“परिवार की खुशियां” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नीता थकी हारी ऑफिस से आई..सारा घर बिखरा हुआ देख मन ही मन में बोली..लगता है आज फिर काम वाली नहीं आई। रोज नीता सुबह आठ बजे घर से ऑफिस के लिए निकल जाती थी और पति नवीन दस बजे के करीब ऑफिस के लिए निकलता था।इस बीच वो कामवाली से काम करवा लेता था।अपना … Read more

 सच्चा सुख – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    छाया के बीए के इम्तिहान का आज आखिरी पर्चा था।उसने मेज पर से पेंसिलबाॅक्स उठाया और दुपट्टा डालती हुई बोली,” माँ..मैं जा रही हूँ…।”वो बाहर निकलने लगी तभी उसकी दादी ने आकर उसके माथे पर तिलक लगाकर उसे आशीर्वाद दिया और चाची चम्मच से दही-चीनी खिलाने लगीं तो वो चिढ़ गई,” क्या चाची..आप लोगों की … Read more

 घर है या चिड़ियाघर? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

अरे जीजी! सुना है गुड़िया का रिश्ता तय कर दिया है और उसका परिवार संयुक्त है? जीजी! आज के ज़माने में संयुक्त परिवार में कौन अपनी बेटी देता है? बेचारी का पूरा जीवन रसोई में ही बीत जाएगा, एकांत को तरसेगी बेचारी, प्रभा जी ने अपनी बड़ी बहन शोभा जी से कहा  शोभा जी:  देख … Read more

मेरी आत्मा को तकलीफ़ देकर तुम कैसे खुश रह सकती हो – मंजू ओमर

अपने नन्ही पोती को देखकर सुमन की आंखों से आंसू बह निकले। क्या जिंदगी बना दी है भगवान तूने मेरी बच्ची को देखने को छूने को तरस रही हूं , उसकी एक मुस्कुराहट को तरस रही हूं। क्यों तूने मेरे सारे अरमानो पर पानी फेर दिया है। क्या कुसूर था मेरा और सुमन चेहरे को … Read more

संयुक्त परिवार-मनीषा सिंह

” मैं नहीं रह पाऊंगी यहां••! चार महीने से गर्भवती शक्ति पसीना पोछते पति अनिल के सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए बोली।  अब तनिक आराम तो कर लो श्रीमती जी••! अनिल फौरन शक्ति के पैरों को अपने गोद में रखते हुए बोला । आराम••? ये आराम वाली बात  ना ही बोल तो अच्छा है••! … Read more

 संयुक्त परिवार_ फायदे या नुकसान – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

“अरे दीदी इस समय कैसे टाइम मिला अपनी बहन से बात करने का  ये तो तुम्हारे रसोई में रहने का टाइम है” सुधा ने बड़ी बहन प्रभा से कहा (जब कई दिनों बाद उसका फोन आया और जब फोन आता तो दोनों बहन का एक घंटा कब निकल जाता पता ही नहीं चलता) “अरे आज … Read more

 समझदारी – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

आज रावी ऑफिस में बहुत थक गई थी। वह अपने कमरे में आकर निढाल पड़ गई।तभी रोहित भी आ गया। थोड़ी देर में सुधा जी उन दोनों के लिए कमरें में चाय ले आई। रावी ,रोहित लो बेटा चाय पी लो। रावी ,सुधा जी से चाय लेते हुए बोली ,” मां आपको क्या पता कि … Read more

 वक्त – खुशी : Moral Stories in Hindi

मोहिनी 2 भाइयों की अकेली बहन थी।पिताजी रतन सिंह की अच्छी बल्ब बनाने की फैक्ट्री थी। भाई नरेश और सुरेश भी पिता के कारोबार से जुड़े थे।उनकी मेहनत से एक की दो फैक्ट्री हो गई थी।मोहिनी घर भर में सबकी लाडली थी हद से  ज्यादा लाड प्यार पर मा, पिताजी ,भाभिया भाई  सब नाज नखरे … Read more

 संयुक्त परिवार का साथ – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 अशोक और आशा जी अपनी बेटी शगुन की शादी के लिए बहुत चिंतित थे। अब तक जो भी रिश्ते आए थे वह उन्हें जँच नहीं रहे थे। अबकी बार जो रिश्ता आया था उसे परिवार में सब कुछ अच्छा था और लड़का शुभम तो बहुत ही बढ़िया था।अशोक जी जब से उससे मिलकर आए थे … Read more

 खुशियों की कुंजी संयुक्त परिवार – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

 ये लड़की भी न बहुत जिद्दी हो गई है अपनी मन की करनी है  इसे बस और कुछ नहीं, एक तो आपने भी ना इसको ज्यादा ही छूट दे रखी है । रमा देवी अपने पति सोमेश से बोली अब देखो, अच्छा भला लडका, सुन्दर है अच्छी नौकरी शिक्षित परिवार और क्या चाहिए ..? मैं … Read more

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