बहू, बेगम और बन्दर – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi
“अरे ओ नीरू…जरा देख तो, ये क्या उबल के चाय का पानी गैस पर ही सूख गया? सारी चायपत्ती बर्बाद हो गयी। अब नयी चाय बनाना। और ध्यान रखना, दूध को बिल्कुल उफ़नने मत देना। पिछली बार तो मानो दूध की नदियाँ बह गयीं थीं रसोई घर में।” यह आवाज़ थी सासु माँ शारदा देवी … Read more