एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए – शैलेश सिंह “शैल,, : Moral Stories in Hindi

वो मेरी जीवन संगिनी थी, मेरी सबसे अच्छी दोस्त और सबसे अच्छी सुख दुख की साथी। पर मैंने या उसने.. एक गलती की थी किसी ने, शायद उसी ने की थी। हाँ पक्का उसी ने की थी और फिर हम दोनों अलग हो गए।  वाह अनिकेत…! गलती किसी की भी रही हो उसका फैसला अलग … Read more

” टका सा मुंह लेकर रह जाना ” – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

” भाभी, आपने अपनी बहू को बहुत छूट दे रखी है | जरा उसपर नजर रखो | ” माधुरी घर में घुसते हुए अपनी भाभी उषा से बोली |       ” अरे माधुरी, आओ बैठो | ऐसे क्यों बोल रही हो ? जरा बताओ तो क्या बात है? क्या किया है, मेरी बहू नूतन ने? ” … Read more

टका सा मुंह लेकर रह जाना – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

अन्वी और सिद्धार्थ ने नई सोसाइटी में घर लिया तो सुधा जी अपने बेटे बहू के पास आ गई थी। बेटे बहू के ऑफिस जाने के बाद सुधा जी अकेली रहती तो जल्दी ही  पड़ोस वाली संध्या जी से उनकी दोस्ती हो गई। संध्या जी की एक बुरी आदत थी कि वह कभी भी कुछ … Read more

समझदारी – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

पैकर्स के गाड़ी की हॉर्न सुनकर दौड़कर  साढ़े तीन साल का सौरव बाहर आ गया ,देखिए दादाजी हमारी गाड़ी आ गई ,कहकर तालियाँ बजाने लगा ।  सुबोध जी  पोता को खुश होते देखकर भी खुश नहीं हो पाए । अनामिका दूसरे नम्बर की बहू है ,वो स्वभाव से बहुत अच्छी थी ,किंतु दीवार की शादी … Read more

बन्धन नेह का – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

इति एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रही थी।  उसका वर्क फ्रॉम होम चल रहा था। माता-पिता की इकलौती संतान होने के कारण बहुत ही नाजों से पली थी। बेटी विवाह योग्य होने पर  किसी भी माता-पिता का उसके विवाह के लिए चिंतित होना लाजिमी हैं। चाहे बेटी नौकरी करती हो, या घर में रहती … Read more

बहुरेंगे दिन – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ आइए माँ ।” बहू की आवाज़ सुन कर जानकी जी अपनी आँखों में बह आए आँसुओं की हल्की सी बूँदाबाँदी को अपनी उँगलियों से पोंछते हुए अपनी चाल तेज कर दी बहू लतिका उनका हाथ पकड़कर चल रही थी। “बहू भीतर बहुत लोग होंगे… सब मेरी घरेलू भाषा समझेंगे भी नहीं ऐसे में प्रतीक … Read more

निपुण ही चमकते हैं – जया शर्मा प्रियंवदा : Moral Stories in Hindi

दिवाकर जी ने अपने बेटे राहुल का अपनी पहुंच और पैसे के लेनदेन से अच्छे स्कूल में एडमिशन करवा दिया और सोचा अच्छे स्कूल की स्टैंडर्ड की पढ़ाई से उनका बेटा जरूर ऊंचे पद पर पहुंचकर भविष्य में उनका नाम रोशन करेगा,इसी सोच में उनके भीतर घमंड ने भी पैर फैलाना शुरू कर दिए , … Read more

परम संतोष – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

   राधा चाची रसोई में काम करने के साथ-साथ बड़बड़ाती जा रही थीं , ‘ऐसे अनाड़ी के पल्ले से बांधी गई हूँ कि सेहत ठीक हो या न हो, रसोई मेें तो हमें ही खटना पड़ेगा।हमारे साथ की सारी सहेलियों के पति और दूर क्यों जाएं रिश्ते- नातों में ही देख लो, आजकल सब आदमी रसोई … Read more

आंसू बन गए मोती – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

एक बार मैं जिंदगी से परेशान होकर शहर से भाग कर गांव आ गया। शहर की भागम भाग से और काम के तनाव से एवं शांति की कमी की वजह से मै थक चुका था।  रोज की बेजान दिनचर्या से ऊब चुका था मैं…. अभी दो वर्ष पहले ही माता पिता के मना करने के … Read more

“मन के हारे हार है मन के जीते जीत” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अपने इकलौते बेटे को हल्दी लगते माथे पर सेहरा सजते और दूल्हा बनते हुए देखकर दिनेश जी की आंखें बार-बार भर आती, यह वही बेटा था जिसके होने पर इन्हीं परिवार वालों और रिश्तेदारों ने अफसोस जाहिर किया था और आज वही सब उनकी खुशी में शामिल होकर नाच गा रहे हैं खुशियां मना रहे … Read more

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