नुकसान – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

शोभित! जब देखो मोबाइल से चिपके रहते हो..कभी पढ़ लिया करो! शोभित की मां ने कहा तो वो मुस्करा दिया…”मां! मैं पढ़ाई ही तो कर रहा हूं।” “क्या सच में?”रीमा आश्चर्य से बोलीं,पता नहीं आजकल कैसी पढ़ाई हो गई है,किताबें छोड़ कर सब कुछ मोबाइल पर मिलता है। शोभित ने अपनी मां को झूठ बोल … Read more

*नया सूरज* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     पापा, बस अब यह सब नही,बहुत हो चुका।अब मैं आपसे कुछ भी नही लूँगी।       पर बेटा मेरा सबकुछ तेरा ही तो है, तू क्यो टेंसन लेती है।       पापा, आप मेरे आत्मसम्मान के बारे में भी तो सोचो।सचिन से शादी का निर्णय मेरा था,यदि मेरा  निर्णय गलत सिद्ध हुआ है तो उसे मैं ही भुगतुंगी,आप नही। … Read more

आज वो बहू भी बन गयी थी और भाभी भी – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

ज़िन्दगी कभी कभी ऐसे मोड़ पर ले आती है कि दो में से एक रास्ता चुनना मुश्किल हो जाता है, पर हम जिस मोड़ पर मुड़ते हैं वो रास्ता सही तो होता है लेकिन अपनों की नाऱाज़गी भी साथ-साथ चलती है , कुछ ऐसा ही रास्ता चुन लिया था अतुल ने, जब उसने रश्मि के … Read more

सासु माँ ससुर जी से कहिए सब्ज़ियाँ लाने को – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ सुनो जी तुम ना कल से बाज़ार जाकर सब्ज़ियाँ ले आया करो।” सुनंदा जी ने पति  राजेश्वर जी से धीमे स्वर में कहा  “ अम्मा यार अब इस उम्र में भी सब्ज़ी बाज़ार दौड़ाती फिरोगी…अब तो निकुंज को सब्ज़ी लाने की ज़िम्मेदारी दो।” राजेश्वर जी ने थोड़ा तल्ख़ अंदाज़ में कहा  “ वो तो … Read more

बहू और भाभी आज बनी है – आकाश गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

(एक पारिवारिक और भावनात्मक कहानी) गाँव के उस बड़े से पुश्तैनी घर में चहल-पहल थी। आँगन में रंगोली बन रही थी, दरवाज़े पर केले के पत्तों और गेंदे के फूलों की बंधनवार लटक रही थी। रसोई से पकवानों की खुशबू हवा में घुली थी। आज रोहित और साक्षी की शादी की सातवीं सालगिरह थी। परिवार … Read more

समझौता अब नहीं! – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

पच्चीस वर्षीया मीरा दुबली-पतली काया, लम्बे वालोंवाली साॅंवली-सलोनी सीधी-सादी लड़की थी।स्नातक की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। उच्च शिक्षा हासिल करना चाहती थी, परन्तु माता-पिता उसकी शादी कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे।मीरा में सारे गुण भरे पड़े थे, परन्तु लड़केवालों को उसके कोई गुण नहीं दिखते थे।केवल उसके साॅंवले रंग के कारण … Read more

बस अब और नहीं – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

पायल! पायल!तेजी से श्याम चीखा तो घबरा के पास आती वो बोली, क्या हुआ जी! क्या कह रहे हैं? क्या कह रहे हैं? गुस्से में उसकी नकल करता उसका पति श्याम बोला..भोली तो ऐसे बनती हो जैसे बड़ी सीधी हो..ये बच्चियां शोर कर रही हैं इन्हें कौन संभालेगा? पता नहीं मेरे ऑफिस का काम कितना … Read more

समझौता अब नहीं – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

सुनिए कल सुबह मुझे सात बजे की बस पकड़नी है ऋषिकेश के लिए। कल सुबह? ऋषिकेश? किसलिए? आनंद जैसे नींद से जागा हो,इस तरह चौंक गया। अरे मैंने आपको बताया तो था कि मैं अब कुछ दिन के लिए प्रकृति की गोद में रहना चाहती हूं, यहां की भागम भाग से आजिज आ चुकी हूं … Read more

पत्नी तो में पहले ही बन गई थी पर बहु ओर भाभी आज बनी हूँ – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

प्रेशर कुकर की सीटी लगातार बज रही थी… 1…2…3…5… फिर अचानक दो बार और… जैसे बिन मतलब की हड़बड़ी हो, बेमन की दिनचर्या। रसोई में हल्की-सी हल्दी और धनिया की खुशबू तैर रही थी, पर मनाली की आँखें रसोई की खिड़की से बाहर, सूनी सी सड़कों पर अटकी थीं। उसकी उँगलियाँ आटे से लथपथ थीं, … Read more

“समझौता… अब नहीं” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूनम जब से इस घर में बहू बनकर आई है वह देख रही है सारे काम तो वह स्वयं करती है किंतु दूध के समय मम्मी जी सबका दूध तैयार करती है उसमें से पूनम और खुद का दूध आधा गिलास करती है बाकी पापा जी, पतिदेव, देवर जी और दोनों नंदो का, हमेशा पूरा … Read more

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