आशा मैडम – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

हमारे पड़ोस में रहने वाली एक तलाक शुदा टीचर आशा मेडम का देहांत हो गया। 35 साल नोकरी करके के बाद सरकारी स्कूल से सीनियर टीचर के पद से सेवा निवृत्त होकर अकेली जीवन बिता रही थीं। उसके निधन के वक्त ओर बाद मे कोई भी रिस्तेदार नही पहुंचा। अंतेष्टि /किर्या करम के सारे कार्य … Read more

सब्जी का भाव – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

“पचास बार कहा है कि सब्जी खरीदना मेरे वश का नहीं है, न तो मुझे भाव ताव करना आता है और ना ही छाँट बीन करना “ मैं भिनभिनाया हुआ था, “खरीद भी लाऊं तो तुम हजार मीनमेख निकाल देती हो। कोई ठेल बाला आए तो उससे खरीद लेना या शाम को बाजार हो आना। … Read more

कर्मयोगी – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      विजय देखो अब ये अपने गंगू का बेटा मुन्ना यही हमारे पास रहा करेगा।      पर क्यों पापा? इसका अब कोई नही रहा है।गंगू अपनी पत्नी को सरकारी हॉस्पिटल ले जा रहा था,एक ट्रक की टक्कर से दोनो की मौके पर ही मौत हो गयी, मुन्ना स्कूल गया हुआ था,अब यह तो अनाथ हो गया ना।अब … Read more

निकम्मी औलाद – नेकराम : Moral Stories in Hindi

अम्मा रात के 11:00 बज गए बाबूजी अभी तक काम से नहीं लौटे तब अम्मा बताने लगी कारखाने में फोन कर के पूछ लिया तुम्हारे बाबूजी सुबह कारखाने पहुंचे ही नहीं तुम लोग घर पर ही रहो मैं थाने जाकर रिपोर्ट लिखवा कर आती हूं इतना कहकर अम्मा घर से बाहर निकल गई बड़ा भाई … Read more

भाग्यहीन – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

“जाहिल गंवार कहीं की!!! मैंने कौन सी फाइल लाने कही थी और तुम यह क्या लेकर के आई हो… शक्ल के साथ-साथ अक्ल भी घास चरने चली गई है क्या…हे भगवान! यह किसके पल्ले बांध दिया मुझे मेरे मां-बाप ने… मुझसे बड़ा भाग्यहीन कौन होगा जो तुम्हारे जैसी गंवार मेरे मत्थे मढ़ दी गई… अब … Read more

भरोसा – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं पर अगर ईश्वर पर भरोसा हो तो मुश्किल दौर से निकलने की शक्ति मिल जाती है। प्रीति की इसी सोच ने उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, नहीं तो शायद वह बस अंदर ही अंदर घुटती रहती या अपनी जीवन लीला समाप्त कर देती। आज … Read more

भाग्यहीन – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“अरे! इस भाग्यहीन को यहाँ क्यों उठा ले आए? पैदा होते ही अपनी माँ को खा गई और अब बाप को! मैं इस मनहूस को यहाँ नहीं रहने दूंगी।” माँ जी अपनी बहू रीना पर चिल्लाई। “मां जी, मैं प्राची को आपकी सेवा के लिए ही लाई हूँ।” माँ जी को शांत करते हुए रीना … Read more

भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती! – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

अपने घर में अकेली सरला जी बुखार से तड़प रहीं हैं।चार बेटों की माँ होने के बावजूद घर में कोई पानी नहीं देनेवाला है।वे उठकर खुद से पानी लेती हैं,कमजोरी के कारण धम्म से कुर्सी पर बैठकर मेड का इंतजार करने लगती हैं।कमजोरी के कारण बंद आँखों में उनका अतीत चलचित्र की भाँति घूमने लगता … Read more

मां-बाप की दुआओं में भगवान के आशीर्वाद से भी ज्यादा शक्ति होती हैं.. – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

ले लाडो .. ले आया तेरे लिए साइकिल … इतने दिनों से तू साइकिल की जिद कर रही थी… तो इस महीने की तनख्वाह से तेरी साइकिल ही ले आया.. लाल रंग की चमकती  हुई  साइकिल को देखकर 14 साल की लाडो की आंखों में चमक आ गई… ए बापू.. तुम तो बड़े प्यारे  हो … Read more

बांझ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

राधिका की खुशियां थामे नहीं थम रही थी आखिर आठ साल बाद मां बनने का सौभाग्य जो मिल रहा था।खुश तो माधव भी बहुत था आखिर नाउम्मीदी के दलदल में उम्मीद का कमल खिला था । अब बांझ नहीं कहेगा कोई मुझे ये सोच सोच राधिका खुश हो रही थी । कितना कुछ सहा उसने … Read more

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