लालच – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

अक्षरा..!! इतनी जल्दी-जल्दी घर मत आया करो..! ऐसा नहीं है तुम्हारे आने से मुझे अच्छा नहीं लगता, लेकिन इतना दूर से आने- जाने में बहुत पैसा खर्च होता है। वह पैसा कहीं और काम आएगा। मांँ सुनंदा बोली। अक्षरा ने कहा मांँ साल में दो बार ही तो आती हूँ, मुझे भी तो मन करता … Read more

पत्नी तो कब बन गयी थी परंतु बहू और भाभी तो आज बनी है। – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

‘भाभी दवा खा लो ,-ननद रमा दवा और दूध लेकर हाजिर थी। वह उठकर दवा खाली और दूध पी लिया।तब तक बूढ़ा श्वसुर दवाई और बाकी समान लेकर आ गया था।सास ने इसके कपड़े धोये थे।समान ठीक किया था।मैके से कोई झांकने नहीं आया था।यह दुखी होकर रो रही थी। अरे मत रो,सब ठीक हो … Read more

अब बहू घर के तौर तरीके सीख गई है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

पवन ने बहुत बार अपनी माताजी और बहनों को समझाया भी था कि उसकी पत्नी रानी को घर का इतना काम करना नहीं आता।वह बहुत थक जाती है और रोती रहती है।  उससे घर का इतना काम ना करवाया करो।  पवन तो यह कह कर चला जाता था परंतु पराई लड़की ने मेरे बेटे और … Read more

वो अनपढ़ स्त्री – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 बला की खूबसूरत थी वो स्त्री…. सजने संवरने के बाद तो उस पर चार चांद ही लग जाते थे…..हाव-भाव , तौर तरीकों से कोई समझ ही नहीं सकता था कि वो अनपढ़ है ….उसके पास कागज की डिग्रियां जो नहीं थी …! पर वो जिंदगी के समीकरण को खूब समझती थी  …रिश्तो के जोड़ घटाव … Read more

पैसा है तो सब है – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

अरे विमला बहन कौन आया था मिलने? काफी गुस्से में लग रही थी? आखिर कौन थे वह? कुंती जी ने कहा  विमला जी: वह मेरे बेटे बहू है  कुंती जी:  अच्छा इन्हीं की वजह से तुम यहां हो? अब क्या ही किया जाए? हर किसी की यही कहानी है, इन बच्चों को पालने में अपना … Read more

सच का आइना – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

घर के आँगन में अदरक वाली चाय की सोंधी खुशबू के साथ अजीब सी खामोशी घुली हुई थी। लीला जी खामोश थीं,  उनकी आँखों की थकान उम्र की नहीं आत्मा व मन की ,अनकहे  जज़्बातों के उपेक्षा की थी। उनका बेटा विवेक, हमेशा से, ऑफिस से लौटते ही लैपटॉप में घुस जाता। घर को आफिस … Read more

संयुक्त परिवार का सुख – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

यार रति तेरे यहां कितना अच्छा है न तेरी तीन तीन भाभियां है ,इतने सारे भतीजे भतीजियां है कितनी चहल-पहल रहती है न तेरे घर में ।मैं जब भी तुझसे मिलने आती हूं तेरी कोई न कोई भाभी चाय नाश्ता लेकर आ जाती है तुझे तो उठकर जाना भी नहीं पड़ता।और जब मैं तेरे घर … Read more

एक औरत के दिल की थाह – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

पिताजी की 13वीं को बीते हुए 2 दिन हो चुके थे।सारे रिश्तेदार अपने-अपने घरों में वापिस जा चुके थे और आज ही छोटी बहन आरती भी सुबह अपने बेटे और पति के साथ ससुराल के लिए निकल गई थी।घर में बस मैं ,मां ,मेरी पत्नी शालिनी और हमारा 5 वर्षीय पुत्र आयुष था।मैंने तो अपनी … Read more

आपबीती – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

मेरा नाम गीतिका है,छोटे से कस्बे की शर्मीली और पढ़ाकू लड़की कब विनोद से शादी करके ससुराल चली आई और उसकी पत्नी बन गई,पता ही नहीं चला।दिल में कितने अरमान थे कि पढ़ाई करके ये करूंगी,वो करूंगी पर शादी के बाद कुछ याद ही नहीं रहा सिवाय इसके कि सुबह अलार्म बजते ही उठ जाना … Read more

कितनी बार समझौता – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज अविनाश के माता-पिता, अविनाश के साथ अंकिता को देखने उसके घर गए थे। उन्हें अपने बेटे अविनाश के लिए अंकिता बहुत ज्यादा पसंद आई। अंकिता एक पढ़ी-लिखी,मधुर व्यवहार वाली और सुंदर लड़की थी।   अपना एम बी ए पूरा करने के बाद, वह नौकरी  देख रही थी, कि तभी उसके लिए अविनाश का रिश्ता आ … Read more

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