रिश्तों की कॉम्प्लिकेशन – निशा रावल : Moral Stories in Hindi

आखिर वो दिन आ ही गया जब जतिन ने रिया से अपने दिल की बात कह दी,उस दिन जतिन बहुत सहमा हुआ सा था उसे पूरा विस्वास था कि रिया उसे ना नही बोलेगी, पर दिल के किसी कोने से ये आवाज भी आ रही थी कि रिया अपने परिवार और अपने सपने को पहले … Read more

आखिरी फैसला – उषा शिशिर भेरूंदा : Moral Stories in Hindi

आज मोबाइल में फ्रेंड रिक्वेस्ट में माधवी भाभी को दिखा, रेखा बड़ी खुश हुई। मोबाइल को धन्यवाद देते माधवी भाभी रिक्वेस्ट कबुल की। और मन दोपहर को फोन लगाने का बनाया। भोजन बनाते-बनाते रमा मायके की गलियों में पहुंच गई।  पड़ोस में रहने वाले सुभाष भैया की नई नवेली दुल्हन बनकर माधवी भाभी आई थी। … Read more

पापा मै क्यों बड़ी हो गई… – वर्तिका दुबे : Moral Stories in Hindi

रिया बदहवास घबराई हुई अपने घर का दरवाजा पीट रही थी…उसकी माँ निशा ने दरवाजा खोला। क्या हुआ रिया? दरवाजा तोड़ेगी क्या….फिर उसको देखकर अरे…इतनी घबराई क्यों है…रिया अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेती है और बिस्तर पर गिरकर रोने लगती है। निशा उसके पापा विनीत से बोलती है…देखो रिया को क्या हो … Read more

बदरंग रिश्ते – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

कैसी उदास सुबह है ना! होली कल ही बीती है, कितना उल्लास, कितना मस्ती भरा माहौल था कल सारा दिन और आज देखो? ऐसा लग रहा है मानो कल कोई मौत हुई हो मोहल्ले में। एक परिंदा भी पर नहीं मार रहा है। अजीब सी मनहूसीयत पसरी हुई है। चाय पीते–पीते कुसुम ने कहा।  नौ … Read more

बेटी की खुशी***एक पिता की नजर से – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रोहन और मिताली एक मल्टीनेशनल कंपनी में बैंगलोर में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। दोनों तीन साल से एक ही जगह काम कर रहे थे सो आपस में मित्रता थी किन्तु यह मित्रता कब प्यार में बदल गई  वे स्वयं भी इससे अनजान थे। दोनों एक-दूसरे को चाहने लगे और बात शादी तक जा … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी क्यूं हो गई – सुनीता परसाई : Moral Stories in Hindi

रवि व सुषमा की शादी को पाँच साल हो गये थे।सब सवाल करते क्या बात है।कब तक की प्लानिंग है।वे दोनों बच्चे के लिए परेशान थे। पाँच साल बाद सुषमा के पांँव भारी हुए। घर में खुशी की लहर छा गयी। परिवार वाले सभी उसका ध्यान रखते। रवि रोज आफिस से आते समय सुषमा की  … Read more

आवाज उठाना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

गरीब परिवार की मातृहीन ऊषा शादी के बाद ससुराल आ गई। संपन्न ससुराल पाकर ऊषा को अपने भाग्य पर रश्क होता था।कुछ समय बाद ऊषा पति  अजय के साथ शहर आ गई। कम पढ़ी-लिखी ऊषा के लिए पति देवता समान था।वह  जी-जान से पति को खुश रखने की कोशिश करती,परन्तु यहाँ आकर उसे पति के … Read more

“पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरे गुड्डन की मां जरा देखो तो मैं क्या लेकर आया हूं अपनी गुड्डन के लिए? घर में घुसते ही देवेंद्र जी ने अपनी पत्नी सुनैना को आवाज़ लगाई। सुनैना अभी आई कहकर रसोई में से अपने आंचल से अपने हाथ पहुंचती हुई आई तो देखा। देवेंद्र जी अपने हाथ में एक सोने की चेन … Read more

रिश्ते निभाना – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। मोहल्ले में भी शादी है इसलिए सभी घरों में थोड़ी सी चहल-पहल है शादी को लेकर। महिलाएं भी उत्साहित है। हल्दी के लिए पीले और मेहंदी के लिए हरे कपड़ों का चुनाव कर रही हैं। अब नया चलन हो गया है। शादी में भी अड़ोसी पड़ोसी सहपरिवार ही … Read more

बहू से बेटी और बेटी से बहू तक का सफर – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

नहीं बहू नहीं जाएगी और यही मेरा आखिरी फैसला है, मुझे और कोई बहस नहीं करनी। जानकी जी ने चिल्लाते हुए कहा  निशांत:  फिर ठीक है, अब जब आपने फैसला कर ही लिया है फिर तो कोई आगे बात करने का कोई मतलब ही नहीं। सोनम तुमने सुन लिया ना? अब मेरे कान के सामने … Read more

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