माँ नहीं हूँ तो क्या – विनय कुमार मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“रिश्ता पक्का हो गया है, लड़का बहुत बड़ी कंपनी में इंजीनियर है” पापा ने खुशी खुशी मिठाई दादी के मुँह में खिलाते हुए कहा। दादी भी बहुत खुश हो गई थी। मुझसे दो साल बड़ी दीदी उठकर वहां से चली गई। वजह मैं जानता था।पर दीदी खुलकर ये बात मुझसे भी नहीं कहती।माँ बचपन में … Read more

मूवी का टिकट – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

कम्मो आज केवल मां पिताजी का ही डिनर बनाना उनसे पूछ लो उन्हें क्या खाना है वहीं बना दो हम लोग बाहर जा रहे हैं राजन ने मेड के आते ही बताया। जी साब कहती कम्मो मांजी के पास पहुंच गई थी। अम्मा बताए दो क्या बना दूं खाने में आप और बाबूजी के लाने..कम्मो … Read more

मुझे तो उलाहने सुनने ही हैं… फिर आपका भी नुकसान क्यों होने दूं .. – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” देख, ये फल लाया है तेरा भाई… हम क्या ऐसे सड़े हुए फल खाएंगे!! और ये मिठाई ….. तुम्हारे मायके में ऐसी मिठाई खाते होंगे हमारे यहां तो नौकर चाकर भी ना खाएं ….. अरे औकात नहीं बेटी को देने की तो ले कर ही क्यों आते हैं ….. इस बार अपने भाई से … Read more

इतना गुमान ठीक नहीं – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कहते हैं न कि जीवन में सब दिन किसी का घमंड रहता नहीं है ‌‌ कभी न कभी टूटता ज़रूर है और जिसको सबसे ज्यादा बेइज्जत किया है उसी के सामने टूटता है ।                       ऐसे ही रमा गुमान में हर वक्त रहती थी घमंड से चूर। अपने आगे किसी को कुछ समझती ही न थी। … Read more

* बुजुर्गों का आशीष * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

   बसन्त और गौरी अपनी गृहस्थी में खुश थे। ज्यादा ऊंचे ख्वाब नहीं थे। सीधे सरल स्वभाव के खेती किसानी का काम  करते। गाँव मे सबके साथ मिलजुल कर रहते। सुख दुःख में उनके साथ रहते। दोनों बहुत मेहनती थे। जब तक माता पिता रहै दोनों ने उनकी बहुत सेवा की। दो बहिनें है, जिन्हें … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रितु और मीतू दो बहने थी | दोनो की एक ही घर में शादी हुई थी | रितु बहुत खुश रहती थी ,लेकिन मीतू बहुत दुखी  रहती थी |दोनो अपनी मम्मी से मिलने आई थी | मीतू ने बहुत सारी शिकायत अपने सास  की ,अपने मम्मी से  किया | और बोला मम्मी, सास हमको बिल्कुल … Read more

किस्मत वाली……! – डॉ विभा कुमरिया शर्मा : Moral Stories in Hindi

 शादी के बाद बेटी  स्वाति की विदाई का एक-एक पल प्राची  पर भारी पड़ रहा था ।  घर -आंगन सूना हो गया था और, परिवार के सभी सदस्यों में गहरी चुप्पी  थी। दूसरी सुबह  सामान को सही जगह पर रखते  हुए प्राची को  याद आया कि अलमारी के लॉकर की चाबी तो उसने स्वाति को … Read more

*करनी अपनो की* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     भैय्या, आप तो नौकरी में बाहर ही रहते हो,चाचा अब रहे नही,तो इस खेती बाड़ी को कौन देखेगा?       हां-हाँ ये बात तो है,कुछ सोचना तो पड़ेगा।        भैय्या, आप यदि इजाजत दे  तो आपकी जमीन को मैं बो और काट लूंगा।आपकी दोनो बेटियों की शादियों की जिम्मेदारी हमारी।आपके कारण हमारा भी काम चल जायेगा।           रविन्द्र को … Read more

मेरे सास ससुर माँ बाप से नहीं – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

गार्गी एक बात ध्यान से सुन लो जब बैंगलोर शिफ्ट हो ही रही हो तो अपने यहां का दिया समान सारा ले जाना क्या पता तुम्हारे सास,श्वसुर कद्र करें या नहीं? और वैसे भी अब आना ही क्यों है? पड़े रहेंगे ये बूढ़े,बूढ़ी यहां पर! ये भी अच्छा हुआ कंवर साहब का ट्रांसफर दूर हो … Read more

बड़ी बहू – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सामने बिस्तर पर रमा देवी बेसुध पड़ी हुई थीं। डॉक्टर ने अल्टीमेटम दे दिया था, कभी भी कुछ भी हो सकता है। बस अंतिम सांस ही बची हुई है। जितने भी परिवार और रिश्तेदार हैं सभी को बुला लीजिए। सुगंधा अपनी सास रमा देवी के पास बैठे हुए उनका सर सहला रही थी। वह बार-बार … Read more

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