बहु की शादी – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

आज रमाकांत की बहू की शादी थी… आपने सही सुना, बहू की शादी थी… ये शब्द जैसे पूरे मोहल्ले में गूंज गए थे। लोग हैरान थे, खुश थे, और एक नई मिसाल की तारीफ कर रहे थे। यही वह पल था, जब रमाकांत जी ने दुनिया को एक ऐसी बात दिखाई थी, जिसे शायद बहुत … Read more

मेरी बहु मेरे घर का हिस्सा है – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

तनु… कहां है ओहो, वहां किचन में क्या कर रही है? दो दिनों के लिए मायके आई है, चैन से बैठ ले। आ, मेरे पास बैठ। तब तक बहू गाजर हलवा बना कर यहीं ले आएगी। रागिनी जी ने जोर से आवाज लगाई, अपनी बेटी को ढूंढते हुए। रागिनी जी की आवाज में एक गहरी … Read more

माँ की कमी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

घर के आंगन में हलचल थी। जैसे ही कांता रसोई में घुसने के लिए कदम बढ़ाती है, एक अजीब सी खुशबू उसकी नाक में समाती है। वह यह खुशबू पहचान जाती है—यह सुलोचना जी के हाथों की बनी पकवानों की महक थी। कांता चहकते हुए रसोई में घुसी और उत्सुकता से पूछा, “माला दीदी आ … Read more

माँ की सलाह – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“अरी सुमन की माँ, जितने लाड़ लड़ाने अपनी बेटी को लगा लो, फिर कल को ये चली जाएगी, तो कोई लाड़ लड़ाने वाला नहीं होगा!” यह शब्द सुमन की माँ के कानों में गूंज रहे थे। वे अपनी बेटी सुमन को निहारते हुए यह सोच रही थीं कि उनकी बिटिया का क्या होगा, जब वह … Read more

सही रिश्ते – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

सुमन के जीवन का एक कठिन समय आ चुका था। एक दिन जब वह घर में कुछ काम कर रही थी, तभी उसे एक जोर की आवाज़ सुनाई दी। यह आवाज़ उसके पति मनोहरलाल के कमरे से आ रही थी। वह घबराई और तुरंत कमरे में दौड़ी। देखा कि मनोहरलाल पलंग पर बेहोश पड़े थे, … Read more

कौन तार से बीनी चदरिया – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi

खामोश हवा अचानक गीत पर मृदंग के सुरों से झनकने लगी थी। कड़ी, चिकनी आवाज में वे सब बाहर दरवाजे पर खड़ी होकर गा रही थीं, “जच्चा रानी सोने के पलंग बिछा जा जच्चा रानी सोने के पलंग” सुशील के साथ-साथ किरण ने खिड़की की दरार से बाहर झाँका। ऐसे तो किरण समझ ही गई … Read more

मां का मान पत्नी का अपमान – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

शुभा अभी घर के सुबह के कार्यों को निबटा  ही रही थी कि फोन की घंटी बजी। फोन उठाते ही अंश के स्कूल से फोन था आप जल्दी विद्यालय पहुंचे अंश खेलते खेलते गिर गया है उसे चोट आई है अस्पताल ले जाना पड़ेगा देरी न करें। फोन रख उसने अपनी सास से कहा मम्मी … Read more

सोच- समझ कर बोलना चाहिए – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 कामिनी के घर में किटी पार्टी चल रही थी।सभी महिलाएँ आपस में घर-बाहर की बातें कर रहीं थीं कि तभी मिसेज़ चंद्रा ने अरुणा से पूछ लिया,” अरुणा जी..सुना है कि स्कूल के प्रिसिंपल ने आपको बुलाया था..क्या हुआ…आपके मनु को कोई प्राइज़ मिला है क्या..।” उनके व्यंग्य से अरुणा बहुत आहत हुई और उसे … Read more

बुआ जी – विकास शकरगाए : Moral Stories in Hindi

  बेटी अनु को कालोनी गेट तक स्कूल बस में बैठाकर लौट रही थी तभी विनय का आफिस से फोन आ गया।बताया कि आज मम्मीजी और बुआजी गांव से वहां आ रहे हैं, बुआजी को किसी शादी की खरीददारी करना है। फिर हंसकर बोले  बुआजी आ रही हैं,सुनकर कुछ डर तो लग रहा होगा ना तुम्हें। … Read more

नई रात – मनीष त्यागी : Moral Stories in Hindi

शादी की धूमधाम कुछ कम हो चुकी थी। मेहमान भी काफी हद तक जा चुके थे। उज्ज्वल ने अपने कमरे का रूख किया थोड़ा झिझक कर कमरे का दरवाजा खोला तो नेहा थोड़ा और सिमट कर बैठ गई। “नही तुम्है ज्यादा औपचारिक होने की जरूरत नही है आराम से बैठ जाओ” उज्ज्वल ने शांत लहजे … Read more

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