हमारे लिए संस्कारों में कोई कमी रह गई – मंजू ओमर: Moral Stories in Hindi

तुमने अपने बड़े भाई और भाभी का बहुत अपमान किया गौरव, तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था बेटा।घर आए मेहमान का इतना बड़ा निरादर कैसे किया तुमने। ऐसे संस्कार तो न दिए थे हमने तुम दोनों को और गौरव चुप था कुछ बोल न रहा था। फिर गौरव के पापा विनोद जी ने डांटा कुछ … Read more

घर की इज्जत – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

सरिता वैसे स्वभाव से बहुत अच्छी थी बस उसकी एक ही बुरी आदत थी कि वो हर किसी के व्यक्तिगत मामलों में दखलंदाजी करती थी(चाहे वो रिश्तेदार हों या फिर अड़ोसी पड़ोसी)जैसे-बच्चे घर का काम क्यों नहीं करते?बेटियों को ज्यादा देर तक घर से बाहर नहीं रहना चाहिए,बहुओं को ज्यादा छूट नहीं देनी चाहिए..वगैरह वगैरह..!!! … Read more

फरिश्ता – सुनीता माथुर  : Moral Stories in Hindi

खुशनुमा माहौल था चारों तरफ शहनाइयों की गूंज से वातावरण संगीतमय हो गया था, शादी के मंडप में पंडित जी मंत्र उच्चारण करने के लिए तैयार बैठे थे और फेरे करवाने की तैयारी कर रहे थे साथ में दूल्हा भावेश भी बैठा हुआ था पंडित जी बोल रहे थे दुल्हन को जल्दी से बुलाओ फैरों … Read more

सजा किसी भी रूप में हो सकती है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मम्मी पापा…. आप क्या करेंगे मेरे साथ चलकर मैं कोई पहली बार बाहर थोड़ी जा रहा हूं माना कि मेरी पहली नियुक्ति है और वह भी इतने बड़े शहर में  किंतु में इतने सालों से बाहर शहर में ही तो रह रहा हूं मेरी सारी पढ़ाई बाहर शहर में ही हुई है तो मैं सब … Read more

घर की इज्जत – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

यशोदा•••! जहां तक•• मैं समझता हूं– तो•• तिलक सही कह रहा है•• एक बार हमें उसके कथन पर विचार करना चाहिए••!  देखो जी•••” मैं तो बिल्कुल भी इस बात के लिए राजी नहीं हूं•• यदि गांव वालों को पता चला तो क्या इज्जत— इज्जत जाएगी नहीं•• बल्कि” घर की इज्जत”घर में ही रहेगी•••! बीच में … Read more

बहू के पल्लू नहीं रखने से घर की इज्जत नहीं चली जाती – अर्चना खंडेलवाल   : Moral Stories in Hindi

ये क्या बहू !! तू बिना सिर पर पल्लू रखें, घर के बाहर चली गई, बहू घर की इज्जत होती है, ये तेरा शहर नहीं है, जहां कुछ भी चलता है, ये गांव है और आस-पास सारे रिश्तेदार रहते हैं, पुराने पड़ौसी है, वो बिना पल्लू के देखेंगे तो क्या सोचेंगे कि सुमित्रा ने अपनी … Read more

डर – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

मोबाइल की रिंगटोन सुनते ही विजय ने कॉल उठा लिया..    “क्या…, कैसे..”सुनते ही मैं भी विजय के पास आ गई।  “सुना तुमने श्याम जी के बेटे ने आत्महत्या करने की कोशिश की, अस्पताल से श्याम जी का फोन था .”फोन रखते विजय घबराये स्वर में बोले।     “अरे… ये कब हुआ, कैसे ..”मैं भी आवाक थी। … Read more

अंत भला तो सब भला – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

दोपहर के डेढ़ बज रहे थे। नीलांजना अपनी बहू सुहाना के कॉलेज से लौटने का इंतजार कर रही थी। सुहाना शहर के डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर थी,वो रोज दो बजे तक कॉलेज से घर लौट आती। फिर,दोनों साथ में लंच करती। सुहाना ने नीलांजना से कितनी बार कहा भी था की “माॅंजी आप मेरा इंतजार … Read more

दोहरे मापदंड – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

ये क्या बात हुई मम्मी कि भैया कुछ भी करे आप उसे तो रोकतीं नहीं किन्तु मुझे आज सहेली के जन्मदिन की पार्टी में जरा देर क्या हो  गई इतना सुना रही हो । मैं तो ज्यादा कहीं आती जाती  भी नहीं हूं जबकि भैया न तो ढंग से पढ़ते हैं और देर रात गए … Read more

ड्रेसिंग टेबल – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    हमारे समय में हर पिता अपनी बेटी को विवाह में पलंग, डाइनिंग टेबल, सोफ़ासेट, टीवी, फ़्रिज के साथ एक ड्रेसिंग टेबल देकर ही ससुराल विदा करते थें।मैंने अपनी तीन बड़ी बहनों की शादी देखी थी।बड़ी दीदी को एक शीशे वाला आदमकद ड्रेसिंग टेबल मिला।मंझली दीदी को डबल शीशे वाला(फ़ोल्डिंग) ड्रेसिंग टेबल और नमिता दी के … Read more

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