बेटी का सम्मान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” नहीं भईया…अब आप मीनू को वहाँ नहीं भेजेंगे।हाँ..उसके ससुराल वाले आकर ससम्मान ले जायें तब तो ठीक है वरना..हमारी बेटी कोई बोझ नहीं है।” सुमेश ने अपनी भतीजी के सिर पर स्नेह-से अपना हाथ रखा तो मीनू सुबक पड़ी।      ” लेकिन सुमेश…मीनू को यहाँ रहते देख रिश्तेदार क्या कहेंगे..।” महेश जी ने भाई की … Read more

कशमकश – सुधा शर्मा : Moral Stories in Hindi

विभा का विवाह हुए अभी दो महीने ही हुए थे। वह अपने पति रोहन के साथ अपनी नई जिंदगी के हर पल को जीने और समझने में लगी थी। विवाह के तुरंत बाद ही सबकुछ नया-नया और खूबसूरत लग रहा था। लेकिन जिंदगी हमेशा सरल नहीं होती। शादी के दो महीने के अंदर ही रोहन … Read more

सच्चा दोस्त – खुशी : Moral Stories in Hindi

निखिल और विनय एक  छोटे से कस्बे में रहते थे और एक फैक्ट्री में मजदूरी करते।दोनो का ही सपना था कि वो बड़े आदमी बने पर क्या करे जितनी मेहनत करते कम ही थी।घर में दोनो की पत्नियां आरती और कविता थी और उनके दो दो बच्चे थे निखिल के बच्चो के नाम आदित्य और … Read more

स्त्री मन – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

रिया ने ऑफिस में काम खत्म करने के बाद जैसे ही फोन उठाया, उसने देखा कि उसकी पुरानी सहेली स्नेहा के कई मिस्ड कॉल्स थे। ये कुछ असामान्य था, क्योंकि स्नेहा ऐसे लगातार फोन तभी करती थी जब कोई जरूरी बात हो। रिया ने फौरन ही व्हाट्सएप खोलकर स्नेहा का मैसेज पढ़ा। स्नेहा ने लिखा … Read more

” बहुरानी ” – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

प्रमोद का रिटायरमेंट हो गया था। पत्नी रंजना की सेवा अभी तीन साल शेष थी। वह ग्राम सेविका के पद पर गांँव में ही कार्यरत थी। एक ही लड़का विनोद जो पटना सचिवालय के शिक्षा विभाग में  पदाधिकारी था।  उसकी दादी प्रेमशीला उसे बहुत मानती थी। बार बार यही कहती ” मैं अपने विनोद की … Read more

हमारे लिए दुल्हन ही दहेज़ है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

विवाह का दिन था। एक दिन पहले से ही घर के हर कोने में सजावट और रोशनी की चकाचौंध थी। प्रिया का घर एक सपने जैसा लग रहा था, जैसे किसी उत्सव की तैयारियों में पूरी रौनक जुटाई गई हो। सभी रिश्तेदार, दोस्त, और आसपास के लोग इस खास मौके का गवाह बनने के लिए … Read more

आईना – डा. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

दीपिका की जिंदगी में हर दिन सूरज उगते ही एक नई जिम्मेदारी के साथ शुरू होता था। उसका हर दिन सुबह-सुबह जल्दी उठने, घर को व्यवस्थित करने, सभी के लिए नाश्ता बनाने और बच्चों के स्कूल के लिए तैयार करने में ही गुजरता। सास-ससुर के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना, पति का टिफिन तैयार करना, … Read more

ये कैसा गठबंधन – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

नई नवेली रीना अपने कमरे में बैठी आँसू बहा रही थी,सोच रही थी “न जाने पापा को इस गांव के लड़के में क्या दिखा, जो मेरी शादी यहाँ कर दी, बिना सोचे -समझें…।” तभी रेडियो में “कोई मैके को कर दे सन्देश पिया का घर प्यारा लगे…”गाना आने लगा, विजय किसी काम से कमरे में … Read more

वाग्दान – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

नीलिमा!! जल्दी करो कितनी देर लगेगी तैयार होने में वहां प्रकाश और भाभी जी हमारा इंतज़ार कर रहे होंगे” देव ने अपनी पत्नी से कहा। “आ रहीं हूं !!”तभी देव ने देखा नीलिमा अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करती हुई आ रही थी। वहां पहुंचकर नीलिमा देव को घूरते हुए बोली ,” क्यों चिल्ला रहे … Read more

इतना गुमान ठीक नहीं परिस्थितियों मौसम की तरह कब रंग बदल ले l – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

मेरा घर और मेरी जेठानी का घर दोनों थोड़ी ही दूरी पर थे आता है जब भी हम घर के कार्यों से फुर्सत में होते तो दो-चार दिन में कभी वह मेरे पास आ जाती और कभी मैं उनके घर चली जाती l हम दोनों बैठकर बातें करते l मैं तो सभी तरह की बातें … Read more

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