सास बहू का रिश्ता – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

सुषमा और उसकी सास  ऊषा जी मिलजुलकर प्रेम से रहती थी। सुषमा एक संस्कारी सुशील लड़की थी। सुषमा की शादी हुए दो साल हो गए थे। उसे परिवार में सबका स्नेह, प्यार, और सम्मान मिल रहा था। उसे ससुराल में अपनापन मिल रहा था, और वह भी सबकी सुख सुविधा का ध्यान रखती थी। सास … Read more

अपमान – करुणा मलिक: Moral Stories in Hindi

रवीश , आप क्यों बार-बार चाहत को यह महसूस कराना चाहते हो कि अभि से शादी करनी उसकी गलती है। जब हमारी बेटी उसके साथ खुश है तो फिर परेशानी क्या है?  वो उसके साथ खुश नहीं है गीता ! कमाल है कि तुम माँ होकर भी अपनी बेटी का चेहरा नहीं पढ़ सकती । … Read more

न्यूजपेपर – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सर्द हवाओं ने सबको अपनी गिरफ्त में ले लिया है हाथ पैर नाक कमर सब मानो ठिठुरन की जकड़न में आ गए हैं।धूप भी जैसे ठंड से कोई मित्रता निभा रही है और सूरज की तपन को क्षीण करने के लिए पैतरे बदल बदल कर बुढ़ापे के शरीर को तंग करनेकी साजिश कर रही है। … Read more

बेटी कहे तो बीमारी बहू कहे तो बहाना – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“मम्मी जी आज आप रसोई में क्या कर रही है…?” हैरान हो राशि ने पूछा  “अरे बहू सुन तू भी मेरी थोड़ी मदद कर दे….आठ दस लोगों का खाना बनवाने में मेरी मदद तो कर…!” सास सुलभा जी ने कहा  “ हाँ वो तो ठीक है पर दोपहर का हमारा खाना मैं बना  चुकी हूँ…फिर … Read more

अपमान – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

चेहरा सब कुछ व्यक्त कर देता है। सही बात है। रीना झूठ बोल रही है। क्या इतने सालों के संबंध के बाद भी तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है?? तुम क्या किसी मामले में रीना से कम हो?? क्या  मैं एक नौकरानी को गलत नजर से देखूंगा?? उसे गलत इरादे से छुंउगा?? तुमने भरोसा कैसे … Read more

अपमान का बदला – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 विधवा  सुलोचना जी ने अपने इकलौते बेटे अमन की शादी, एक सुंदर पढ़ी-लिखी लड़की संध्या से करवाई थी। संध्या किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी और अमन भी एक बहुत अच्छी पोस्ट पर था। खुद सुलोचना की शिक्षिका थी। वह अब रिटायर हो चुकी थी। उनके घर में गोमती नाम की एक लड़की काम … Read more

*अहम* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      दादा जी-दादा जी,क्या हो गया है आपको?हे भगवान घर मे कोई है नहीं, कैसे दादा जी को संभालू?       अरे हाँ, माँ एक बार कह रही थी कि बच्चे और बुजुर्ग की देखभाल में अंतर नही होता।माँ ने भी दादा की ऐसा ही समझ कर सेवा की थी।अधिक सोच विचार न कर शालू तुरंत अपने पति … Read more

अपमान – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

अपमान…सम्मान…. दोनों ही हमारी दृष्टि पर निर्भर करता है। किसी की भूल को भूला देना, अपने कार्यो का मूल्यांकन करने से जीवन सफल हो जाता है। जीवन में सच्ची सफलता समता और विनम्रता के संगम से ही मिलती है। दो सहेलियों की यह कहानी हकीकत का दर्शन कराती है। निशा और माया दोनों पक्की मित्र, … Read more

घर की इज्जत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

तिवारी जी के बेटे कौस्तुभ ने… इंजीनियरिंग फिर एमबीए करने के बाद… बढ़िया कंपनी में… लाखों के मासिक पैकेज पर नौकरी ज्वाइन की…  विवाह के लिए रिश्तों की लाइन लग गई… तिवारी जी फूले नहीं समा रहे थे…  रिश्तेदारों से लेकर पड़ोसी… बिरादरी के लोग.… एक से एक मुंह मांगी दहेज के साथ… लड़कियों की … Read more

*पुत्रवती* – मधुलता पारे : Moral Stories in Hindi

डिम्पल जल्दी-जल्दी किचन में हाथ चला रही थी अभी सुबह के 7 ही बजे थे, 8ः30 बजे उसे तथा अवनीश को निकलना था दोनों शहर की एक फार्मास्यूटिकल् कम्पनी में काम करते स्वयं का वाहन होने के कारण आधे घंटे में कम्पनी पहुंच जाते थे। घर में उनके अतिरिक्त अवनीश के माता-पिता तथा लगभग 5 … Read more

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