फिरोजी रंग की बॉर्डर वाली साड़ी – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

    अलमारी खोलकर जैसे ही अतुल्या ने फिरोजी रंग की बॉर्डर वाली साड़ी निकाली….  देखते ही तुरंत अंश ने कहा…    अरे …आज ये वाली साड़ी पहनोगी अतुल्या…..? मां की साड़ी …?    आज उनकी पहली बरसी है ….सारे रिश्तेदार , मेहमान आएंगे ….    हां अंश, आज मां जी की बरसी पर उनकी ही ये साड़ी पहनूंगी ….. … Read more

आदर्श सास – बहू की मिसाल – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

 विदाई की घड़ियाँ नजदीक आ रही थीं । तनु विशाल की ओर मुख करके कभी उसे पढ़ने की कोशिश करती तो कभी अपना सजा – सलोना रुप देखकर मचलती । ऐसा नहीं है कि  तनु को विशाल ने पसन्द किया था । पसन्द तो पहले घरवालों ने ही किया था बस उनकी पसन्द पर विशाल … Read more

आंखो पर चर्बी चढ़ना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

बेटा ,बेटा रोहन आज मेरी दवा ले आना | रामदास जी ,चार दिनों से रोहन  को बोल रहे थे |ठंड के कारण रोहन बाहर नहीं जाना चाह रहा था | रोहन ने बोला पापा में दवा  की दुकान पे फोन करके बोल देता हूं| आपकी दवा   आ जाएगी | बेटा पैसा बहुत अधिक लेता … Read more

बड़ा दिल – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

शीला की दो बेटियां दोनों बेटियां पढ़ने के लिए बाहर गई हुई थी बड़ी बेटी पुणे में रहती थी बीटेक कर रही थी शीला हमेशा अपने बच्चों से कहती थी कि घर का खाना खाया करो एक फ्लैट लेकर रखा था जूही उसके साथ एक सहेली भी रहती थी मम्मी पापा गांव में रहते थे … Read more

बहू बड़ा दिल रखो। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

रश्मि जब से शादी करके ससुराल आई थी, तब से उसने एक बात समझ ली थी कि इस घर में पत्ता भी उसकी ननद आशी की मर्जी से हिलता था, आशी की शादी हुए अभी दो साल हो गये थे, पर एक ही शहर में रहने के कारण वो कभी भी आ धमकती थी, और … Read more

आइना भी हैरान था… – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

 आज स्नान की तैयारी करते समय जब वे अल्मारी की बायीं तरफ से अपने वस्त्र निकालने लगीं तो अचानक ध्यान दायीं तरफ के हिस्से में लगे हैंगरों पर लटकते रंग-बिरंगे नये- नये सूटों की तरफ चला गया। एक पल को उन्हें लगा जैैसे वे सुस्त- मुरझाई सी आवाज में उन्हें कह रहे हैं,        ‌ ‘शुक्र … Read more

फूटी आंँखों न भाना – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

 उस दिन वातावरण पर अंधेरा उतरने के बाद शनि के घर में प्रवेश करते ही उसकी धर्मपत्नी रीतिका ने  अपनी आंँखें लाल-पीला करते हुए उसको खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि घर में सबेरे( अंधेरा होने से पहले) आकर वह क्या करेगा?.. दफ्तर  में नई खूबसूरत स्टाफ आई है  और उसकी सुन्दरता के जाल में उसका … Read more

परिवार – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

पंडित रमाकांत के दो बेटे थे, रामलाल और मोहन लाल। पढ़ने में राम ठीक ठाक था ओर आज्ञाकारी था ओर मोहन पढ़ने में तेज पर नटखट ओर कामचोर था, पर दोनों भाईओ में खूब पटती थी। मां हमेशा मोहन को ही डांटती रहती और राम जैसा बनने के लिये कहती। मॉ हमेशा कहती कि मैं … Read more

एक बार फिर से – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

नहा कर आई तनुजा तौलिए से अपनी गीले बाल सुखा ही रही थी कि अचानक उसकी दृष्टि बिस्तर पर पड़े एक उपहार के पैकेट पर पड़ी! उसका हृदय बल्लियों उछल पड़ा है इसी बात की तो वह प्रतीक्षा कर रही थी! आज उसकी वैवाहिक वर्षगांठ थी, और वह बहुत उत्साहित थी… उसे आशा था कि … Read more

खुल गई आँखें – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रीता लाख कोशिशों के बावजूद भी अपने पति निकुंज को खुश नहीं कर पा रही थी,जब से उसकी शादी हुई थी,वो अपनी पूरी कोशिश करती कि अपने पति की सब बातों को माने,उसे उसकी मनपसंद डिशेज बनाकर खिलाए पर निकुंज हमेशा बाहर वालों की,पड़ोसियों की और अपने ऑफिस की लेडीज की ही तारीफें करता। रीता … Read more

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