भाभी के तेवर – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 मनीषा अपनी भाभी तानिया को खाना खाने के लिए छत पर बुलाने गई थी। उसने देखा कि तानिया किसी से फोन पर बात कर रही है। उसकी बातों से लग रहा था कि वह फोन पर अपनी मम्मी से बात कर रही है। मनीषा ने सुना की तानिया कह रही थी -” मम्मी आपको तो … Read more

भाभी – क़े कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

माँ आज बहुत खुश दिखाई दे रही थी I उन्हें इतना खुश मैंने इस बीच नहीं देखा है। हमेशा पैरों में दर्द कमर में दर्द का बहाना चलता रहता है। मैं जैसे ही घर में घुसी उन्होंने चहकते हुए कहा कि प्रतिभा सुन रही हो सोलह तारीख को तुम्हारे बडे भाई और भाभी आ रहे … Read more

भाभी – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

***** पूरा परिवार पति, सास, ससुर और ननद के साथ उसके मायके वाले भी क्रोध से आग बबूला हो रहे थे और उन सबके सामने अपराधी की तरह सिर झुकाये खड़ी थी तुलसी। ननद राशि फूट फूटकर रोती हुई कह रही थी – ” भइया, पूॅछिये इस बेशर्म औरत से कि क्यों किया इसने ऐसा? … Read more

भाभी मां… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“हम सिर्फ तीन नहीं… चार भाई बहन हैं… दो बहनों को तो तुम जानती ही हो… दोनों दीदियों की शादी हो चुकी है… पर मैं अकेला भाई नहीं हूं… मेरे एक भैया भी थे…  सात साल पहले उनका निधन हो गया…!” ” मगर यह सब तुम अब क्यों बता रहे हो…!” ” सुन लो वसुधा… … Read more

भ्रम – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“मोहिनी!मोहिनी!कहां मर गई तू?”राधिका जी ने अपनी बहू को आवाज लगाते कहा,”कब से मीनू बैठी है इंतजार में कि तू उसका मेकअप कर देगी पर भाव खा रही है इतना।” मोहिनी ,अपने पति देवेश को फोन पर कह रही थी,”सुनो!मेहमान आने वाले हैं मीनू को देखने,जरा जल्दी आना,बस थोड़ा सा फ्रेश दही और खीरा,चुकंदर ले … Read more

*निःशब्द त्याग* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  जानकी, तुम?कितने बरस बाद दिखाई दी हो? कहाँ खो गयी थी? नही-नही, मुझे तुमसे यह पूछने का अधिकार नही है,मैं ही कायर निकला, तुम नही खोयी थी,मैंने ही तुम्हे खोया था।       बीती बात छोड़ो रमेश,बताओ तुम कैसे हो?तुम्हारी गृहस्थी कैसी चल रही है?       रमेश और जानकी में होश संभालते ही परस्पर आकर्षण पैदा हो गया … Read more

बहु चाहे कितना भी करले बेटी नहीं बन सकती – शैलेश सिंह : Moral Stories in Hindi

ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और मौलिक है। मेरी खुद की उपज इस कहानी का उद्देश्य ही है समाज मे अपने पन का एहसास हो। वाह भाभी ! आप तो बड़ी सयानी हो गई हो…! रमा अपने मायके आई थी और रात को अपनी भाभी को माँ का पैर दबाते देखा तो गर्व … Read more

बहु चाहे कितना भी कर ले वह बेटी नहीं बन सकती – विकंज इन्दोरिया : Moral Stories in Hindi

सरला जी बहुत गुस्से में घर आई।  वो अपनी बेटी के घर से आ रही थी। और बहुत गुस्से में लग रही थी। उनकी बहु शिखा ने उन्हे पानी दिया और उनसे पूछा क्या हुआ मम्मी जी आप इतना गुस्से मे क्यों है। सरला जी गुस्से मे ही बोली दिया के घर से आ रही … Read more

पेट की खौल – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अरे जिज्जी कहां हो सुनो तो हमारा पेट खौल रहा है तुमको एक बात बताने के लिए तुमको बता दें तो थोडी ठंडक मिले…श्यामा की तेज आवाज सुनते ही बाबूजी ने आ गया मोहल्ले का आज तक चैनल कहते हुए अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया तो अम्मा हंसने लगीं तो आपको काहे की … Read more

अपमान – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

शशिकांत जी के यहां बहुत बड़ी पार्टी का आयोजन किया गया था। आज वे बैंक मैनेजर के पद से रिटायर हुए थे। दो साल पहले वे अपने दोनों बच्चों की शादी करके उनकी जिम्मेदारी से भी मुक्त हो चुके थे। लड़की की ससुराल बहुत अच्छी थी। और वह अपने ससुराल में खुश थी। बेटे ने … Read more

error: Content is protected !!