थैंक यू बेटा – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      हाथ में चाय का कप लिये शैलेश अखबार पढ़ रहा था कि उसकी नज़र हेडलाइन पर ठहर गई,’ बेस्ट सेलर किताब- वरदान के लेखक ‘ श्री शिव मंगल जी’ का सम्मान समारोह’।नीचे छपी तस्वीर देखकर वो चौंक पड़ा,” पापा जी!” उसे यकीन नहीं हुआ।उसने बड़े भाई शीलेश को फ़ोन किया,” भईया..आज की हेडलाइन देखी..।”   ” … Read more

एक फोन काॅल से बदली जिन्दगी। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

उस कस्बे के खपरैल घर में रहनेवाली नीता विधवा थी।उसके पति की मृत्यु वर्षों पहले बीमारी से हो गई थी। उसकी एक पुत्री रंभा और एक पुत्र अरुण थे। वह अपने घर में सिलाई का काम करके अपना और अपनी संतान की जीविका चलाती थी।.                      … Read more

विश्वास! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

  ‘वाऊ ममा ! यू आर सच अ कांफीडेंट स्पीकर ! हाउ डिड यू रिमैंबर‌ सो मच टू स्पीक ? आय एम‌  सो प्राउड आप यू !’       नोटिफिकेशन की आवाज से जैसे ही उन्होंने अपना मोबाइल खोला तो हर्ष युक्त कई इमोजीजके साथ अपनी बेटी के उपर्युक्त व्हाट्स एप संदेश को पढ़ते ही उनके मुख पर … Read more

जिजीविषा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रीता अपने तीन बच्चों के साथ घर -घर काम करके गुजारा करती थी।उसका पति कमाता तो बहुत था। कारीगर था सो अच्छा पैसा मिलता था किन्तु उसका सहयोग परिवार खर्च में नगण्य था, कारण वह सब पैसा शराब पीने में उड़ा देता और कभी कभी तो रीता से उसके पैसे भी झपट लेता।न देने पर … Read more

गम – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

रामदीन जी सेवा निवृत्त अध्यापक थे उनकी पत्नी देविका जी की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी । उनका पार्थिव शरीर बड़े बेटे हर्ष के इंतज़ार में रखा हुआ था । जीवन संगिनी के जाने का गम रामदीन जी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था । घर में सभी परिवार रिश्तेदारों की … Read more

बी.ए. पास – कविता झा ‘अविका’ : Moral Stories in Hindi

“खबरदार जो मेरी बाईक को हाथ भी लगाया तो… पढ़ाई होती नहीं है लाड साहेब से और दिन भर बाईक लेकर आवारागर्दी करने अपने दोस्तों के साथ निकल जाएंगे।” रोशन ने रुपेश को अपनी बाइक से दूर करते हुए तेज आवाज में कहा तो रुपेश बोला… “भाई प्लीज़ थोड़ा धीरे बोलिए ना।”   गेट के बाहर … Read more

वरदान – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

मीरा दीदी मैं अपनी किटी पार्टी में जा रही हूं रिम्मी और सिम्मी दोनों स्कूल से आती होंगी आप उनके कपड़े चेंज करवा कर उन्हें खाना भी खिला देना और उसके बाद उनका होमवर्क भी देख लेना मुझे देर हो रही है मेरी सहेलियां इंतजार कर रही होंगी , सीमा अपनी जेठानी मीरा से बोलकर … Read more

अपमान बना वरदान – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

सुबह से मूसलाधार बारिश हो रही थी रात के  भोजन का वक्त हो चला था निशा ने अपनी मां से कहा कि मैं जाकर रोटियां सेक लेती हूं आज खाना जल्दी खा लेंगे क्योंकि मौसम भी ठीक नहीं है यह कहते हुए निशा किचन की तरफ मुड़ी ही थी कि दरवाजे की घंटी बजी, निशा … Read more

अपमानित सिंदूर – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

निशा जल्दी जल्दी घर के कामों को निपटाने में लगी थी , आज उसकी किटी थी उसे वहां पहुंचना था। मां जी मैंने खाना बनाकर डाइनिंग टेबल पर लगा दिया है,आप और पापाजी खा लीजिएगा,मैं शाम की चाय से पहले आ जाऊंगी निशा ने अपनी सास से कहा। ठीक है बहू तुम निश्चिंत होकर जाओ … Read more

आंटी मत कहो मुझे – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रमा किचन में काम कर रही थी तभी उसे नीचे से किसी के जोर जोर से बोलने की आवाज आई।उसने बालकनी में से झांककर देखा तो उसकी बहु प्रिया,जो जिम होकर आई थी आठ दस साल के लड़के के साथ झगड़ा कर रही थी -“तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे आंटी कहने कि..? मैं तुम्हें आंटी … Read more

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