आखिर ये तिरस्कार कब तक! – इंदु विवेक : Moral Stories in Hindi
पचासों बार उसे श्रृंगार कर लड़के वालों के सामने ले जाया गया,हजारों रुपये स्वागत सत्कार में खर्च किये गए, तमाम आभगत मगर परिणाम एक ही ,लड़की की लंबाई थोड़ी कम है हमारे बेटे के हिसाब से थोड़ी लंबी लड़की चाहिए। सलौनी थक गई थी यह सब सुन सुन कर,उसका मन जोरों से चीख रहा था … Read more