Month: August 2025
काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती – डॉ आभा माहेश्वरी : लघुकथा
एक गाँव के पास एक छोटा सा बाजार था। वहाँ एक चालाक व्यापारी, मोहन, हर हफ्ते नया बहाना बनाकर ग्राहकों को ठगता। कभी कोई मसाला लाता और कहता, “यह मसाला विदेश से आया है,” तो कभी “यह तेल जड़ी-बूटियों से बना है, जटिल रोगों का इलाज होता है इससे।” सीधेसादे लोग उसके झाँसे में आ … Read more
जब तुम माँ बनोगी, तब पता चलेगा” – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi
“माँ, आप हर बात पर रोका टोकी क्यों करती हैं? मुझे अपनी ज़िंदगी अपने हिसाब से जीने दीजिए!”— मीनू ने गुस्से में कहा और कमरे का दरवाज़ा ज़ोर से बंद कर लिया। माँ– सौम्या शांत खड़ी रहीं।उसने कोई जवाब नहीं दिया। ये पहली बार नहीं था जब मीनू ने ऐसा बर्ताव किया था।मीनू 25 साल … Read more
माँ का त्याग – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
जब तुम माँ बनोगी तब पता चलेगा कि माँ का दर्द क्या होता ? औलाद को एक खंरोच भी आ जाये तो माँ का हृदय वेदना की दर्द से छलनी-छलनी हो जाता है। राधिका अपनी बात पूरी कर पाती उससे पहले ही रेवती ने जोर से किवार बंद किया और कमरे से बाहर चली गई। … Read more
कमजोरी – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi
“हां!हां!रात होने से पहले ही लौट आएंगे मम्मी।पिछले पच्चीस सालों से यही एक बात मैं समझ नहीं पाई।आपको रात से क्या दिक्कत है? मम्मी,कभी -कभी परिस्थितियों के चलते रात हो जाती है लौटने में।कभी मीटिंग देर तक चलती है,कभी कैब नहीं मिलता।तुम्हें पता है ना, ट्रेवल करना कितना मुश्किल है यहां।तुम चिंता मत करना ना।मैं … Read more
काली रात- श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
अपनी मौसेरी बहन की शादी अटेंड करके आनंद अपने परिवार के साथ वापस घर लौट रहा था। रात का समय था। सभी गप्पें मारते, हॅंसी मजाक करते हुए गाड़ी में अपना सफर तय कर रहे थे। फ्रंट सीट पर आनंद, ड्राइवर के साथ बैठा था। बीच वाली सीट पर उसके माता-पिता, छोटी बहन और पीछे … Read more
अंधेरा के बाद का उजाला – लतिका पल्लवी :
मोबाईल बजा तो मीता नें अपनी बेटी से कहा देख तो सोनम पापा का फोन है?उनसे पूछना तो आज रात मे निकलेगे या कल चलेंगे? मीता रसोई मे आटा गुंथ रही थी इसलिए वह मोबाईल नहीं उठा सकती थी। अतः उसने रसोई से फोन उठाने के लिए बेटी को आवाज लगाई।बेटी नें मोबाईल देख कर … Read more
अच्छे लोग भी हैं – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
पिछले एक हफ्ते से आरोही कालिज में होने वाले प्रोग्राम की तैयारी में लगी हुई थी। लेक्चरार तो वो साईंस विषय में थी, लेकिन उसकी कल्चरल प्रोगरामों में बहुत रूचि थी और संगीत की लैक्चरार स्नेहा से उसकी दोस्ती भी बहुत थी। तो प्रिसिंपल साहब भी उसे स्नेहा का साथ देने के इच्छुक रहते और … Read more
जीना सीख लिया – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
” ये क्या मीनू…तूने फिर से कमरे में अंधेरा कर लिया।बेटी…बीती बात को भुला कर आगे बढ़ना चाहिये..और रोशनी के साथ…।” कहते हुए मालती ने कमरे की बत्ती जला दी तो मीनू चीख पड़ी,” नहीं माँ..बंद कर बत्ती…मुझे रोशनी नहीं…।” कहते हुए उसने अपने दोनों हाथों से चेहरा छुपा लिया।बेटी को अपने कलेज़े से लगाते … Read more
पति पत्नी और धोखा – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi
दरवाज़े की घंटी ने डाइनिंग टेबल पर ऊंघती हुई माहिरा को उठा दिया था।अपने पति राघव का इंतज़ार करती माहिरा को लगा कि दरवाज़े पर उसका पति ही होगा पर दरवाज़ा खोलते ही सामने पड़ोसन नित्या का पति सार्थक खड़ा था।नित्या आज शाम को मायके जाते हुए उसे अपने फ्लैट की चाबी थमा गई थी। … Read more