रह साल की नंदिनी अपनी माँ गीता से बोली. ” तू दादी के कमरे मे रहती तो है अपना कमरा क्यों चाहिए फिर तुझे!” गीता ने उससे पूछा. ” माँ दादी मुझे उस कमरे मे कुछ … Read more

रिश्ते जो झगड़े में भी हारते नहीं – ज्योति आहूजा

नील और परिधि ।इनकी शादी को 5 वर्ष बीत चुके हैं। आम परिवारों की तरह यह भी आपस में कभी तो प्रेम का भाव दिखाते हैं तो कभी बच्चों की तरह लड़ते नजर आते हैं। अब कुछ समय पहले की ही बात है। नील परिधि से कहता है “मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही … Read more

तमाचा – परमा दत्त झा :  Moral Stories in Hindi

अरे न्यू मार्केट चलेगा -राधा ने टैम्पो वाले से पूछा। जी चलिए -वह विनम्रता से बोला। पर मैं डेढ़ सौ रूपए दूंगी।-वह बोली। इसपर उसने हां में सिर हिलाया। वह बैठी तो आराम से अपना बैग टैम्पू में रख दिया।इतना ही नहीं न्यू मार्केट तक वह एक शब्द नहीं बोला। बस वह न्यू मार्केट आकर … Read more

 संयोग – परमा दत्त झा :  Moral Stories in Hindi

आज रानी परेशान थी कारण वह आटो वाला उसे देखता था तो पूरी आवभगत के साथ सम्मान के साथ बिठाता था। परंतु न जाने क्या था कि उसे बुरा लगता था। इस आटो बाले का नाम बबलू है।बस सवारी ढोना,काम से मतलब रखना,फिर इसे देखने का कारण — वह परेशान हो गयी तो पति से … Read more

आत्म सम्मान – बीना शर्मा :  Moral Stories in Hindi 

“मोनिका जल्दी से खाना बना दो बहुत तेज भूख लग रही है” माधव ने जब अपनी पत्नी मोनिका से कहा तो उसकी पत्नी मोनिका बोली “आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है और वैसे भी मैं खाना अच्छा नहीं बनाती इसलिए आज तुम मम्मी जी, रश्मि या फिर काजल से अपने लिए खाना बनवा लो जिनके … Read more

क्या रिर्टायरमेंट सिर्फ ऑफिस जाने वाली महिलाओं के लिए होता हैं – स्वाती जैन :  Moral Stories in Hindi

धनलक्ष्मी जी ने जब अपनी बहन और उसकी बहू को एक साथ गप्पे लड़ाते देखा तो अपनी होने वाली बहु आकांक्षा के लिए उनका प्यार ओर उमड़ पड़ा और वे मन ही मन सोचने लगी बस जल्दी बेटे ललित की शादी हो जाए तो मैं भी इसी तरह रसोई में काम करते हुए आकांक्षा से … Read more

ममता – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ :  Moral Stories in Hindi

“अम्मा,  मैंने आपके पास जो रुपये जमा किये हैं उनमें से आज मुझे 100 रुपये दे देना।” कहकर बिंदिया फिर से अपने काम में लग गयी।     “ठीक है, जाते समय ले जाना…वैसे आज क्या बात है आज तो तू बड़ी खुश है?”      “हाँ अम्मा, आज मेरी बेटी आशा का जन्मदिन जो है आज वह पूरे … Read more

मैं कठपुतली नहीं हूँ – संगीता त्रिपाठी :  Moral Stories in Hindi

” प्रतियोगिता का परिणाम निकल आया, शुभम का क्या रिजल्ट आया “       “अरे कब निकला भाभी “पड़ोसन की बात सुन शोभा बेटे के कमरे की तरफ गई,   कमरा खाली था, बाथरूम में देखा वहाँ भी शुभम नहीं दिखा, अब तो शोभा का माथा ठनका, आज सुबह से ही शुभम अनमना था, शोभा ने ध्यान नहीं … Read more

error: Content is protected !!