नाटक – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

****** नई नवेली मण्डिता ने दुल्हन के रूप में जब ससुराल में कदम रखा तो सहेली और बड़ी बहन जैसी जेठानी स्वाति को पाकर बहुत खुश थी। पढाई और नौकरी के कारण उसे तो घरेलू काम बिल्कुल नहीं आते थे लेकिन स्वाति के कारण उसे नये घर में बिल्कुल परेशानी नहीं हुई। मण्डिता ऑफिस जाने … Read more

भाभी कैसे बर्दाश्त करती हो ये सब – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मुफ्त की रोटियां खाने सब आ जाते हैं तेरे मायके से क्या धर्मशाला खुला है क्या यहां ‌।जब देखो तब कोई न कोई आया ही रहता है तेरे घर से शकुन्तला देवी अपनी बहू साधना पर चिल्ला रही थी।घर के ऊपर के हिस्से में शकुन्तला जी की देवरानी रहती है उनकी बेटी नयना सब सुन … Read more

अपमान – खुशी : Moral Stories in Hindi

राखी एक भले घर की लड़की थी मेहनत करती अपना घर संभालती। पिताजी एक मामूली क्लर्क थे।मां अक्सर बीमार रहती तो घर की भाई बहन की जिम्मेदारी उस पर  ही थी।बिचारी कभी किसी को किसी काम को मना नहीं करती।तो आस पास वाले भी अपने काम करवाते थे।समय गुजरा  मां गुजर गई। भाई बहन स्कूल … Read more

मेरा क्या कसूर था। – रश्मि पियुष : Moral Stories in Hindi

मेरी दादी को गुजरे तीस साल हो गए । तब मैं कॉलेज में पढ़ती थी। वैसे तो दादी बहुत ही सुन्दर और सीधी सादी थी। सबके साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार था उनका । पूरे मोहल्ले भर की फेवरेट थीं वो। पर जैसे ही दादाजी का जिक्र होता, उनका पारा सातवें आसमान पर होता । … Read more

मुट्ठी भर आसमां – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

 नवकुंज  एक अच्छी सोसायटी है, जो कि अभी दो साल पहले ही बनी है। यहां उच्च तथा उच्चतम श्रेणी में आने वाले रहते हैं। सभी सुविधाओं से सुसज्जित यह सोसायटी आने वालों की नजर में आ जाती है। इन्हीं घरों में से रहने वालों में एक घर में मिनाक्षी भी अपने माता-पिता तथा बड़े भाई … Read more

दुरूपयोग या खिलवाड़ ? – एम.पी.सिंह : Moral Stories in Hindi

महानगर के कॉलेजों में पढ़ाई के साथ साथ ओर बहुत सी एक्टिविटीज़ होती हैं, जो पैसे वालो की हैसियत के हिसाब से अलग अलग होती है। कुछ को कारो में लड़कियों को घुमाना, कुछ को लड़कियों संग राते बिताना,  कुछ को दोस्तों संग बार / पब में मौज मस्ती करना, ड्रग्स लेना वगैरह वगैरह। अधिकतर … Read more

मामी डाँटती हैं – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

अरे आ गया मेरा लाल नानी के घर से….. माया ने अपने पोते आरव को प्यार से पुचकारते हुए कहा…. । हाँ आ गया दादी ….पर अब वहाँ कभी नहीं जाऊंगा ….मुंह बनाते हुए आरव ने दादी के गले लगते हुए कहा…। अरे क्या हो गया मेरे लाल को ….?? क्यों गुस्सा हो गया नानी … Read more

मन का अकेलापन – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

निर्मला देवी उम्र के इस पड़ाव पर, जब उन्हें अपने बेटे आशीष और बहू आरती का सहारा चाहिए था, वह अकेलेपन और पछतावे में डूबी हुई थीं। उनका स्वास्थ्य दिनों-दिन खराब होता जा रहा था। शरीर की कमजोरी और मन का अकेलापन उन्हें अंदर से तोड़ रहा था। आरती और आशीष को जब उनके पड़ोसी … Read more

मम्मा, आप भी गंवार हो – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

निराली के जीवन में आज का दिन एक ऐसा मोड़ ले आया, जिसने उसे भीतर तक झकझोर दिया। उसकी पांच साल की बेटी निशि का जन्मदिन था। घर मेहमानों से भरा हुआ था। हर तरफ हंसी-खुशी का माहौल था। जन्मदिन के केक को काटने का समय आया और सबकी नजरें निशि पर टिकी थीं। निशि … Read more

“सुंदर बहू” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

बहू.. हम सभी दिव्या की शादी की खरीदारी करने के लिए बाजार जा रहे हैं तो पीछे से घर का ध्यान रखना और खाने पीने की तैयारी रखना हमें आने में देर हो जाएगी और हां पीछे से टीवी मोबाइल में व्यस्त मत हो जाना या फिर अपने घर वालों से ही फोन पर चिपकी … Read more

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