अपमान – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

अपमान और तिरस्कार के बीच जीते-जीते वर्षा की आधी जिंदगी निकल गई। उसका पति, रमेश, रोज शराब पीकर घर आता और अक्सर वर्षा पर हाथ उठाता। उनकी शादीशुदा जिंदगी जैसे नरक बन गई थी। वर्षा का बेटा पाँचवीं कक्षा में और बेटी तीसरी कक्षा में थी। हर दिन के मानसिक और शारीरिक शोषण ने वर्षा … Read more

बहु कितना भी कर ले बेटी नहीं बन सकती – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

सीमा, जो दिखने में सुंदर और स्वभाव से सरल थी, अपने घर और रिश्तों को बखूबी निभाने वाली एक संस्कारी बहू थी। वह हमेशा सबका दिल से स्वागत करती थी, चाहे घर में कितने भी मेहमान क्यों न आ जाएं। उसके स्वभाव और समर्पण के कारण घर में सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था। … Read more

बदलाव – अंजनित निज्जर : Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है, एक बुजुर्ग व्यक्ति, श्रीराम, अपनी गंभीर बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हुए। उनके साथ उनके परिवार के सदस्य थे—उनका बेटा, बहू और दो पोते। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि बीमारी गंभीर है, लेकिन यह छूत की नहीं है। फिर भी, श्रीराम को विशेष देखभाल की जरूरत थी। इलाज के … Read more

“सासूमां मैंने मान लिया बहू कभी बेटी नहीं बन सकती…..”। – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मुस्कान अपने माता पिता की सबसे छोटी बेटी थी।देखने मे सुंदर,गोरा रंग,शर्मीला स्वभाव,संस्कारी आचरण-उसके व्यक्तित्व को आकर्षक बनाते थे। मुसकान का संयुक्त परिवार था।उसके पिता का बड़ा व्यवसाय था तो उसके लालन पालन में कोई कमी नही रखी गयी थी। घर में सबकी लाडली थी वो। अपने दादी बाबा की चहेती,माँ की जान,चाचा चाची की … Read more

फर्ज – मंजू सक्सेना : Moral Stories in Hindi

सुनीता गेट पर खड़ी थीं और उनकी नजरें एयरपोर्ट की तरफ जा रही गाड़ी पर टिकी थीं। अमित और उसकी पत्नी सुलक्षणा को छोड़कर अभी-अभी वह वापस लौटी थीं। मन में अजीब सी कशमकश चल रही थी। पड़ोसन मालती ने जब पूछा, “क्या हुआ, भाभीजी?” तो सुनीता का गुस्सा फूट पड़ा। “अरे… जाते वक्त एक … Read more

अपमान – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“बेटा! जरा फ्री हो तो … मेरे पांव दबा दो… बहुत दर्द है ।” “हाँ -हाँ तुम्हारी तरह ही फालतू बैठे है… ना…दिनभर तुम्हारे पाँव दबाए… और कोई काम तो है नहीं हमें ।” “रोज-रोज कहाँ कहते है… उमर हो गई है तो … कभी-कभार दर्द होता है तो कहते है…”सरिता रुवाँसी हो गयी और … Read more

इस बार भूल नहीं…. – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

“आशी…कब से बाहर धूल में खेल रही है… भीतर आओ” नीलिमा जोर से चिल्ला रही थी… चिल्लाते चिल्लाते,गला सूख सा आया… और जोर से खांसी उठी, खांसते खांसते बिस्तर के एक किनारे लटक सी गई। घबराकर अनिमेष की नींद टूट गई। फ़ौरन उठकर बगल की टेबल पर रखे जग में से गिलास भरकर पानी  नीलिमा … Read more

सांप भी मर गया लाठी भी नही टूटी – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मम्मी जी कल मेरे पापा आ रहे हैं !” नई बहु शिवानी चहकती हुई अपनी सास आशा जी से बोली। ” अरे तो इसमें इतना खुश होने वाली बात क्या चौबीस साल बिताए हैं तुमने अपने पापा के साथ यहां तो तुम्हे आए चौबीस दिन ही हुए हैं । वैसे भी बहु हो तुम … Read more

इंतजार – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“कब तक अपने पिता के घर में बैठी रहोगी सौम्या! अपनी पसंद से ही सही विवाह कर तुम भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश क्यों नहीं करती!” आज सौम्या से मिलने आई उसकी बचपन की सहेली और अब दो प्यारे-प्यारे बच्चों की मांँ बन चुकी राधिका ने बातों ही बातों में सौम्या को … Read more

लम्बरदार – संजय मृदुल : Moral Stories in Hindi

बड्डे बिस्तर पर पड़े हैं, जैसे हड्डियों का ढांचा हो। पुराने बंगले के पीछे नौकरों के लिए बने मकान में दो मकान को जोड़कर बनाए हुए जर्जर घर मे। किसी जमाने मे ये बंगला इस गांव की अधिकांश जमीन इन्ही की हुआ करती थी। तालाब खेत खलिहान सब। किसी जमाने मे अंग्रेजो ने किसी बात … Read more

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