मां तो सिर्फ पैसे वाले बेटे की होती है……. – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

सुरभि दीदी अभी कहां जा रही हो? बाहर बहुत बारिश हो रही है, अभी अंदर आ जाओ, मीना बाई ने जाती हुई मालकिन को रोका। आप काम करो मै देव दर्शन करके आती हूं,बस पांच मिनट में आ रही हूं, सुरभि स्कूटी स्टार्ट करके जाने लगी। मगर दीदी, इस वक्त सड़क पर बहुत फिसलन है, … Read more

स्वच्छंद परिंदा – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 कितना बदल गया है मुन्ना,अपने बाप का इतना तिरस्कार?कैसे रहूं इसके साथ?प—र- इस उम्र में जाऊं भी तो कहाँ?किसी वृद्धाश्रम में ही जाना ठीक होगा।हां-ये ही ठीक रहेगा।पर कौनसे वृद्धाश्रम में-कैसे पता लगाऊं?ऐसे ही सोचते सोचते शांतिशरण जी की आंख लग गयी।सोते सोते भी सपने में वही मुन्ना का व्यवहार ,घटना चित्रपट के समान तैर … Read more

मान सम्मान मायके का! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

दिल्ली से रक्षा बुआ के आते ही दोनों बच्चे बुआ के पास दौड़े चले आए। आठ साल का सोहम और छह साल की सलोनी कल से बुआ के आने का इंतज़ार कर रहे थे। और हो भी क्यों न! आखिरकार बुआ शादी के बाद पहली बार जो आ रही थीं। “बच्चों, बुआ अब आ गई … Read more

मुझे अपने बेटों के साथ नहीं रहना है – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मम्मी, दादी आ गई है, ये सुनते ही मुक्ता के सिर की त्योरियां चढ़ गई, और वो रसोई से बाहर आ गई, ड्राइंग रूम में लगी घड़ी की ओर देखते हुए बोली, ‘आप तो शाम को आने वाली थी, अभी तो सुबह के दस ही बजे हैं, अभी तो हम नाश्ता ही कर रहे हैं, … Read more

अपमान – एम. पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

हमारे पड़ोस में शर्मा परिवार रहता था। मि आनंद, उनकी पत्नी शीला, बेटा राहुल और बेटी पायल। आनंद इंजीनियर था और शीला टीचर। दोनों सर्विस करते थे ओर काफी अच्छा कमा लेते थे। राहुल जब 4 साल का था तब शर्मा जी की  पहली पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। उसके 2 साल बाद उन्होंने … Read more

वो दो साल – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

भाभी, आप इतना सब कुछ कैसे सह लेती हो और फिर सहने की ज़रूरत भी क्या है? जब भी अपने मायके जाती हो , हमेशा परेशान होकर ही आती हो । जब वहाँ आपको मान- सम्मान मिलता ही नहीं तो रिश्ता ख़त्म करके अपने घर में सुख- चैन से रहो । सुबह भाई से बात … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

मेरा फ़र्ज़ है –  विभा गुप्ता          ” क्या! तूने ज़ाॅब छोड़ दिया..इतनी मेहनत से पढ़ाई की और..।” दीपा ने अपनी सहेली मानसी से कहा तो मानसी मुस्कुराते हुए बोली,” सब बताऊँगी…तू घर तो आ..।” कहते हुए उसने दीपा के नंबर पर अपने घर का पता लिखकर सेंड कर दिया।            दीपा जब मानसी से मिलने गई..तब … Read more

*असीम प्यार* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  इतनी बड़ी बात मुझसे छिपा ली।राजू एक बार कम से कम एक बार तो बताया होता।इतना बड़ा कदम उठा लिया,और मुझे पता भी चलने नही दिया।        अपने आप से बात करते करते जगदीश प्रसाद जी रो पड़े।उनके आंसू रुकने का नाम ही नही ले रहे थे।         जगदीश प्रसाद जी एक मध्यम वर्ग के सामान्य व्यापारी … Read more

कड़वा करेला – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“बेटी के विवाह में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन मेरा मन बहुत घबरा रहा है!” विवाह में आने वाले मेहमानों की लिस्ट तैयार कर रहे अपने पति अखिलेश के बगल में आकर बैठते हुए रंजना ने चिंता जताई। “इसमें घबराने जैसी क्या बात है! सारे इंतजाम वक्त पर हो जाएंगे तुम चिंता … Read more

समझौता – मीमा : Moral Stories in Hindi

मेरी सहेली दीपा अपने माता-पिता की इकलौती बिटिया , बहुत नाजों से पली-बढी  ईश्वर की कृपा से खूबसूरत, अच्छी कद-काठी साथ ही पढने में भी काफी होशियार थी।मेरा  मेरी सहेली से मिलना अक्सर  होता रहता कभी बाहर, कभी वो मेरे घर आ जाती ,कभी परिवार सहित आउटिंग  में जाना । कभी नहीं मिल पाते तो … Read more

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