घुटन भरे रिश्ते से आजादी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मा क्या बहुत दर्द हो रहा है निधी को अपना हाथ सहलाते हुए देखकर निधि का 6 साल का बेटा आयुष पूछ बैठा , नहीं मेरा बेटा तूझे देखकर तो सारे दर्द भूल जाती हूं तेरी ही खातिर तो जिंदा हूं नहीं तो ये जिंदगी कोई जीने लायक थी ।और आयुष को गले से लगा … Read more

इतना गुमान ठीक नहीं परिस्थितियों मौसम की तरह कब रंग बदल ले। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

आकाश, आकाश जोर जोर से आवाज लगाने पर भी वो बस अंगड़ाई ले रहा था। उठ जाओ धूप पर्दे को चीरती हुई आंगन तक आ गई है। फिर वो बड़बड़ाने लगी ” पहले तो रात रात मोबाइल देखते रहेंगे फिर सुबह इन्हें उठाते रहो। सारे रात्रि चर प्राणी होते जा रहे है। किसी से बात … Read more

स्वार्थी रिश्ते – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

राधा चुपचाप बैठी हुई थी, लेकिन उसके मन में पुरानी यादों की एक सूनामी उमड़ रही थी। उसके चेहरे पर गहरी सोच के साथ-साथ कुछ दर्द के भाव थे, जो अतीत की उन चुनौतियों और जिम्मेदारियों की याद दिला रहे थे, जिनसे वह वर्षों से जूझती आई थी। करीब बीस साल पहले की बात है। … Read more

संगत का असर – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

नीला अपने कमरे में बैठी हुई साड़ी अलमारी से निकाल रही थी कि तभी रमा दरवाजे पर आ खड़ी हुई। “नीला दीदी, ये साड़ी तो बहुत सुंदर है, मुझे दे दो, मैं इसे पहनकर पूजा में जाऊँगी,” रमा ने आँखों में चमक लिए कहा। नीला ने मुस्कुराते हुए साड़ी उसकी ओर बढ़ा दी। “ठीक है … Read more

“बंधन प्यार का” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

सत्यवती जी का घर हमेशा स्नेह और प्रेम से भरा रहता था। उनका परिवार संयुक्त था और आपस में एकता की मिसाल था। उनके दो बेटे थे, और दोनों ही अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ साथ में रहते थे। बड़ी बहू का नाम सुनीता था और छोटी बहू का नाम राधा। सुनीता शांत और … Read more

गृह प्रवेश – सेतु कुमार : Moral Stories in Hindi

बिंदिया  बहु बनकर ससुराल  आ गयी थी. बहु के गृह प्रवेश की विधि पूर्ण कर सास गायत्री देवी ने बिंदिया के मायके से आए सारे सामान को एक खाली कमरे में रखवा कर लॉक कर दिया था.ताकि एक दो दिनों में मेहमानों की विदाई के पश्चात वो आराम से सारे सामान को खोल कर देख … Read more

पाबंदी – जौहरी : Moral Stories in Hindi

बचपन के दिन कितने अच्छे थे जब भी सोचती हूँ एक अलग ही दुनिया में गोते लगाने लगती हूँ।आम के बगीचे में परिवार के बच्चों के साथ मस्ती करते दिन कब बीत जाते थे पता ही नहीं चलता था। मैं घर में सबसे छोटी और सबकी लाडली थी।खेलते कूदते बचपन से गुजरते स्कूल का सफर … Read more

कर्तव्य – शुभ्रा बनर्जी : Moral Stories in Hindi

शांति त्रिपाठी के पति कम्युनिस्ट दबंग नेता थे।समाज में उनका रुतबा था बहुत।दो बेटे थे उनके।बड़े बेटे को विदेश भेजकर पढ़ाया था उन्होंने,और छोटे बेटे को भी फार्मेसी करवायी थी उन्होंने।बड़ा बेटा स्वदेश लौट कर अच्छी नौकरी करने लगा था।छोटे बेटे की नौकरी भी घर के पास लग गई थी। बड़े चाव से छोटे बेटे … Read more

एक था नंदू……… – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

नंदू एक बरह बारह वर्षीय सातवीं कक्षा का छात्र था।वह मेहनती मेधावी अनुशासनप्रिय था।हमेशा कक्षा में प्रथम आता था जवकि  वह  साधनों के अभाव में पढ़ाई कर रहा था कारण वह निर्धन परिवार से था। उसकी मां दूसरों के घरों में झाड़ू पोंछा करके उसे पाल रही थी। उसका पिता शराबी था जो मेहनत मजदूरी … Read more

मैं हर जन्म ईश्वर से बेटी ही मांगूगी – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

सीमा पढ़ाई में शुरू से ही बहुत होशियार थी।सभी कक्षाओं में प्रथम स्थान पर आती थी।रमेश जी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था,बेटी की कुशाग्र बुद्धि और विवेक देखकर। हायर सेकंडरी की परीक्षा समाप्त होते ही उस क्षेत्र के विधायक‌ ने रमेश जी से विनती की कि सीमा उनके नाती को घर पर … Read more

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