जख्म – खुशी : Moral Stories in Hindi

आरती और विष्णु दोनो अनाथ आश्रम में पल कर बड़े हुए कोई रिश्तेदार ना था न ही उन्हें कोई गोद लेने आया। बचपन से एक साथ पले बढ़े तो विष्णु को जब नौकरी लगी तो उसे वह आश्रम छोड़ कर जाना पड़ा।आरती बहुत रोई बोली मुझे भी ले चलो।विष्णु बोला ६ महीने दो मैं तुम्हे … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“तन्वी और पर्व दोनों ही बच्चों को गाजर का हलवा बहुत पसंद है। जब तक वे दोनों PTM से वापस आएंगे, तब तक हलवा बनकर तैयार हो जाएगा। दोनों बहुत खुश हो जाएंगे।” अपने पोता-पोती के लिए बड़े मनोयोग से हलवा बनाते हुए राधा जी सोच रही हैं। देख लिया न तुमने! तन्वी के 3 … Read more

घर की इज्जत – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

एक दिन जिस बेटी निशा के कारण घर की इज्जत नीलाम हो चुकी थी,पूरे समाज में थू-थू हो रही थी, आज उसी बेटी को बेस्ट उद्यमी महिला का पुरस्कार लेते देखकर  उसके परिवार का का सीना गर्व से चौड़ा हो उठा। निशा आफिस से आकर कमरे में टेबल पर पड़ी हुई चिट्ठी देखकर पूछा बैठती … Read more

आयु स्वयं बोलती है.. – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

 आज बिना किसी भूमिका के,अपना एक नया अनुभव अपने पाठकों के साथ साझा करने जा रही हूँ, जिसने जीवन की वास्तविकता से मेरा प्रत्यक्ष साक्षात्कार करवा दिया।    हुआ यूं कि शीत ऋतु की प्रचंड सर्दी के कारण एक लंबे अंतराल के पश्चात,कल हम घर की  आवश्यक वस्तुएँ लेने के लिए घर से कुछ ही दूरी … Read more

सारिका – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सारिका अपनी कक्षा के सबसे होनहार छात्रा थी। पढ़ाई, खेल कूद,वाद विवाद प्रतियोगिता एवं स्कूल की जो भी गतिविधियां होती थी…. सारिका उन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती और हमेशा अव्वल स्थान प्राप्त करती थी‌। वह अध्यापकों एवं प्रिंसिपल की बहुत प्रिय छात्रा थी, लेकिन शरारती भी बहुत थी। क्लास में हर टीचर की मिमिक्री करती… … Read more

जब मां ने बेटे के साथ जाने से किया इंकार – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

सुबह सात बजे दरवाज़े की घंटी लगातार बजे जा रही थी. घंटी की आवाज सुनकर मोना ने गुस्से में बड़बड़ाते हुए अपने पति मनोज से कहा ” मनोज जाकर देखो काम वाली रेखा आई होगी तुम्हारी मां से इतना भी नहीं होता कि दरवाज़ा ही खोल दें वह पूजा कर रहीं होंगी एक रविवार ही … Read more

घर की इज्ज़त – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

रात के बारह बजे जैसे ही सुमन ने अपने हॉस्टल रूम में प्रवेश किया,उसकी रूम मेट सुहानी ने कहा, आ गई उस सिर फिरे लडके के साथ मूवी देख कर,अभी भी कहती हूं संभल जा,नही तो बुरा अंजाम होगा उसकी संगति का। वह लड़का एकदम ठीक नहीं है। तुम रजत के बारे में क्या ऊट-पटांग … Read more

मेरी बिंदिया रे – पुष्पा कुमारी ‘पुष्प’ : Moral Stories in Hindi

लगभग 15 वर्ष पूर्व मैं अपने मायके एक विवाह सामारोह मे शामिल होने गई थी। तब मेरी बच्ची काफी छोटी थी। लेकिन माँ के विशेष अनुरोध को मैं टाल न सकी और यहाँ से अनुमति प्राप्त कर बच्ची समेत अपने भाई के साथ अपने मायके मे मेरा प्रादुर्भाव हुआ l वैसे बेटियां जब मायके आती … Read more

घर की इज्जत – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

शर्मा जी के घर के बाहर पुलिस की गाड़ी खड़ी थी ,उनके बेटे अंकित को पुलिस लेने आई थी । उनकी बेटी आन्या मेरी अच्छी दोस्त है मैं सोच रही थी उससे कैसे तभी फोन की घंटी बजी फोन आन्या का था _ सुमी भाई को पुलिस ले गई ,अंकित पर एक लड़की ने चार्ज … Read more

भूला वादा – शालिनी दीक्षित : Moral Stories in Hindi

‘क्या आपने मेरा टिकट करा दिया………?’ प्रिया ने विशाल से फोन पर पूछा। ‘नहीं अभी नहीं कराया है; अभी तो काफी दिन है मैं कर दूँगा, आज बहुत बिजी था।’ विशाल ने जवाब दिया। ‘प्लीज आप जल्दी कर दीजिए वरना टिकट नहीं मिलेगा।’ प्रिया ने फोन रखने से पहले एक बार फिर से कहा। फोन … Read more

error: Content is protected !!