चूड़ियों की खनक – गीतू महाजन :  Moral Stories in Hindi

उसके जाते ही सब कुछ खामोश हो गया था.. पूरे घर- परिवार के साथ साथ ऐसे लग रहा था जैसे पूरा कस्बा ही चुप्पी साध गया हो।घर की दीवारें भी मूक हो चुकी थी।हवा भी बहुत धीमी गति से चल रही थी जैसे उसकी आवाज़ से कहीं शोर उत्पन्न ना हो जाए।आज मालिनी को गए … Read more

एक मुंह दो बात – सीमा सिंघी :  Moral Stories in Hindi 

 अचानक पोता बहू सुनीति की कर्कश आवाज मेरे कानों में पड़ी ! वो शायद अपनी जेठानी अनीता से कुछ कह रही थी,जबकि बड़ी पोता बहू अनीता की आवाज मेरे कानों तक नहीं पहुंच रही थी। मैं मन ही मन सोचने लगी। वह भी तो जरूर सुनीति से कुछ तो कह रही होगी लेकिन अनीता की … Read more

एक मुंह दो बात – शुभ्रा बैनर्जी  :  Moral Stories in Hindi

“भाभी,एक खुशखबरी है।सबसे पहले तुम्हें ही दे रहीं हूं।तुम्हारी लाड़ली रिम्पा (भांजी)की शादी तय हो गई है।अभी लड़के के माता-पिता गएं हैं बात पक्की कर।लड़का यहीं पुणे में ही नौकरी करता है।तारीख अभी तय तो नहीं हुई,पर फाल्गुन में ही होगा।तुम तैयारी करके रखना।बच्चों को भी बता देना।”छोटी ननद थी फोन पर।यह हमारे परिवार के … Read more

जीने की राह – अर्चना सिंह :  Moral Stories in Hindi

चार दिन से रूबी काम पर नहीं आयी थी । गमले में पानी डालकर शिप्रा ऑफिस के लिए ही निकलने वाली थी कि दरवाजे पर घण्टी बजी । खोलकर देखा तो रूबी ही थी, हरदम खिलखिलाने वाला चेहरा, बकबक मशीन आज जैसे थकी सी लग रही थी । “अंदर आ जा ! बोलते हुए शिप्रा … Read more

 ससुराल वाले बड़ी बहु को इंसान क्यों नही समझते – लक्ष्मी त्यागी :  Moral Stories in Hindi

क्या बताऊँ दीदी !भारती जब से ससुराल गयी है ,तब से ही परेशान है।  क्यों क्या हुआ ? होना क्या है ?घर की बड़ी बहु जो ठहरी, घर की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उसी पर आन पड़ी है ,अबकि बार जब ‘तीज’ पर आई थी बहुत रो रही थी ,कह रही थी -बहु ,बनकर क्या गयी हूँ … Read more

आदर्श सास-बहु – एम पी सिंह  :  Moral Stories in Hindi

अलका की पढ़ाई पूरी होते ही उसकी शादी हो गई और वो दिल्ली से कानपुर चली गई। परिवार छोटा था, बस पति और सासूमां। पति का काफी बड़ा बिज़नेस था ओर काफी व्यस्त रहते थे। अलका दिन भर खाली बैठी बोर होती रहती या टी वी देखती रहती। उसकी सासू मां बहुत तेज थी, हर … Read more

‘काश’ एक भारी शब्द – रोनिता :  Moral Stories in Hindi

झमाझम बारिश की आवाज़ सुनाई दे रही थी। रात के 9:00 बजे थे पर बारिश की वजह से आधी रात वाली खामोशी थी। रात का खाना निपटाकर कविता अपने कमरे में लेटी थी और फोन पर अपने पति प्रेम से बातें कर रही थी। प्रेम एक हफ्ते के लिए शहर से बाहर गया था, अपने … Read more

पछतावा – अभिलाषा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

“मेरी मम्मी मेरे साथ रहेगी “ उदय ने कहते हुए माँ की पैकिंग करने लगा राघव जी गुस्से भरी हुई नज़र से पत्नी को देख रहे थे और अनू पत्नी- माँ के बीच में फंसी मृगतृष्णा सी बैचैन थीं बेटे के साथ जाकर पति को दूखी नहीं करना चाह रही थी वही उदय जिसने दिन … Read more

वह काली रात – कमलेश राणा  :  Moral Stories in Hindi

अगस्त का महीना था वो..बरसात अपने पूरे यौवन पर थी। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बारिश न होती हो। उन दिनों 15 अगस्त शुक्रवार को, जन्माष्टमी 16 अगस्त शनिवार को और अगला दिन रविवार.. इस तरह कुल मिलाकर तीन छुट्टियां इकठ्ठी पड़ रही थीं जो नौकरी पेशा … Read more

काली रात – के आर अमित :  Moral Stories in Hindi

वो इत्तेफाक था या किस्मत का लेख मगर जो भी था बहुत दर्दनाक था। उस काली रात की कभी सुबह न हुई आज भी उसे इंतज़ार है कोई रोशनी उसकी जिंदगी में आए और वो फिर से उस सपने को सच होता देखे जिसका ख्वाव आज भी उसकी आँखों मे जिंदा है जो रोज बहते … Read more

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