एक यशोदा ऐसी भी – मधु जैन : Moral Stories in Hindi

रानो की टोली ताली बजाते हुए गेट के अंदर आकर जोर से आवाज लगाते हुए “लाओ अम्मा लालन की बधाई।” और ढोलक की तान पर यशोदा के घर लालन भयो गाने पर ठुमके लगाने लगी। अम्मा नवजात शिशु को कपड़े में लपेटकर, “ले संभाल इसे, तुम्हारी ही जात का है। ले जाओ यहाँ से।” तभी … Read more

अपमान – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

शहर से थोड़ी दूर पर एक अपार्टमेंट है बहुत ही छोटे से छह सौ गज के घर हैं उसमें ही दो कमरे हॉल रसोई छोटी सी बालकनी जिसमें ही बर्तन कपड़े धोना और सुखाना भी पड़ता है । तीन मंजिला है लिफ्ट नहीं है । वहीं के तीसरे मंजिल के एक घर का माहौल कुछ … Read more

अतीत की परछाई – बरखा शुक्ला : Moral Stories in Hindi

सुहानी आज बहुत सोच में डूबी हुई थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि इस पल को किस नजरिए से देखे। आज उसके घर लड़के वाले आने वाले थे, और यह एक अहम दिन था। उसकी मां ने देखा कि सुहानी बहुत चिंतित और घबराई हुई है। वह एक पल के लिए चुप … Read more

अपमान का दंश – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

“मैंने कहा ना माँ, मुझे स्मार्टफोन चाहिए तो चाहिए बस….” 18 वर्षीय जीतू ने तमतमाते हुए कहा। “बेटा, अभी तो इतने पैसे नहीं है लेकिन मैं धीरे-धीरे पैसे जमा कर तेरे लिए अवश्य ला दूंगी… बात को समझने का प्रयास कर बेटा..” तुलसी ने रुआंसे स्वर में उसे समझाने का प्रयत्न किया। “मेरे सभी दोस्तों … Read more

“खुद की तलाश: बेटी बनने से बहू बनने तक” – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

नमिता और वृंदा पड़ोसी बहुएं हैं। दोनों की दोस्ती पूरे मोहल्ले में प्रसिद्ध है। दोनों रोज शाम को पास के पार्क में सैर करने अवश्य जाती हैं और इस बहाने मन की बातें भी कर लेती हैं।  एक शाम की सैर के दौरान, वृंदा को कुछ चिंतित और परेशान देख नमिता ने पूछा,  “आज तेरा … Read more

“अपमान” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

कब तक अपमान का घूंट पीती रहोगी कावेरी, अब मैं तुम्हारी एक नहीं सुनूंगा, तुम्हें मेरे साथ चलना ही होगा  इन लोगों ने विकास के सामने ही तुम्हें कितनी प्रताड़नाए दी हैं भूल गई क्या ?अब वो दुनिया में नहीं है तो किसके सहारे यहां जीवन बिताओगी। अभी तुम्हारे मां-बाप जिंदा है हम तुम्हें हरगिज़ … Read more

बहु चाहे जितना भी कर ले …. वो बेटी नहीं बन सकती – सिफा खान : Moral Stories in Hindi

रामप्रकाश जी के घर का आँगन हमेशा खुशियों से गूंजता था। उनकी पत्नी, कमला, घर की लक्ष्मी थीं और उनकी बेटी सिया उनकी आँखों का तारा। सिया की शादी हो गई, और वह दूसरे शहर चली गई। घर सूना हो गया, लेकिन कुछ महीनों बाद उनके बेटे, रवि की शादी हुई और उनकी बहू, पूजा … Read more

वरदान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ” ए अनंत के बच्चे…तुझे कितनी बार कहा है कि मेरी टेबल को हाथ न लगाना..चोर कहीं का..चल भाग यहाँ से…।” लगभग चीखते हुए नितिन ने अपने फुफुरे भाई को धक्का देकर कमरे से बाहर निकाल दिया।अनंत रोता हुआ अपनी माँ रेवती के पास गया,” माँ..मैंने तो कोई चोरी नहीं की…फिर भईया ने मुझे चोर … Read more

मुँह बोला भाई – मीता जोशी : Moral Stories in Hindi

“हैलो कौन? आवाज नहीं आ रही| कौन? ओह अनंत आज तुम! कैसे हो? कहांँ हो भई? लंबे समय बाद बहन की याद आई| आ रहे हो? कब? अरे ये तो बहुत अच्छी बात है| हांँ, हांँ, बिल्कुल आओ| मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा|” “मुदित….मुदित कहाँ हो तुम, “फ़ोन रख स्वाति ने पतिदेव को आवाज़ लगाई| “क्यों … Read more

नाम – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” सुनिये जी..हम कैसे लग रहें हैं…हमारी वजह से शैलेश का मज़ाक तो नहीं होगा ना….।” शीशे में खुद को निहारकर अपनी साड़ी का पल्ला ठीक करती हुई सुनंदा जी अपने पति श्रीकांत बाबू से पूछी तो वो हा-हा करके हँसने लगे…फिर उनके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखते हुए बोले,” अब इस उम्र में … Read more

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