शादी से ही बचेगी घर की इज्जत – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

 सूर्यमणि बाबू के पूर्वज जमींदार थे अंग्रेजी सल्तनत के समय।जमींदारी भले ही चली गई थी। किन्तु सम्पन्नता अभी भी बरकरार थी। वे  काफी धन-दौलत और जमीन-जायदाद के मालिक थे।    उनके परिवार में उनकी पत्नी शिवांगी, एक पुत्री और दो पुत्र थे। उनकी पुत्री अनामिका उम्र में सबसे बड़ी थी, जबकि उसके दोनो भाई छोटे थे। … Read more

जो अपने माँ बाप का दिल दुखाता है वो खुद भी कभी खुश नही रह पाता है। – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

पकौड़े तलने की खुशबू हवा में घर के आंगन तक फैली हुई थी, छोटी सी रसोई में माया देवी जिसका चेहरा समय और कठिनाइयों से उकेरी गई झुर्रियों का आईना सा था, वो सावधानी से सुनहरे पकौड़ों को एक प्लेट पर रख रही थी । उसकी टेढ़ी-मेढ़ी उंगलियाँ अभ्यास से बड़ी सहजता से चलती थीं, … Read more

तकदीर – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

“ झुमकी “ अरे ओ झुमकी कब से आवाज दे रही हूँ तुझे ,किन खयालों में खोई रहती है री तू ,तेरी दादी तुझे कब से ढूँढ़ रही है और तू हे कि यहाँ खेत पर आकर बैठी है । हाँ काकी आती हूँ ….आने का बोल तो दिया लेकिन फिर से वह उदास हो … Read more

वह भी घर की इज्जत है – अर्चना कोहली ‘अर्चि’ : Moral Stories in Hindi

“क्या ब्यूटी है यार। नज़रें ही नहीं हटती। पटाखा है पटाखा।  कितने समय बाद कॉलेज में कोई रौनक आई है। लगता है भगवान ने इसे बड़ी फुरसत में  बनाया है। सच कहते हैं, असली सुंदरता तो गाँव में ही बसती  है। चाहे कुदरत हो या लड़की।” रोहित ने आहें भरते हुए मोहित से कहा। “तू … Read more

आशंका – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मॉम , पापा अपनी मर्ज़ी हमारे ऊपर क्यों थोपते है? मैं कोई टीनएजर तो नहीं रहा अब ?  नहीं सरल , ऐसा नहीं कहते …. माता-पिता कभी अपने बच्चों का बुरा नहीं सोचते बेटा !  मैं ये नहीं कह रहा कि वो बुरा सोचते हैं पर बड़े होने के बाद बच्चों के साथ कैसा व्यवहार … Read more

बुरी बहू कैसे बनी? – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

अरे नैना बेटा! कैसी हो? सब्जियां लेने आई हो? आज तुम्हारी सास को नहीं भेजा? उनकी तबीयत तो ठीक है ना? नैना के मोहल्ले में ही रहने वाली अर्चना जी ने कहा  नैना: हां काकी, मम्मी जी बिल्कुल ठीक है और वह मंदिर गई है, इसलिए मैं सब्जी लेने आई हूं।  अर्चना जी:  बेटा! तुम … Read more

आँखों पर पड़ा पर्दा – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” महारानी को घर आने की फुर्सत मिल गई..मैं पहले से ही जानती थी कि तू पढ़ाई के बहाने कहीं नैन-मटक्का करने जाती है..स्कूल से कोई इस समय घर लौटता है क्या?” घड़ी की सुई पाँच पर टिकते देख लाजवंती रेखा पर चिल्लाई।    ” वो चाची…।” रेखा को बोलते देख घनश्याम ने उसे चुपचाप अंदर … Read more

आत्मलाप – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

नियति कैसा कैसा खेल खेलाता है…जिसे इंसान का दंभी मन समझ नहीं पाता। जब अपना कर्म सामने आता है तो सिर्फ पछतावे के कुछ भी हासिल नहीं होता।   अपने कमरे के बेड पर छटपटाते…एक घूंट पानी के लिए तरसते… अपनों की मीठी बोली की  आस लिये रमेश बाबू तड़प रहे थे। “क्यों आज कैसा दिल … Read more

जो अपने माँ बाप का दिल दुखाते हैं भगवान उन्हें जरूर सजा देते हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

राजेश्वरी अपने कमरे में पूजा करके आकर बैठी ही थी कि उसे लगा कि उसके सामने से किसी ने कुछ फेंका है देखा तो समाचार पत्र था। यह यहाँ कैसे कुछ सोचने से पहले उसके बड़े. बेटे राजन की तेज आवाज सुनाई दी कि अब आपका पेट भर गया पूरे शहर में मेरी थू थू … Read more

नेलपॉलिश बनाम लिपस्टिक – उमा महाजन  : Moral Stories in Hindi

  रमा जी ने किचन का सारा काम समेटा और बैड रूम में आईं। बिस्तर पर बैठकर जैसे ही उन्होंने अपनी रजाई खोली कि उनके दाहिने हाथ की एक उंगली के नाखून में रजाई के गरम गिलाफ का एक हिस्सा फँस गया। मुँह से ‘उफ्फ़’ की आवाज निकालते हुए उन्होंने बड़ी सावधानी से उसे निकालकर अपने … Read more

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