मोहताज कौन – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

 ” बहुत हो गया | आज तुम्हें फैसला करना ही होगा | इस घर में या तो मैं रहूंगी या तुम्हारी माँ | मैं अब इनके साथ नहीं रह सकती | तुम्हें इन्हें गाँव में छोडकर आना ही पडेगा, नहीं तो मैं अपने दोनों बेटे के साथ इस घर से  चली जाऊंगी | ” शोभा … Read more

बेटी तो है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     ” सुनीलsss.., जब एक हाथ से काम होता नहीं तो चुपचाप बैठे क्यों नहीं रहते…।कितना मंहगा शो- पीस था…तुमने तोड़ दिया…इसका पैसा क्या…।” कामिनी अपने देवर पर चिल्ला रही थी कि तभी सुनील की पत्नी नंदा आ गई,” साॅरी दीदी..इनसे गलती से गिर गया है।मैं इसके पैसे दे दूँगी…।”       ” कहाँ से देगी…तुझे खिलाते हम … Read more

जब यादों के झरोखे ने दी दस्तक – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

 आज सुबह से बाहर तेज बारिश हो रही थी। बादल अपनी गर्जन से आकाश को दहला रहे थे…. ऐसा लगता जैसे भयंकर तूफान आने वाला है। परेशान सी रमा कभी खिड़की के बाहर देखती,कभी कमरे में चहलकदमी करती…बैचेन सी इधर उधर मंडरा रही थी। अचानक हुई रिमझिम से मौसम खुशगवार हो गया था..रमा ने एक … Read more

मोहताज – कुमार किशन कीर्ति : Moral Stories in Hindi

“यह लीजिए दीनानाथ सेठ जी आपका काम हो गया है।अब आप बीडीओ साहिबा से हस्ताक्षर करवा लीजिए। इसके बाद आपका काम चकाचक!”मुखिया जी कागज सेठ को थमाते हुए बोले।कागज लेकर दीनानाथ तो खुश हो गए। इसी बीच, मुखिया जी उनके पास आकर धीरे से उनके कानों में बोले”सुना है, बीडीओ साहिबा बड़ी ही ईमानदार और … Read more

माँ बूढ़ी होती है…प्यार परवाह बूढ़ा नहीं होता बेटा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

सुनते हैं जी ….रात के 9:00 बज गए हैं अभी तक पूर्वांश लौटा नहीं है…. मुझे बहुत चिंता हो रही है ….कांता ने पति मनोहर से कहा …….आ जाएगा …मार्च का महीना है काम ज्यादा होगा….. मनोहर ने भी कारण बताकर कांता को आश्वस्त करना चाहा…। ये गतिविधि लगभग रोज का ही हो गया था…. … Read more

उलट फेर – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“शिप्रा!शिप्रा!बच्चे कहां हैं?”उमेश ने घर में घुसते ही चीखना शुरू कर दिया था। “क्यों चिल्ला रहे हो उमेश?दोनो बच्चे घूमने अपने नानाजी के साथ गोल मार्केट तक गए हैं।”शिप्रा ने जबाव दिया। “घूमने?क्यों भेज दिया तुमने उन्हें उनके साथ? कहीं की चोट लग जाए तो?कितनी बार कहा है बच्चों को ऐसे किसी के साथ बाहर … Read more

मैं बेटी की मोह में सही -गलत भूल गई। – शैलेश सिंह : Moral Stories in Hindi

रत्ना नाम था उस प्यारी सी बहु का। वर्मा जी के घर जब वो बहु बनकर आई तो ऐसा लगा जैसे घर में रत्नों की बहार आ गई। एक निजी कंपनी में कार्य कर रहा उनका लड़के भावेश का अचानक प्रोन्नति हुआ और वो मैनेजर बन गया। सभी ने माना कि घर मे लक्ष्मी के … Read more

सवा सेर – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल, गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल।” खिड़की से आती सफाई विभाग की गाड़ी की आवाज सुनते ही शांतिदेवी ने अपनी बहू शुभी को आवाज लगाई- “शुभी! ओ शुभी! कचरेवाली गाड़ी आ गई है। जा बेटा, कचरा फेंक आ। शुभी! ओ शुभी!” “लेकिन शुभी का कोई आता-पता नहीं … Read more

मोहताज – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“नमस्ते आंटी! आंटी, मैंने बैंक की लिपिक भर्ती परीक्षा पास कर ली है! अगले हफ्ते मेरी ज्वाइनिंग है!” शालू ने मिठाई का डिब्बा मेरे हाथ में पकड़ाते हुए ख़ुशी से कहा। उसके चेहरे पर आत्मविश्वास की एक नई चमक थी। मैं खुशी से झूम उठी। “वाह! ये तो बहुत बड़ी बात है, शालू! बहुत-बहुत बधाई! … Read more

मोहताज – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आज मैं मोहताज नाम की बेड़ियों से मुक्त हो गई हूँ , आज मैं किसी की मोहताज नहीं रही , न ससुराल की मोहताज और न मायके की।  आज से मैं आत्मनिर्भर हो रही हूँ।  अब कोई मुझे मोहताजगी का ताना नहीं मार पायेगा।   यही सब सोच कर मन ही मन ख़ुशी और उत्साह से … Read more

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