अम्मा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

    भैया देख ना , फ्रिज में ताला लगा है…. पक्का मां मिठाई मंगवाई होगी…. मामा , मामी आने वाले होंगे…. तन्वी ने तरुण का हाथ पकड़ कर फ्रिज के सामने लाकर खड़ा कर दिया… तरुण ने भी फ्रिज का हैंडल अपनी ओर खींचते हुए कहा…. हां तन्वी ये तो बंद है….।        बस फिर क्या था…. … Read more

 मुंह मोड़ना – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

साधारण रंग रूप मगर गुणवान तनिषा को उसकी जेठानियाँ और ननदे सांवली होने के कम अहमियत देते थे।     तनिषा का रंग रूप भले ही सांवला था मगर मन की एकदम साफ।जो लोग उसे कम पसंद करते फिर भी वह उनके हर काम के लिए तत्पर रहती।            कुकिंग,पेंटिंग, सिलाई, बुनाई हर कार्य में निपुण। … Read more

 लड़ाई – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अरे! आज फिर कूड़ा डाल दिया मेरे अहाते में? जया गुस्से में बड़बड़ाई..ये मालिनी भी न जाने कब मैच्योर होगी? मम्मी!मालिनी आंटी हमसे चिढ़ती हैं,हमेशा नज़र लगाती हैं हमारी खुशियों पर और जब तब चोरी छिपे ये ओछे काम करती रहती हैं। श्वेता बोली। नहीं ..अब मैं और चुप नहीं रहूंगी..आज उसको समझा के ही … Read more

 माँ तो माँ होती है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुन रही हो माँ की तबीयत बहुत ख़राब है अब उनके बचने की उम्मीद जरा भी नहीं है…. भैया कह रहे थे एक बार आकर उन्हें देख लो ।”कुन्दन अपनी पत्नी रूचि से कह रहा था जिसकी आँखों में आँसू और आवाज़ में कंपन रूचि महसूस कर रही थी  “ तुम्हें क्या लगता है … Read more

 सास का सबक…. – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

सुबह के दस बजे चुके थे, तभी वहां नेहा कपडों का ढेर लगाकर रखती है। उसी समय संध्या भी गंदे कपड़े की गड्डी लेकर आ जाती है,अरे नेहा तूने कपडों का ढेर क्यों लगाकर रखा है? आज मुझे कपड़े मशीन में लगाने है, ये संध्या अपनी देवरानी नेहा से कहती है, तब नेहा कहती- भाभी … Read more

 दूसरा मायका – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी।   सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड़ा परिवार था उसका। परिवार में इतनी बेटियाँ होने के कारण शीघ्र ही उनका विवाह कर दिया जाता था। लता भी … Read more

 मुंह मोड़ लेना – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

जाने क्या बात हुई कि  सुधा ने फोन का रिसिवर उठाते हुए कहा कि आज के बाद कभी इस नम्बर पर फोन मत करना सुरेश,आज से तुम्हारा और मेरा कोई संबंध नहीं , उधर से हैलो हैलो की आवाज आ ही रही थी कि सुधा ने फोन क्रेडिल पर पटक दिया और बिजली की तेजी … Read more

 अपनापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

          मनीष आज मानसिक रूप से बेहद परेशान था,आत्मविश्लेषण करने में परेशानी तो होती ही है।आज स्कूल से आते ही उसके बेटे बबलू ने पूछा पापा ये ताऊ जी क्या होते हैं,किन्हें ताऊ जी कहते हैं? इस अजीब से प्रश्न को सुनकर मनीष ने सोचा कि स्कूल में किसी बच्चे ने अपने ताऊ जी का जिक्र … Read more

 मुंह मोड़ना – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढ़ूंंढ रहा है…. पार्श्व में गाने के बोल मंजरी के कानों में पिघले शीशे से लग रहे थे और वह न चाहते हुए भी आंसुओं के समुद्र में भीगी जा रही थी। रह रह कर वह खूबसूरत पल उसे याद आ रहे जो उसने अमित के साथ गुजारे थे, हाथों … Read more

 ससुराल की खट्टी-मीठी यादें!! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

कहां से शुरू करुं?  लंबा वक्त गुजर गया  जब पापा की पढ़ाई में डूबी,रहने वाली,एक छोटे से परिवार की बेटी एक बड़े से परिवार की बहू बनी! बहुत डरते डरते ही पापा ने हां बोला था  और डर होता  भी क्यों ना? आखिर जब पापा पहली बार मेरे ससुराल गए थे, सभी भाई, मेरे पूज्य … Read more

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