मोक्षद्वार – अनुज सारस्वत : Moral Stories in Hindi

“सुदर्शन सुदर्शन पिताजी पिताजी की साँस नही चल रही है डाक्टर भी आने वाले हैं।मुझे समझ नही आ रहा क्या  करूं?मम्मी और मैं अकेले ही हैं ।” फोन पर रोते हुए शीतल ने अपने भाई को बात बताई “अरे मैं अभी निकल रहा हूँ दीदी आप चिंता मत करो सुबह तक पहुंच जाऊँगा। “ सुदर्शन … Read more

प्यार, विश्वास का गला घोंट दिया – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

मैडम अब हम क्या कहें आपसे शायद हमारे दिए संस्कारों में ही कोई कमी रह गई जो आज यह दिन देखना पड़ा। इसके कारण किसी को मुंह दिखाने लायक भी नहीं रहे। क्या सोचा था क्या हो गया। इसका उज्जवल भविष्य बनाने के लिए हमने क्या नहीं किया।इसे डाक्टर बनाने के लिए ,इसकी खुशी के … Read more

बड़ा दिल – नीलम शर्मा  : Moral Stories in Hindi

नीलिमा देखो अब हमारा-तुम्हारा गुजारा एक साथ नहीं हो सकता। दीपक तो अब कुछ कमाता नहीं। ऐसा लगता है जैसे वह दूसरी नौकरी करना ही नहीं चाहता। नहीं तो क्या दो महीने होने को आए उसे नौकरी नहीं मिलती। नहीं दीदी ऐसी बात नहीं है, वह पूरी तरह कोशिश कर रहे हैं। इंटरव्यू भी दिए … Read more

“मैं शादी में जरूर आऊंगा” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मान जाइए ना भाई साहब…. देखिए रोहन जिद रहा है जब तक उसके बड़े पापा शादी में नहीं आएंगे वह घोड़ी नहीं चढ़ेगा, भाई साहब… भूल दीजिए ना पुरानी बातों को 10 साल हो गए, आप अभी तक उन बातों को मन में लिए बैठे हैं, भाई साहब रोहन को तो आपने अपनी गोदी में … Read more

दस्तक – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    देखो रामू अब तुम बुढियापे भी गये हो और सटिया भी गये हो अब तुमसे कोई काम ढंग से नही होता है।अच्छा है अब  तुम घर बैठो।          छोटे बाबू सारी उम्र तो आप लोगो के साये में गुजार दी,अब कहाँ ठौर है?अब जितनी जिंदगी पड़ी है,यही गुजार दूंगा, बाबू।कोशिश करूंगा अब काम ठीक ढंग से … Read more

घर में जगह – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ आपको जो भी बोलना है सबके सामने बोलो…. सबको जानना ज़रूरी है आख़िर हम भी इस घर का हिस्सा है…. सबकी तरह हमारे भी हक है।” राशि आज चुप रहने के मूड में ज़रा भी नहीं लग रही थी निकुंज मिन्नतें कर कर के थक गया था पर उसकी आवाज़ तेज हुई जा रही … Read more

पापा !अकेली तो सिर्फ माँ हुई हैं… – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

छः माह पूर्व गरिमा के भाई का विवाह हुआ था और भाई के विवाह के पश्चात गरिमा पहली बार मायके जा रही थी। छुट्टी न मिल पाने की वजह से उसके पति अभी तो उनके साथ नहीं आए थे, हां बच्चों की छुट्टियां खत्म होते ही उनकी वापसी पर उन्हें लेने आकर सबसे मिलने का … Read more

हमें भी अपनाओ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” बधाई हो बधाई ललना ने जन्म लिया बधाई हो बधाई !” आँगन मे किन्नरों ने नाचना शुरु कर दिया था । नाचते भी क्यों ना आखिर पांच साल बाद मुस्कान ने बेटे को जन्म दिया था । बहुत खुश थी मुस्कान की सास शर्मिला जी पर साथ ही तनाव मे भी थी क्योकि किन्नरों … Read more

फूटी आंख न भाना – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

मां बाप की जिद्द के आगे न चाहते हुए मानव कुछ बोल न  सका और मनप्रीत से शादी करने को तैयार तो हो गया मगर दिल से अपनाने को नही। मानव ऊंचा लंबा कद एक दम हीरो के माफिक दिखने वाला गबरू जवान था। अच्छा पढ़ा लिखा होने के साथ साथ संस्कारी भी था। उसके … Read more

दोस्त – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

कॉलेज के पहले साल की बात है, हम तीनों दोस्त, अजय, मोहन ओर मैं इकट्ठे पढ़ाई करते थे। टेक्निकल बुक्स काफी महंगी होती थी, इसलिए हम सब 3-3 अलग अलग बुक्स खरीदते ओर 2-2 बुक्स लाइब्रेरी से इशू करा लेते थे। फिर रिटर्न ओर रि-इशू से पूरा साल निकाल देते थे। एग्जाम के दिन थे, … Read more

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