देवी का रूप है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ‘ अक्षरा धाम ‘ का लाॅन लाल-पीली बत्तियों से जगमग कर रहा था।हवा के झोंकें के साथ ताज़े फूलों की खुशबू नलिनी के नाक तो आई तो उसका तन-मन महक उठा।लोगों की भीड़ में उसकी नज़रें किसी अपने को तलाशने लगी कि तभी घर की वरिष्ठ महिला ने आकर उसका स्वागत किया,” आओ बचिया….तुम्हारे बिना … Read more

भूख – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

प्रकाश जी को बड़ी जोर की भूख लग रही थी… अंदर पोता पोती सभी खाना खा रहे थे…. बहू को कई बार आवाज लगाने के बाद भी वो खाना लेकर नहीं आयी….एक  घंटा होने को आया… सुबह से चार बिस्कुट चाय पीये बैठे हैँ खाट पर प्रकाश जी… कई टिक्की वाला, समोसे वाला और भी … Read more

शादी – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

हां तो भाई साहब हो गयी सारी तैयारी शुभी के ब्याह की….?? हां शंभू बाकी तो सब हो गया अभी गेस्ट हॉउस को लेकर मन बड़ा असमंजस में हैँ…. असमंजस की क्या बात इसमें …. और गेस्ट हॉउस…. आप तो यहीं कॉलोनी में ही शादी करने की बोल रहे थे ना …. कि यहीं टेंट … Read more

आज तो मॉम ने पूरी इंसल्ट करा दी मेरी…. – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जल्दी जल्दी सलोनी बेटी मनीषा का हाथ पकड़े स्कूल के गेट में आगे  बढ़ती जा रही हैँ… मॉम प्लीज…. आप कुछ बोलना नहीं मैम से… बस चुप रहना… मैं वैसे ही प्रीबोर्ड में फेल हो गयी हूँ… मैम गुस्से में होंगी… आप कुछ बोलोगो तो मैम मुझे कहीं प्रैक्टिकल में फेल ना कर दे…. आपको … Read more

अपने दम पर – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   ” इंदू बेटा.. इंटरव्यू कैसा रहा? ” पुष्पा जी ने बेटी से पूछा तो वह अपना हैंडबैग सोफ़े पर पटकती हुई गुस्से-से बोली,” मम्मी …, पापा के तो इतने जान-पहचान वाले हैं, किसी एक को भी फ़ोन कर देते तो मेरा काम आसानी से हो जाता पर…नहीं…उन्हें तो अपना उसूल प्यारा है।मैं कितने इंटरव्यू दे … Read more

सपनों का घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

राजेन्द्र और उनकी पत्नी इंदु की उनके दोनों बेटे मनीष और आशीष से बहस चल रही थी पर नतीजा कुछ भी नहीं निकल रहा था। बात घर को लेकर हो रही थी।इंदु जी के दोनों बेटे कह रहे थे कि मम्मी पापा इस घर को बेच दो और किसी अच्छी कालोनी में दूसरा अच्छा सा … Read more

दोनो बेटे मां को भीख मांगने स्टेशन पर छोड़ आयें…. – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

भगवान के नाम पर कुछ दे दें बेटी! दो दिन से कुछ नहीं खाया है, विभा की नजर उस बूढ़ी अम्मा पर पड़ी तो वो सिहर गई, इस उम्र में भी उनको भीख मांगनी पड़ रही है, वो अपना पर्स खोलती कि इससे पहले ही ट्रेन चल पड़ी, लोकल ट्रेन से वो रोज इसी रास्ते … Read more

” माँ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” अरे रोहन माँ को साथ नही लाये जबकि आज की पार्टी तो मैने स्पेशली हमारे बुजुर्गो के लिए रखी थी !” चिराग अपनी पार्टी मे अपने मित्र रोहन को अपनी पत्नी और बच्चो के साथ आता देख बोला। ” यार माँ का चार धाम यात्रा का बड़ा मन था तो उन्हे उसके लिए भेज … Read more

यहाँ-वहाँ हर कहीं – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi

उस दिन शाम को पाँच बजे ही संजीव ऑफिस से वापस आ गया था। लिफ्ट से ऊपर जाकर उसने अपार्टमेंट की घंटी बजाई तो रोज की तरह दरवाजा नहीं खुला। वह बाहर खड़ा इंतजार करता रहा। फिर दूसरी और तीसरी बार भी बजाई तो दरवाजा वैसे ही बंद रहा। तब उसे लगा कि उसके पापा … Read more

कन्यादान – एम.पी.सिंह : Moral Stories in Hindi

जब ललिता जी के पति का निधन हुआ तो उनके बेटे अनिल ओर अजय क्रमशः 12वी ओर 10वी क्लास में थे ओर बेटी कोमल कक्षा 6 में। अजय ने पिताजी की दुकान ओर परिवार को संभाला और अपने बड़े भाई ओर छोटी बहन की पढ़ाई जारी रखी। कॉलेज में अनिल की दोस्ती राखी से हुई … Read more

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