पश्चताप – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

जब अपने बेटों ने माँ को अपने साथ रखने से मना कर दिया तब यशोधरा जी के पास वृद्धाश्रम जाने के अलावे कोई रास्ता नहीं बचा था। हर सप्ताह रविवार को सुबोध यानि यशोधरा जी के जेठ जेठानी का बेटा वृद्धाश्रम मे दान करने के लिए आता था जब अपनी काकी  को वहाँ देखा तो … Read more

दो बच्चों की माँ – सुनीता मिश्रा : Moral Stories in Hindi

नयी बहू की मुँह दिखाई का कार्यक्रम चल रहा था, मधुर, ससुराल में रिश्तेदारों से घिरी हुई थी,तभी उसके मोबाईल की रिंगटोन बजी। “भाभी मोबाईल उठा लीजिए , शायद आपकी मम्मी का फोन हो।”ननद ने फोन उसके हाथ में दे दिया।”हाँ बहुरिया, बात कर लो। माँ को फिकर होगी।”ददिया सास ने मधुर के सिर पर … Read more

विश्वासघात – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

रवि और ज्योति की शादी लव मैरिज थी। दोनों एक-दूसरे से बहुत प्रेम करते थे और जीवन में साथ आगे बढ़ने के कई सपने देखे थे। लेकिन, रवि के परिवार, खासकर उसकी मां और बहन को यह शादी मंजूर नहीं थी। माँ ने बेटे की खुशी के लिए शादी की इजाजत दे दी, लेकिन उन्होंने … Read more

सामने वाला पार्क – नेकराम : Moral Stories in Hindi

मैं घर के नजदीक ही एक मेडिकल शॉप में काम करता था रात को जब भी घर लौटता पत्नी का चेहरा फूला हुआ देखता न जाने वह किस बात को लेकर गहरी चिंता में डूबी रहती थी शादी को 7 साल बीत चुके थे शादी के शुरूआती दिनों में तो मैंने पत्नी की इस बात … Read more

सफर की मंजिल – प्रतिभा परांजपे : Moral Stories in Hindi

रघुनाथ जैसे ही स्लिपरकोच में चढे ,उन्होंने देखा, डिब्बे मे काफी भीड थी।अपनी बर्थ नंबर 24 देखी उस पर पहले से ही दो सज्जन  बैठे थे। अपनी छोटी बैग रख उन्होंने उन दोनों पर नजर डाली । “आप की सीट है क्या ?बैठो बैठो” कहते हुए वे दोनों थोड़े-थोड़े  सरक कर बैठ गए । रघुनाथ … Read more

अपनी पगड़ी अपने हाथ – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

रमाकांत और उमाकांत दो भाई  थे।दोनों भाईयों में आपस में बहुत प्रेम था।बड़े भाई रमाकांत पढ़-लिखकर असाम में शिक्षक की नौकरी करने चले गए। उनका परिवार भी साथ रहता था।उनके माता-पिता छोटे बेटे के साथ गाँव में रहते। थे।छोटा उमाकांत गाँव में खेती-बाड़ी सँभालता था।छोटे भाई की पत्नी  कविता जबान की बहुत तेज थी।जब तब … Read more

बहु से बहुरानी तक – आशा झा सखी : Moral Stories in Hindi

 मध्यमवर्गीय परिवार में आजकल रिश्तों से अधिक धन को महत्व दिया जाने लगा है।अधिकांश लड़ाई-झगड़े,कलह-क्लेश की मुख्य वजह धन ही होता है।       आशुतोष जी के दो बेटे और एक बेटी है।  दोनों बेटे प्रियम और प्रखर  विवाहित हैं। प्रियम बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है और उसकी पत्नी निभा इंटर कॉलेज में व्याख्याता है।छोटा बेटा प्रखर  … Read more

अपना सम्मान कराना भी एक कला है – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

दिव्या एवं प्रियंक बचपन से अपनी मां को दादी,बुआ एवं पापा द्वारा प्रताड़ित होते देख बड़े हुए थे। पापा बहुत अधिक गुस्सेल एवं पुरुषोचित दंभ से  भरे हुए थे। उनके सामने मम्मी का व्यक्तित्व बहुत ही बौना था।एक स्त्री एवं उनकी पत्नी होने से उनका अस्तित्व, पहचान सिर्फ पापा से ही थी। पापा की पत्नी, … Read more

“बचा हुआ दहेज” – सेतु कुमार : Moral Stories in Hindi

गायत्री देवी की ट्रेन का समय हो चला था . उन्होंने अपनी हैंड बैग की बेल्ट कंधे पर डाल ली थी.बेटी राधा  भी मां को विदा करने के लिए खड़ी हो चुकी थीं.जाने देने का मन कहां था उसका पर वो जानती थी कि पांच बजे वाली ट्रेन के बाद देर रात तक सूरजपुर जाने … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

क़ुसूर – स्नेह ज्योति सुबह – सुबह के शोर में जब कृपाल ने आँखें खोली तो उसने देखा कि उसकी मकान मालकिन ज़मीन पर गिरी हुई है और आस-पास खून होली के रंग सा बिखरा हुआ है । थोड़ी देर में पता चला कि उसके नशेडी बेटे ने उसका ही गला काट दिया । आज … Read more

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