अंगूठी का नगीना – डा.शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

समाज में हर व्यक्ति को किसी न किसी पैमाने पर मापा जाता है। यह मापदंड अक्सर बाहरी रूप, धन, या दिखावे पर आधारित होते हैं, जबकि वास्तविकता कहीं अधिक गहरी होती है। “अंगूठी का नगीना” का मुहावरा सदैव इस समाज की खामियों और वास्तविकता के बीच के संघर्ष को दर्शाता है। यह कहानी एक ऐसी … Read more

ससुराल ऐसा ही होता है – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

आज  इतवार था ।सुबह उठकर चाय ही बनाने जा रही थी कि फोन बज उठा । देखा तो मम्मी जी का फोन था । मन में अनेकों पुरानी बातें घूमने लगी..हमारी बातें तो काफी समय से बंद है तो आज क्यों कॉल आ रहा  , सब ठीक तो होगा ? खैर ..सवालों को अपने दिमाग … Read more

माँ का मोह – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

अब हमारे बीच कुछ भी नहीं बचा…अंदर ही अंदर खोखला हो गया है हमारा ये रिश्ता….और कितना निभाऊँ मेंयह रिश्ता तुम ही बताओ रिया….. अब हमारे बीच नार्मल पति – पत्नी जैसा कुछ रहा ही नहीं ,अपनी पत्नि रिया से यह बात कहते कहते नीरज की आँखें आंसुओं से भीग गई…. और दूसरी तरफ रिया … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

अपना पराया – मनीषा सिंह बेटा यह दूध की बोतल और दो, चार बाबू के पैंट है जा•• साफ करके ले आ••! पर चाची••! बाहर तो बहुत ठंड है••! तो क्या— आकर अंगेठी में हाथ सेक लियो•••अभी जा••!  ठीक है चाची •••! 9 साल की लाली बोतल और कपड़े लेकर वहां से चली गई। बगल … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

अपना पराया – कमलेश राणा सुरेश के पिता मजदूरी करते थे चार बच्चों का पेट पालना ऐसी मंहगाई में बड़ा ही दुश्वार हो रहा था तो उन्होंने यह सोचकर अपने बड़े बेटे को अपने मालिक को सौंप दिया कि वह उनके घर के काम कर दिया करेगा, उसे कम से कम भरपेट खाना तो नसीब … Read more

गुड न्यूज – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

‘दादू! आपके लिए ‘गुड न्यूज’ है। मेरा इंटरव्यू बहुत बढ़िया हुआ और मेरा चयन हो गया है। अभी मैं नियुक्ति-पत्र  लेने के लिए स्कूल में ही रुकी हूँ।’ रिद्धि फोन पर चहक रही थी। ‘शाबाश! मेरी लाडो!’ कहकर उसके दादू कुछ और पूछना चाहते थे कि ‘बाकी सारी बातें घर आकर बताऊंगी।’ कहकर रिद्धि ने … Read more

किसान – एम.पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

परिवार के साथ कार से मनाली घूमने गया था। बच्चा छोटा था इसलिए बार बार रुकना पढ रहा था। एक जगह रुक कर बच्चे के लिये दूध बनाने के किये गरम पानी लिया और चाय पी। होटल वाले ने 50 रु लिये, 20-20 रु चाय के ओर 10 रु गरम पानी के।  तब मुझे अपने … Read more

“मोहताज” – अयोध्या प्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

जानती हो उस दिन मेरा मन कचोट कर रह गया था। मैंने अपनी पूरी जिंदगी उसके दरवाजे पर ही बीता दिया लेकिन उसे तनिक भी लिहाज नहीं। बिना लाग लपेट के कह दिया था कि–” मैंने तुम्हारे परिवार का ठेका लिया है क्या? तुम अपने लड़के को पढ़ाओ या मत पढ़ाओ उससे मेरा क्या लेना … Read more

बुजुर्ग मोहताज नहीं होते – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

मायके में कुछ दिन रहने आई रचना ने जब अपनी मम्मी की बात सुनी और उनके आंसू देखे तो मानो, उसे ऐसा लगा, किसी ने उसके मुंह पर कसकर तमाचा जड़ दिया हो।   उसकी मम्मी उसे बहाने से बाहर ले गई। ” चल रचना, बाजार चलते हैं मुझे सूती सूट लेने हैं और तू भी … Read more

स्नेह का बंधन – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

  ” रीना..सुन रही हो..दो दिन बाद पापाजी आ रहें हैं..उनके लिये कमरा तैयार करवा देना।” किचन में काम कर रही अपनी पत्नी से मनीष ने कहा तो वो भड़क उठी। आँखें दिखाते हुए बोली,” क्यों आ रहें हैं तुम्हारे पापाजी..तुम नहीं जानते कि बच्चे अपने घर में किसी तीसरे आदमी को पसंद नहीं करते।”   ” … Read more

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